एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान में सुरक्षित नहीं कर्मियों की जान ,लूट रही करोड़ों की संपत्ति , डीजल कोयला कबाड़ माफियाओं पर एसईसीएल मेहरबान !सँयुक्त श्रमिक संगठनों ने घेरा जीएम दफ्तर ,की नारेबाजी

कोरबा । एसईसीएल की कुसमुंडा ,दीपका ,गेवरा के खदानों में एसईसीएल की मौन स्वीकृति सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई से बड़े पैमाने पर कोयला, डीजल, कबाड़ चोरी हो रही। हथियारों से लैस डीजल ,कोयला,कबाड़ चोंरों से इस कदर खदान में कार्यरत कर्मचारियों में भयाक्रांत बन चुका है कि सँयुक्त ट्रेड यूनियन के बैनर तले एसईसीएल प्रबंधन को जगाने महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव करना पड़ रहा। निश्चित तौर औद्योगिक नगरी कोरबा में कोयलांचल में इन कोयला ,डीजल चोर गिरोह को मिल रहे प्रश्रय से न केवल करोड़ों की संपत्ति लूट रही वरन कानून व्यवस्था पर प्रह्नचिन्ह खड़े हो रहे।

यहां बताना होगा कि एसईसीएल की खदानों में लचर सुरक्षा व्यवस्था का फायदा उठा खदानों के वाहनों से प्रतिदिन लाखों रुपए का डीजल,कोयला पार करने से खदानों में भयाक्रांत माहौल बना हुआ है। भले ही एसईसीएल ने अपने सभी खदानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ त्रिपुरा राइफल्स के जवानों को सौंप रखी है। लेकिन डीजल ,कोयला ,कबाड़ चोर गिरोह के आगे ये भी बेबस ही नजर आ रहे। दिन -रात बड़े पैमाने पर बेख़ौफ़ लाखों रुपए का डीजल ,कोयला पार किया जा रहा। डीजल ,कोयला माफियाओं का प्रभाव किस तरह क्षेत्रों में व्याप्त है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोयला ,डीजल चोरी तो दूर कर्मियों पर हुए जानलेवा हमलों के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं कराती। इस तरह डीजल कोयला माफियाओं को खदान में घुसकर डीजल ,कोयला चोरी की मौन स्वीकृति दी जा रही है । हाल ही में 4 मार्च को मुखबिर की सूचना पर रात 2 बजे पाली एसडीएम एवं नायब तहसीलदार ने चैनपुर में दबिश देकर 980 लीटर डीजल पिक वाहन जब्त किया था । डीजल, वाहन सहित छापेमारी में पकड़ाए ड्रायवरों को दीपका पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई के बाद स्वयं दोनों राजस्व अधिकारी डीजल माफियाओं के निशाने पर हैं। भारी दबाव के बीच प्रशासनिक कार्रवाई को वायरल व्यापक प्रचार प्रसार न करने तक के मौखिक दिशा निर्देश दिए जाने की सूचनाएं सूत्रों से मिली। इन सबसे स्पष्ट है कि डीजल ,कोयला माफियाओं का प्रभाव प्रशासनिक कार्रवाई पर भी भारी है। यही वजह है कि राजस्व अधिकारियों ने एसईसीएल के खदानों में कोयला ,डीजल ,कबाड़ चोरी जैसे मामलों में जांच कार्रवाई से दूरियां ही बना ली है। कुसमुंडा खदान में तो 6 ,7 एवं 9 मार्च को डीजल चोर गैंग द्वारा खदान की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों के साथ मारपीट ,पथराव कर उन्हें वाहन से कुचलने का प्रयास किया गया। जबकि त्रिपुरा राइफल्स के सैकड़ों जवान खदान की सुरक्षा में तैनात थे । मामलों में एसईसीएल प्रबंधन के रुख से नाराज सँयुक्त श्रमिक संगठन (बीएमएस ,इंटक ,एचएमएस,,एटक ,सीटू )ने महाप्रबंधक कुसमुंडा को ज्ञापन सौंप विरोध स्वरूप महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना दिया ,कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की। हालांकि एक धड़ा ऐसे आंदोलन को विफल बनाने से लेकर ऐसी खबरों को सार्वजनिक न करने की कुटिल प्रयासों में जुटा हुआ है। लेकिन श्रमिक संगठनों के इस हड़ताल ने एसईसीएल प्रबंधन के अफसरों की कार्यशैली को लेकर एक बड़ा संदेश दे दिया है। आने वाले समय में एसईसीएल प्रबंधन में कोई व्यापक बदलाव और कार्रवाई के आसार दिख रहे।