कोरबा । कभी स्वच्छता तो कभी गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर सुर्खियों में रहने वाला नगर पालिक निगम कोरबा एक बार विपक्ष सहित आम जनता के निशाने पर है।जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी )से 11 करोड़ की लागत से मरम्मत कराए गए शहर के प्रमुख मार्ग के सड़क एक बरसात भी नहीं झेल सके। भ्रष्टाचार की परतें लगी डामरीकरण पूरी तरह उखड़ गया। करोड़ों की शासकीय राशि का बंदरबाट एवं आम जनता को आवागमन में हो रही तकलीफों से आक्रोशित भाजपा ने मंगलवार को शहर में अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया । नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में भाजपा पार्षद कार्यकर्ताओं ने जर्जर सड़क की मरम्मत कराने दुकानदारों से भीख मांगकर महापौर के लिए 2620 रुपये जुटाए। महापौर की अनुपस्थिति में उक्त राशि कार्यालय के बाहर छोंड़कर चले गए। यह अनूठा विरोध प्रदर्शन शहर में चर्चा का केंद्र बना रहा।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि नगर निगम कोरबा की प्रमुख सड़कों का डीएमएफ की लगभग 11 करोड़ की राशि से मरम्मत का कार्य कराया गया था । जिसमें ठेकेदारों से जमकर कमीशनखोरी महापौर द्वारा की गई है और सड़क का भ्रष्टाचार महज 2 से 3 महीने में पहली बारिश में ही खुलकर सामने आ गया। निगम क्षेत्र की प्रमुख सड़कों की गिट्टी उखाड़ कर ऊपर आ गई है जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है और दुर्घटनाओं की संभावना बनी है । इसी के विरोध में भाजपा नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल , सहित कोसा मंडल क्षेत्र के कार्यकर्ता दुकानदारों से हाथ मे कटोरा लेकर भीख मांगते नजर आए। पूछने पर उन्होंने बताया कि यह भीख की एकत्र राशि महापौर को कमीशन के रूप में दी जाएगी ताकि वह ठेकेदार से कमीशन ना ले और गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण करवाएं। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं का यह अनोखा अंदाज शहर में कौतूहल का विषय बना रहा और हो भी क्यों न लोगों का कहना है कि हर साल मरम्मत के नाम पर करोड़ों की राशि मरम्मत मे खर्च करने के नाम पर ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारी एवं महापौर के द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी जाती है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भीख में मांगी गई कुल राशि को नगर निगम में जाकर महापौर को देने की कोशिश की गई लेकिन महापौर के अनुपस्थिति में यह रकम कार्यालय के बाहर रख दिया गया है ।

