कोरबा। ईडी की जांच की जद में आईं आदिवासी विकास विभाग कोरबा की सहायक आयुक्त माया वॉरियर को सामान्य प्रशासन विभाग के स्थानातंरण नियमों की परवाह नहीं है। सहायक आयुक्त ने शासन के नियम कायदों को ताक में रखकर स्थानांतरित लिपिक को 26 दिन बाद भी भारमुक्त नहीं किया। जिससे अधिकारी की कार्यशैली सुर्खियों में है ।

यहां बताना होगा कि सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह ने हाल ही में समस्त भारसाधक सचिव छत्तीसगढ़ शासन एवं समस्त कलेक्टरों को स्थानातंरण आदेश का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कई जिलों में स्थानांतरित अधिकारी कर्मचारियों को भारमुक्त नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर कर कलेक्टर कांफ्रेंस से पूर्व 6 अक्टूबर तक आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर अवगत कराने की बात कही थी। शासन के नियमानुसार स्थानातंरण तिथि से 15 दिवस के भीतर भारमुक्त करने का प्रावधान है ऐसा नहीं करने पर सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी स्वमेव भारमुक्त माने जाते हैं। लेकिन आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में आदिवासी विकास विभाग को अपने ही विभागीय सचिव के आदेशों की परवाह नहीं ।30 सितम्बर को आदिवासी विकास विभाग के लिपिक अमन कुमार राम सहायक ग्रेड -3 का पाली स्थानातंरण कर दिया गया था। ये 26 दिन बाद भी आज पर्यन्त भारमुक्त नहीं किए गए। जबकि उसी विभाग में सहायक ग्रेड -2 अरुण दुबे का स्थानांतरण गौरेला -पेंड्रा मरवाही जिले के लिए उसी दिन किया गया था। श्री दुबे को तत्काल रिलीव कर दिया गया। पर अमन राम के लिए मैडम माया की ऐसी कृपा बरस रही कि निर्धारित मियाद बीतने के पखवाड़े भर बाद भी लिपिक अमन राम रिलीव नहीं किए गए। हाल ही में ईडी की जद में सहायक आयुक्त माया वॉरियर आई थीं। उनके दुर्ग जिले के भिलाई स्थित जुनवानी के चौहान टाउन में ईडी ने दबिश देकर घण्टों जांच की थी। जांच के दौरान ईडी के हाथ क्या लगा इसका तो खुलासा नहीं हो सका,लेकिन ईडी के जांच के चर्चे दुर्ग से कोरबा तक होती रही। आदिवासी विकास विभाग पिछले एक सालों में डीएमएफ सहित केंद्रीय मदों के राशि की बंदरबाट को लेकर सुर्खियों में रहा है। लिपिक अमन राम सहायक आयुक्त माया वॉरियर के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे में लिपिक अमन राम को भरमुक्त कर काम कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में ही कार्य लिए जाने से कहीं न कहीं किसी बड़ी गड़बड़ी के आसार नजर आ रहे। जिला प्रशासन को चाहिए कि तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर स्थानान्तरित लिपिक को तत्काल भारमुक्त कराए,अन्यथा आने वाले वक्त में ईडी के एक और छापेमारी से इंकार नहीं किया जा सकता।