जांजगीर-चांपा । जिले में सोमवार तड़के हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर फूटने से करीब 2 किमी के दायरे में पानी भर गया है। इसके चलते खेत में खड़ी 100 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई। तड़के पानी लोगों के घरों में घुसा तो हड़कंप मच गया। उस समय पूरा गांव सो रहा था। खास बात यह है कि करीब 7 दिन पहले ही किसानों ने नहर से पानी रिसने की शिकायत की थी, लेकिन अफसर-कर्मचारियों ने अनसुना कर दिया। आज भी सूचना मिलने के बाद दोपहर में अफसर मौके पर पहुंचे। पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि खेतों को पार करता हुआ ग्रामीणों के घर में घुस गया।

जानकारी के मुताबिक, पामगढ़ क्षेत्र के बार गांव में हसदेव बांगो परियोजना के तहत मुख्य नहर का निर्माण किया गया है। इस नहर से धान की खरीफ फसल के लिए पानी छोड़ा जा रहा था। इसी दौरान सोमवार तड़के करीब 3.30 बजे तेज आवाज के साथ नहर फूट गई। इसके चलते पूरे इलाके में पानी फैल गया। पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि खेतों को पार करता हुआ ग्रामीणों के घर में घुस गया। इसके बाद हड़बड़ाए ग्रामीण घर से बाहर निकल कर भागे। इसके बाद ग्रामीणों को नहर फूटने का पता चला। नहर फूटने से करीब 2 किमी के दायरे में पानी भर गया है।

30 से 40 किसानों की धान की फसल
बर्बाद
ग्रामीणों ने बताया कि नहर फूटने से आए पानी के चलते 30 से 40 किसानों की करीब 100 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। किसान इसके लिए नहर विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि घटिया निर्माण की वजह से यह आफत आई है। वहीं गांव के किसान शिवनारायण कश्यप ने बताया कि अधिकारियों को सप्ताह भर पहले ही इस बात की सूचना दे दी गई थी कि बार गांव के पास मुख्य नहर से पानी रिस रहा है, कभी भी बड़ी घटना घट सकती है, लेकिन शिकायत को अनसुना कर दिया गया।
कलेक्टर के निर्देश पर पामगढ़ एसडीएम बीएस मरकाम
जल संसाधन विभाग के अधिकारी और तहसीलदार सहित अन्य राजस्व अफसर गांव पहुंचे और निरीक्षण किया। सरपंच बोली-शासन मुआवजा देने के साथ जिम्मेदारी तय करे गांव की सरपंच लक्ष्मी कश्यप ने कहा की विभागीय अनदेखी की वजह से किसानों का जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई शासन को जल्द से जल्द करनी होगी। साथ ही इस मामले पर जिम्मेदारी भी तय करनी होगी। सूचना मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर पामगढ़ एसडीएम बीएस मरकाम, जल संसाधन विभाग के अधिकारी और तहसीलदार सहित अन्य राजस्व अफसर गांव पहुंचे और निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग की ओर से नहर के क्षतिग्रस्त हिस्से को मरम्मत किया जा रहा है। नहर फूटने से आए पानी के चलते 30 से 40 किसानों की करीब 100 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।
प्रभावित परिवारों के लिए राशन की व्यवस्था की गई
पामगढ़ एसडीएम मरकाम ने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना कर मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। फसल सहित अन्य नुकसान की रिपोर्ट बनाई जा रही है। प्रभावितों को राहत पहुंचाई जाएगी। जिन ग्रामीणों के घर में पानी की वजह से नुकसान हुआ है, उन परिवारों के राशन की व्यवस्था कराई गई। प्रशासन के मुताबिक फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और किसी तरह की जनहानि भी नहीं हुई है।