हसदेव एक्सप्रेस न्यूज अम्बिकापुर । अब सरगुजा जिले के अम्बिकापुर स्थित कलेक्टोरेट आने वाले फरियादियों को अपनी मांग ,समस्याओं ,शिकायतों से जुड़े प्रकरणों से जिले के मुखिया (कलेक्टर )को अवगत कराने आवेदन पत्र तैयार करने के अभाव में नहीं भटकना पड़ेगा। जी हां आम जनता के हितों के लिए हमेशा बेहतर करने की मंशा के साथ कलेक्टर कुंदन कुमार ने अम्बिकापुर कलेक्टोरेट में निःशुल्क आवेदन लेखन डेस्क की स्थापना कर दी है। जहां तैनात ऑपरेटर दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों द्वारा मांग एवं समस्याओं संबंधी विषय वस्तु बताते ही चंद मिनटों में आवेदन तैयार कर देंगे। इस व्यवस्था से बड़ी संख्या में जरूरतमंद लाभान्वित होंगे। प्रदेश में संभवतः सरगुजा पहला जिला है जहां कलेक्टर कुंदन कुमार ने इस तरह की अनूठी सुविधा प्रदान कर आम जनता का शासन प्रशासन के प्रति विश्वास में और बढोत्तरी कर दी।

यहां बताना होगा कि अम्बिकापुर कलेक्टोरेट में बड़ी संख्या में प्रति सप्ताह कलेक्टर जनदर्शन में लोग अपनी मांगों समस्याओं ,एवं शिकायत को लेकर कलेक्टर के समक्ष पहुंचते हैं। इन फरियादियों में दूरस्थ अंचल से बड़ी संख्या में आए फरियादी भी शामिल रहते हैं।इनमें कई ऐसे वयोवृद्ध व अन्य ग्रामीण शामिल रहते हैं जो कम पढ़े लिखे रहते हैं उन्हें आवेदन करने के तौर तरीकों का ज्ञान नहीं रहता। साथ ही ग्रामीण अंचलों में टाइपिंग वगैरह की सुविधा के अभाव में वे सीधे बिना आवेदन के कलेक्टोरेट पहुंच जाते हैं। आवेदन के अभाव में मौखिक रूप से बताई गई मांगों समस्याओं शिकायतों से जुड़ी प्रकरणों का निराकरण कर पाना संभव नहीं रहता न ही उसे कार्रवाई में लिया जा सकता है। लिहाजा ऐसे जरूरतमंद आवेदकों को राहत प्रदान करने कलेक्टर कुंदन कुमार ने एक अनूठी व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए अब कलेक्टोरेट परिसर में निःशुल्क आवेदन लेखन डेस्क की स्थापना किया है। इस व्यवस्था से दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों को आवेदन तैयार कराने में बड़ी राहत मिली है। निःशुल्क आवेदन लेखन डेस्क के नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर एएल ध्रुव को बनाया गया है।कलेक्टोरेट परिसर स्थित कलेक्टर रीडर कक्ष के पास निशुल्क आवेदन लेखन डेस्क स्थापित किया गया है जिसमें कम्प्यूटर सिस्टम व प्रिंटर सहित एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की गई है। ग्रामीण हेल्प डेस्क में आकर आवेदन तैयार करने के संबंध में ऑपरेटर को जानकारी देते हैं और ऑपरेटर निःशुल्क उनके लिए आवेदन तैयार करता है। इस निःशुल्क आवेदन लेखन डेस्क के शुरू होने से बाहर से आने वाले ग्रामीणों को आवेदन तैयार कराने में इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा तथा आवेदन तैयार करने में अनावश्यक पैसे की भी बचत हो रही।