कलेक्टर श्री झा ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत स्वच्छता रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना,रथ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वच्छता संदेश का करेंगे प्रचार-प्रसार

कोरबा । कलेक्टर संजीव झा ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट परिसर से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत स्वच्छता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। स्वच्छता रथ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वच्छता संदेश का प्रचार-प्रसार करेंगे। इसके तहत गांव में खुले शौच मुक्त स्थायित्व को बनाये रखने, सामुदायिक एवं हाईवे शौचालय का निर्माण, कोष कचरा प्रबंधन एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता का कार्य किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों की तर्ज पर गांवो का भी स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाएगा। प्रचार-प्रसार रथ जिले के सभी विकासखण्डों के गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।

इसके अंतर्गत ग्रामीणों को स्वच्छ आदतों को अपनाने के बारे में जागरूक किया जाएगा। साथ ही भोजन से पहले एवं शौच के बाद साबुन से हाथ धोने, शौचालय का नियमित उपयोग करने, व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान देने, पेयजल एवं भोज्य पदार्थों को हमेशा ढंककर रखने, कचरा इधर-उधर नहीं फेंकने, घर से निकलने वाले गीला कचरों से घरों पर ही जैविक खाद तैयार करने एवं धार्मिक स्थल, तालाब, पेयजल स्रोतों को स्वच्छ रखने के बारे में जागरूक किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन का प्रथम चरण 2014-2019 तक रहा है। वर्तमान में स्वच्छ भारत मिशन का द्वितीय चरण संचालित है, जो कि 2020-21 से 2024-25 तक प्रभावशील होगी। द्वितीय चरण का मुख्य उद्देश्य गांव की खुले में शौचमुक्त स्थिति को बनाये रखना और ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई के स्तर में सुधार लाकर उन्हें ओडीएफ प्लस गांव बनाना है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत खुले में शौच मुक्त स्थायित्व को बनाये रखने के लिए शौचालय विहिन परिवारों के घरों में शौचालय का निर्माण करवाकर उनकी उपयोगिता सुनिश्चित कराई जाएगी। साथ ही अस्थायी, प्रवासी आबादी के लिए ग्राम पंचायत के मांग पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा गांवो में ठोस एवं सूखा कचरा प्रबंधन का कार्य भी सभी गांवों में किया जाएगा। साथ ही घरों एव सामुदायिक स्तर पर कम्पोस्ट पीट तथा प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के कार्य भी प्रस्तावित किए गए हैं। मिशन अंतर्गत गोबरधन योजना के तहत मवेशियों के मल, सब्जी के अपशिष्ट तथा अन्य जैव अपशिष्टों से बायो गैस प्लांट लगाये जाने के प्रावधान हैं। तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत रसोई तथा स्नानागार से निकलने वाले गंदे जल और बारिश के पानी के लिए निजी तथा सामुदायिक सोक पीट निर्मित किए जाने के प्रावधान हैं, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सोक्ता पीट का निर्माण किया जा रहा है।