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धनीराम की पत्नी सुमीत्रा ने बताया कि उनपर कॉपरेटिव बैंक का 61 हजार रुपये कर्ज है और व्यापारियों का भी कर्ज था. दो बेटियां हैं जिनकी शादी करनी थी.11 क्विंटल धान बेच पाने की जानकारी मिलते ही धनीराम परेशान हो गए थे.
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिला बस्तर में कर्ज में डूबे एक किसान ने आत्महत्या कर ली. बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले के बड़ेराजपुर तहसील के मारंगपुरी निवासी धनीराम (40) अपने खेत का रकबा कम होने के चलते दुखी थे.
दरअसल, पटवारी ने गिरदावरी रिपोर्ट गलत निकाली थी जिसमें किसान का रकबा घट गया था जिसके चलते सौ क्विंटल धान बेचने की उम्मीद लगाए किसान को सिर्फ 11 क्विंटल की अनुमति ही मिली थी. इस बात से हताश किसान धनीराम ने आत्महत्या कर ली. वह कर्ज में डूबा था.
मामले में कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने पटवारी को निलंबित कर दिया है. साथ ही तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.जिले के कलेक्टर पुष्पेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि अनुुविभागीय दंडाधिकारी की जांच के दौरान गिरदावरी रिपोर्ट में खामी सामने आई है. इससे कई किसानों का रकबा शून्य या फिर कम हो गया है. ऐसे सभी किसानों की सूची तीन दिन के भीतर तैयार करने को कहा गया है.
शुक्रवार को ऐसे 24 प्रकरण सामने आए हैं, नई सूची को रायपुर भेज कर उसे सॉफ्टवेयर में अपडेट किया जाएगा. इस मामले में राजस्व विभाग का जांच दल मारंगपुरी पहुंचा और धनीराम के खेत और धान खरीद की केंद्र के सॉफ्टवेयर की जांच की. जांच में पाया गया कि धनीराम ने 2.713 हेक्टेयर भूमि पर धान बोया था, लेकिन पटवारी ने गिरदावरी रिपोर्ट में 0.320 हेक्टेयर में ही धान की प्रविष्टि की थी जिससे फसल एंट्री में गलती के कारण किसान का रकबा कम हो गया था.धनीराम के रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम ने बताया कि, ”धनीराम के पास 6.50 एकड़ की भूमि का स्वामित्व पट्टा है जिसमें 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी में था, जब धनीराम ने टोकन काटने के लिए लैम्प में मुझे भेजा तो उसे पता लगा कि वह केवल 11 क्विंटल धान ही बेच सकेगा.” यह बात पता चलने पर धनीराम को काफी परेशान हुआ.धनीराम की पत्नी सुमित्रा ने बताया कि उनपर कॉपरेटिव बैंक का 61 हजार रुपये कर्ज है और व्यापारियों का भी कर्ज था. दो बेटियां हैं, जिनकी शादी करनी थी.11 क्विंटल धान बेच पाने की जानकारी मिलते ही धनीराम परेशान हो गए थे. बुधवार की रात वह सोए नहीं और गुरुवार को खेत की ओर जाकर फांसी लगा ली.