जशपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था भगवान भरोसे , दीपावली दहलीज पर कुनकुरी परियोजना में 3 माह से 423 केंद्रों के कार्यकर्ताओं को नहीं मिला मानदेय , एलाटमेंट नहीं मिलने की सफाई ,जूनियर को प्रभार सौंपकर एक माह बाद ट्रेनिंग से लौटीं प्रभारी परियोजना अधिकारी

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज जशपुर । महिला एवं बाल विकास विभाग की जशपुर में समय पर हितग्राहियों तक रेडी टू ईट का वितरण नहीं होने की गम्भीर शिकायतों से मचा बवाल अभी शांत नहीं हुआ है कि विभाग के कुनकुरी परियोजना में प्रशासनिक व्यवस्था ढीली पड़ने का मामला प्रकाश में आया है। जहां परियोजना कार्यालय की लापरवाही के कारण 11 सेक्टर के 423 कार्यकर्ताओं को
पिछले 3 माह माह से मानदेय नहीं मिला। परियोजना अधिकारी ने आबंटन मिलने में देरी का हवाला देकर अपने दायित्वों से इतिश्री कर ली।

जानकारी के अनुसार जशपुर जिले के कुनकुरी परियोजना में कुल 11 सेक्टर हैं जिसके अधीन 423 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 6500 एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में 4500 रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है । वहीं सहायिकाओं को 3250 रुपए मानदेय मिलता है। इतना न्यूनतम मानदेय के बावजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका केंद्रों में विभाग के समस्त योजनाओं के संचालन से लेकर अधकारियों द्वारा समय समय पर सौंपे गए कार्यदायित्वों का पूरी संजीदगी से निर्वहन करते आ रही हैं। लेकिन कुनकुरी परियोजना जो प्रभारी परियोजना अधिकारी के भरोसे संचालित हो रहा लचर प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वजह से सिसक रहा है। जी हां यहां के 423 आँगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता सहायिकाओं को पिछले 3 माह से वेतन नहीं मिला। सुनने में भले ही यकीन न हो। पर यह सोलह आने सच है। परियोजना अधिकारी भले इसके पीछे समय पर आबंटन न मिलने का हवाला दे रही हों पर यह तर्क अन्य परियोजनाओं को समय पर पर्याप्त आबंटन मिलने से गले नहीं उतर रहा। बहरहाल मानदेय नहीं मिलने की वजह से कार्यकर्ता सहायिकाओं के परिवार का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। दुकानदार उन पर दबाव बना रहे।

वरिष्ठ के रहते कनिष्ठ को प्रभार देकर एक माह की ट्रेनिंग में चली गईं थीं सीडीपीओ ,बोलीं किसे दूँ चार्ज यह मेरा अधिकार

कुनकुरी की प्रभारी परियोजना अधिकारी किरदुला तिग्गा को नियम कायदों से कोई सरोकार नहीं है। वे अवकाश या विभागीय प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ पर्यवेक्षकों लछन राम सोरेन,एंद्रियाना मिंज ,एमरेंसिया मिंज के रहते हुए कनिष्ठ पर्यवेक्षक चम्पा देवी को प्रभार देकर चली जाती हैं। दो दिन पूर्व ही एक माह की विभागीय प्रशिक्षण से लौटीं प्रभारी परियोजना अधिकारी सुश्री तिग्गा ने कनिष्ठ पर्यवेक्षक चम्पा देवी को प्रभार सौंप दिया था। इस दौरान कार्यालय की अनुशासन से लेकर प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई रही।दीपावली के पर्व के बीच कार्यकर्ता सहायिकाओं का आबंटन होने के बावजूद भी मानदेय खाते में न डलना इन्हीं अव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि खाते में राशि डाल दिए जाने का दावा किया जा रहा है ।

कलेक्टर साहब तत्काल मीटिंग लीजिए

जिस तरह मनोरा सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट की प्राप्ति के बावजूद हितग्राहियों को समय पर रेडी टू ईट नहीं बंटने के बाद अब कुनकुरी परियोजना से कार्यकर्ताओं को 3 माह का मानदेय नहीं मिलने ,कनिष्ठ को वरिष्ठ की जगह प्रभार दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है उसने स्पष्ट कर दिया है । जिले में विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था लड़खड़ा रही है। निसंदेह जशपुर एक वृहद जिला है अधिकारियों का सभी परियोजनाओं में नियमित निरीक्षण कर पाना असंभव है लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट लाया जाना नितांत आवश्यक हो गया है।जिसे देखते हुए जिले के तेज तर्रार कलेक्टर रवि मित्तल जी को तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक लेनी चाहिए।

वर्जन

नहीं मिला था एलाटमेंट,डाल दिए हैं,हम जिसको चाहें उसको दे सकते हैं प्रभार

अलाटमेंट नहीं मिला था ,दिए हैं ,कल ही मिला ,चढ़ा दिए हैं। किसको प्रभार में दूँ यह मेरा अधिकार है हम जिसको चाहें उसको दे सकते हैं। जो काम नहीं करेंगे उनको कैसे देंगे।

कुरदुला तिग्गा ,प्रभारी परियोजना अधिकारी कुनकुरी ,मबावि जिला जशपुर