न विज्ञापन प्रकाशन न कलेक्टर अनुमोदन न परीक्षा में बैठे ,बन गए बाबू ,महिला एवं बाल विकास विभाग जशपुर में फर्जीवाड़ा कर तत्कालीन अधिकारी लिपिक ने रिश्तेदारों को बना दिए लिपिक ,जिले से नस्ती ही ले उड़े,अब शासन को देना होगा जवाब

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज जशपुर । महिला एवं बाल विकास विभाग जशपुर में वित्तीय वर्ष 2013 -14 से 2016 -17 के मध्य लिपिकों की फर्जी नियुक्ति कर दी गई। अयोग्य अभ्यर्थी बिना प्रक्रिया पूरी किए लिपिक बन गए । भर्ती प्रक्रिया की समस्त नस्ती भी जिला कार्यालय से तत्कालीन अधिकारी व लिपिक ले उड़े। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है ,मामले में आवश्यक कार्रवाई हेतु राज्य शासन को शिकायत की गई है।

यहां बताना होगा कि आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2013 -14 से 2017 -18 के मध्य लिपिकों की सीधी भर्ती की गई। लेकिन तत्कालीन डीपीओ एवं लिपिक (जो अभी रायगढ़ जिले में सेवाएं दे रहे ) ने अपने रिश्तेदारों सहित अन्य को लाभ पहुंचाने ऐसा फर्जीवाड़ा किया कि सारे नियम कायदे ही ताक पर रख दिए । भर्ती प्रक्रिया में कलेक्टर अनुमोदन ,विज्ञापन प्रकाशन ,दावा आपत्ति प्रकाशन,वर्गीकरण सूची ,यहां तक कि परीक्षा लिए बिना लिपिकों की भर्ती कर दी गई । इन लिपिकों में तत्कालीन डीपीओ के साला चितरंजन बंजारे एवं तत्कालीन लिपिक की पुत्री आरती चौहान भी शामिल रहीं। चितरंजन बंजारे वर्तमान में बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ विकासखंड के भटगांव परियोजना में सहायक ग्रेड -2 लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। वहीं आरती चौहान की पदस्थापना तो भले ही रायगढ़ जिले में है पर उन्हें पिछले कुछ सालों से बालिका गृह बिलासपुर अटैच किया गया है । उनका वेतन आहरण भी नियम विरुद्ध तरीके से दूसरे जिले से हो रहा। वहीं प्रिया यादव कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जशपुर में पदस्थ हैं।

इस फर्जीवाड़े प्रकरण की जानकारी मिलने पर सूचना का अधिकार के तहत जिला कार्यक्रम अधिकारी जशपुर के यहां भर्ती संबंधी नस्ती( कलेक्टर अनुमोदन ,विज्ञापन प्रकाशन ,दावा आपत्ति प्रकाशन,वर्गीकरण सूची)
की सत्यप्रतिलिपि मांगी गई थी। लेकिन जिला कार्यालय से तबादला के दौरान ही अधिकारी व लिपिक समस्त नस्ती ले उड़े। लिहाजा प्रभार में कोई भी दस्तावेज प्रभारी लिपिक को नहीं मिला। वो लिपिक हाल ही में सेवानिवृत्त हो गए थे। जिला कार्यालय से जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपीलीय अपर कलेक्टर जशपुर के यहां अपील की गई थी। जिसमें नियमानुसार प्रकरण का अध्ययन करने,उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आवेदक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 27 जून 2022 को आदेश पारित किया गया था। जिसमें कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में वर्णित प्रावधान के तहत अपीलार्थी को 7 दिवस के भीतर चाही गई जानकारी निःशुल्क प्रदाय कर कार्यालय को अवगत कराने का लेख किया गया था। लेकिन आदेश पारित होने के एक माह बाद भी प्रभार में भर्ती प्रक्रिया सम्बंधी नस्ती नहीं मिलने पर आवेदक को उपलब्ध नहीं कराया जा सका।लिहाजा इस गम्भीर प्रकरण की शिकायत राज्य सूचना आयोग ,प्रमुख सचिव ,संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग,लोक आयोग को की गई है। भर्ती को निरस्त कर दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच बिठाने की मांग की गई है।

दो को मिल गई पदोन्नति

प्रकरण में दो लिपिकों को पदोन्नति मिल गई है।बलौदाबाजार जिले के भटगांव परियोजना में पदस्थ लिपिक सहायक ग्रेड -3 चितरंजन बंजारे को सहायक ग्रेड -2 पर पदोन्नत कर दिया गया है।वहीं कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जशपुर में पदस्थ लिपिक प्रिया यादव भी सहायक ग्रेड -2 के पद पर पदोन्नत की गई हैं। इस तरह फर्जीवाड़े के आधार पर लिपिक शासन को धोखे में रख हर साल लाखों रुपए वेतन आहरण कर राजस्व क्षति पहुंचा रहे हैं। दोनों लिपिकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर शासकीय राशि की रिकवरी की जानी चाहिए।

वर्जन

प्रभार में नहीं मिली नस्ती, शासन से मांगा है मार्गदर्शन

तत्कालीन अधिकारी कर्मचारियों ने प्रभार में भर्ती संबंधी नस्ती लिपिक को प्रभार में नहीं सौंपा था। लिहाजा आवेदक को जानकारी प्रदान नहीं किया जा सका। राज्य शासन को वस्तुस्थिति से अवगत कराकर मार्गदर्शन मांगा गया है।

अरुण पांडेय ,डीपीओ ,मबावि जशपुर