बलरामपुर में फिर बाघ का आतंक ,पानी की तलाश में इरिया नदी के किनारे पहुंचा ,कई मवेशियों का किया शिकार ,दहशत में ग्रामीण

बलरामपुर-रामानुजगंज। जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र में मंगलवार को एक बार फिर बाघ विचरण करता हुआ दिखा। बाघ पानी की तलाश में इरिया नदी के किनारे पहुंचा था। इस दौरान ग्रामीणों की नजर उस पर पड़ी, तो वे दहशत में आ गए। हालांकि कुछ लोगों ने मोबाइल से उसकी फोटो खींच ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

बाघ के एक बार फिर गांव से लगी नदी में पहुंचने से आसपास के ग्रामीणों में डर का माहौल है। पिछले 15 दिनों से सूरजपुर और बलरामपुर जिले के सरहदी क्षेत्रों में विचरण कर रहे बाघ ने कई मवेशियों को अपना शिकार बना लिया है। 28 फरवरी को बाघ वाड्रफनगर-अंबिकापुर मार्ग पर वाड्रफनगर से करीब 5 किमी दूर कैलाशपुर जंगल में घूमते हुए देखा गया था। इस दौरान उसने एक जंगली सुअर का शिकार किया था। स्टेट हाईवे के किनारे वह उसका मांस खाते दिखा था।

नदी में विचरण करते बाघ को देख ग्रामीणों ने मोबाइल से खींची फोटो

1 मार्च को बाघ दिनभर कैलाशपुर व पनसरा के जंगल में विचरण करता रहा और फिर बच्छराजपुर कुंवर धाम जंगल की ओर चला गया था। वन विभाग द्वारा आशंका जताई जा रही है कि बाघ यहां से सेमरसोत अभयारण्य की ओर जा सकता है। इसी बीच मंगलवार को फिर से बाघ वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम गोवर्धनपुर से गुजरे इरिया नदी के पास देखा गया। यहां बाघ पानी पीने के लिए आया था।बाघ के देखे जाने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी है। वन विभाग बाघ के मूवमेंट पर नजर रख रहा है। विभाग ने लोगों को जंगल के पास नहीं जाने के लिए हिदायत दी है। साथ ही नदी किनारे जाने पर भी सतर्क रहने की चेतावनी दी है।