बड़ी दुर्घटनाओं की बांट जोहता निगम के उद्यान, नहीं रहा अधिकारियों का ध्यान लगा सुविधाओं का ग्रहण,डीएमएफ के धनी जिले में बच्चे खेल सुविधाओं से हो रहे वंचित

भागमभाग की दौड़ में शहर में सुकून के दो पल कहां ढूंढे इंसान फाउंटेन ,मिनी ट्रेन बंद ,झूलों में लगे जंग ,घिसल पट्टी भी टूटे ,ओपन जिम के उपकरण भी खराब

कोरबा । बंद पड़े लाइट, फाउंटेन,हांफ रहे ओपन जिम के उपकरण , टूटे झूले ,तो कहीं जंग खाते झूले । बंद पड़े मिनी ट्रेन , वेव पुल शुरू होने का इंतजार । लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को बेहतर मनोरंजन व स्वास्थ्यवर्धक सेवाएं देने में नगर निगम नाकाम ,भागमभाग के इस दौर में शहर में सुकून के दो पल कहाँ ढूंढे इंसान !

जी हां औद्योगिक नगरी कोरबा के हृदय स्थल में बनाए गए उद्यानों में कुछ ऐसी ही तस्वीर आजकल नजर आती है। औद्योगिकीकरण के कारण शहर में वैसे ही पर्यावरण प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है लगातार पेड़ों की संख्या शहरीकरण की वजह से सिमटती जा रही है ऐसे में शहर वासियों को सुकून के दो पल देने , स्वास्थ्य व मनोरंजन का प्रबंध करने की जिम्मेदारी स्थानीय नगर निगम प्रशासन की है। लेकिन नगर निगम अपने इन दायित्वों में फेल नजर आता है। शहर में वैसे तो नगर निगम के रिकार्ड में दर्जनों उद्यान हैं। लेकिन 4 प्रमुख उद्यान हैं,जहां बड़ी संख्या में लोग सपरिवार सुकून के दो पल बिताने की चाह लेकर पहुंचते हैं। इन उद्यानों में सीएसईबी चौक स्थित विवेकानंद उद्यान (अप्पू गार्डन ) ,एमपी नगर स्थित महाराणा प्रताप उद्यान (कटहल गार्डन ) ,सुभाष चौक स्थित पुष्पलता उद्यान एवं घण्टाघर चौक स्थित स्मृति उद्यान शामिल है । जहां प्रतिदिन हजारों लोग बच्चे बूढ़े जवान मनोरंजन व अपने आपको को सेहतमंद बनाए रखने के लिए पहुंचते हैं। पिछले 2 वर्षों से पूरे विश्व के साथ-साथ कोरबा ने भी कोरोना की त्रासदी झेला है । इस दौरान समय-समय पर तमाम तरह की सेवाओं में पाबंदियां आवश्यकतानुसार लगाई गई, इन सेवाओं में समय समय पर उद्यान भी शामिल रहा । लेकिन पिछले 6 माह से स्थिति सामान्य हो चुकी है । जिला प्रशासन ने भी तमाम तरह की लगाई गई पाबंदियां पूर्णतः हटा दी हैं । बावजूद इसके नगर निगम कोरबा के आधिपत्य में संचालित शहर के इन उद्यानों की स्थिति नहीं बदली। हर सीजन शहर के इन प्रमुख उद्यानों में लोगों की मौजूदगी भी बढ़ती जा रही है। लेकिन इन उद्यानों में पहुंच रहे लोगों को निराशा हाथ लग रही है मनोरंजन के संसाधन (बच्चों के झूले ,फाउंटेन ,घिसलपट्टी) व स्वास्थ्यवर्धक ओपन जिम की आस में उद्यान पहुंच रहे लोग निराश नजर आ रहे हैं । लोगों से मिल रही तमाम तरह की शिकायत के आधार पर हसदेव एक्सप्रेस ने इन चारों प्रमुख उद्यानों में पहुंचकर पड़ताल की , लोगों से उनके विचार जाने। जहां प्रायः सभी उद्यानों में अव्यवस्थाओं ,अभावों का आलम नजर आया वहीं लोगों में भी नगर निगम की उदासीनता को लेकर गहरी नाराजगी दिखी।

स्मृति उद्यान में जंग खा रहे झूले ,गायब है प्लेट, फाउंटेन का इंतजार

घंटाघर में स्थापित स्मृति उद्यान शहरवासियों के मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बिंदु रहा है। यहां नगर निगम द्वारा वैसे तो लाखों रुपए खर्च कर म्यूजिकल फाउंटेन दो तो ओपन जिम, झूले,घिसल पट्टी , व बच्चों के मनोरंजन के संसाधन लगाए गए हैं लेकिन इसका नियमित रखरखाव संधारण नहीं होने की वजह से आज सभी जंग खाकर बेजार नजर आ रहे हैं। म्यूजिकल फाउंटेन बंद है तो वहीं झूलों के नीचे का प्लेट गायब है तो कई जगह झूले ही गायब हैं यही नहीं यहां की हाउसकीपिंग व्यवस्था सभी उद्यानों से बदतर है सबसे ज्यादा समस्या यहां असामाजिक तत्वों को लेकर भी लोगों को उठानी पड़ती है उद्यान के पीछे हिस्से में लगाए गए लाइट बंद रहती हैं दीवाल की हाइट भी बहुत कम है फेंसिंग नहीं हुआ है लिहाजा कुछ असामाजिक तत्व उद्यान बंद होने के बाद भी उद्यान के भीतर जंप कर प्रवेश कर जाते हैं । वह ऐसी हरकतों को अंजाम देते हैं जिसे बयां कर पाना मुश्किल है कई मौकों पर उद्यान के कर्मचारियों के साथ भी बहस की स्थिति निर्मित हो जाती है।

पुष्पलता उद्यान में भी बच्चों के लिए मनोरंजन की सुविधा नहीं, टूटे पड़े हैं झूले व कुर्सियां

पुष्पलता उद्यान में भी लिए स्मृति उद्यान की तरह ही नगर निगम की उदासीनता की वजह से लगाए गए झूले बेजार नजर आते हैं झूलों से प्लेट ही गायब हो गए हैं लिहाजा झूले को झुलाया जा सकता है ,झूले में बैठकर झूला नहीं जा सकता नागरिकों के आराम के लिए बनाए गए कुर्सियां भी टूट रही हैं। उल्लेखनीय है कि यहां बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त व वयोवृद्ध शहरवासी मनोरंजन, सुकून के दो पल बिताने के लिए अपने स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए मॉर्निंग वॉक इवनिंग वॉक के लिए पहुंचते हैं लेकिन उन्हें भी निराशा हाथ लग रही है । यहां भी म्यूजिकल फाउंटेन शुरू होने का लोगों को इंतजार है।

महाराणा प्रताप उद्यान में ओपन जिम की हालत खराब ,वाकर सहित अन्य खराब

बात करें महाराणा प्रताप उद्यान की तो एमपी नगर का यह उद्यान भी लोगों के लिए काफी मायने रखता है । बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक एवं इवनिंग वॉक के लिए यहाँ पहुंचते हैं। लेकिन इस उद्यान में लगाए गए तो ओपन जिम की हालत बद से बदतर है। एयर वाकर लंबे अर्से से खराब पड़ा हुआ है इसके अलावा क्रॉस ट्रेनर एवं अन्य उपकरण खराब हो रहे हैं। जिससे लोग निराश हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए यहाँ कोई सुविधाएं नहीं है।