पहला दौरा: नटराजन की यॉर्कर पर नाचते रहे आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज

कहते हैं, सफलता के लिए भाग्य का साथ जरूरी है। लेकिन यह भी कहा जाता है कि बगैर हुनर और मेहनत, भाग्य के सहारे बहुत दूर तक मंजिल तय नहीं की जा सकती। ये लाइनें भारतीय टीम में पादार्पण करने वाले तेज गेंदबाज टी नटराजन के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने कभी भारत की सीनियर टीम में खेलने का सपना संजोया था, भाग्य और मेहनत के सहारे उन्होंने इसे तेजी से पूरा भी किया। आस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम के साथ पदार्पण मैच में उसी की सरजमीं पर उम्दा प्रदर्शन से नटराजन ने दुनियाभर के क्रिकेटरों को प्रभावित किया।

बाएं हाथ के तामिलनाडु के इस तेज गेंदबाज को कम समय में ही भारतीय टीम में ‘यॉर्कर किंग’ के नाम से प्रसिद्धि मिली है।

उनमें बचपन से ही यॉर्कर फेंकने की प्रतिभा थी। टेनिस गेंद के सहारे स्थानीय मैचों में भी नटराजन यॉर्कर से विपक्षी टीम को धराशायी कर देते। हालांकि भारतीय टीम में प्रवेश के लिए तमिलनाडु प्रीमियल लीग ने उनकी राह बनाई।

टीएनपीएल में शानदार प्रदर्शन से वाहवाही लूटने वाले नटराजन को इंडियन प्रीमियर लीग में जगह मिली। आइपीएल 2020 में उम्दा खेल के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उन्हें आस्ट्रेलिया दौरे के लिए दल में शामिल किया। इसके बाद भाग्य के सहारे वह आगे का रास्त तय करते गए।

दरअसल, आइपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद आस्ट्रेलिया दौरे के लिए 29 अक्तूबर को घोषित दल में चार नए गेंदबाजों को जगह दी गई। कार्तिक त्यागी, कमलेश नागरकोटी, ईशान पोरेल और टी नटराजन ये चार युवा थे। इन्हें नेट पर गेंदबाजी के लिए भारतीय दल में शामिल किया गया था।

आइपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए 16 विकेट चटकाने वाले इस 29 साल के खिलाड़ी ने यह नहीं सोचा था कि उन्हें इतनी जल्दी अंतरराष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिलेगा। लेकिन इसके बाद भाग्य ने नटराजन का साथ दिया। भारतीय टीम में टी-20 के लिए शामिल किए गए नवदीप सैनी चोटिल हो गए। इससे नटराजन को खेलने का मौका मिल गया।

तीन एकदिवसीय मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल किए गए नटराजन को अंतिम मैच में खेलने का मौका मिला। उन्होंने इस मुकाबले में प्रभावित किया। इस मुकाबले मे 10 ओवर में नटराजन ने दो विकेट चटकाए। इस दौरान उनकी गेंदबाजी इकोनॉमी सात के करीब रही। नटराजन का यह प्रदर्शन इसलिए भी खास है क्योंकि इस मैच में अन्य गेंदबाजों ने प्रति ओवर आठ से दस रन लुटाए।

वहीं तीन टी-20 मैचों में उन्होंने छह विकेट चटकाए। इस दौरान उनकी इकोनॉमी रेट काफी प्रभावी रही। अंतिम ओवरों में यॉर्कर फेंकने की खूबी के कारण नटराजन ने आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को खूब परेशान किया।

पहले टी-20 मैच में बाएं हाथ के गेंदबाज ने चार ओवर में तीन रन देकर तीन विकेट हासिल किए। वहीं दूसरे टी-20 मैच में चार ओवर में महज 20 रन खर्च कर नटराजन ने दो विकेट चटकाए। इस दौरान उनकी इकोनॉमी पांच की रही। तीसरे टी-20 मैच में चार ओवर में इस गेंदबाज ने चार ओवर में 33 रन देकर एक विकेट हासिल किया। नटराजन के इस खेल से भारतीय टीम को टी-20 विश्व कप के लिए एक बेहतरीन गेंदबाज मिल गया है।

आस्ट्रेलिया में कंगारू टीम के खिलाफ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की एक सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में नटराजन ने लसिथ मलिंगा और जसप्रीत बुमराह की बराबरी कर ली है। बुमराह ने साल 2016 में आस्ट्रेलिया में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में छह विकेट लिए थे और ऐसा ही कमाल लसिथ मलिंगा ने साल 2017 में किया था। अब एक बार फिर से ऐसी ही सफलता टी नटराजन ने आस्ट्रेलिया की धरती पर दोहराई।