मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए कोरबा जिला प्रशासन अलर्ट , कलेक्टर ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों पर नजर बनाए रखने स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश

युक्ति युक्तकरण के सभी प्रकरणों का निराकरण कर शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने के दिए निर्देश,उचित मूल्य की दुकान दूर होने पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों को उनके गांव में ही खाद्यान्न उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

कोरबा ।कलेक्टर अजीत वसंत ने मंगलवार को समय सीमा की बैठक लेकर टीएल के लंबित प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बारिश को देखते हुए सुदूरवर्ती इलाको में स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि उल्टी-दस्त, बुखार सहित अन्य बीमारियों की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य अमला संबंधित क्षेत्रों में जाकर जाँच और उपचार सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों में भी व्यवस्था बनाने और सर्पदंश, डॉग बाइट के उपचार के लिए एन्टी वेनम,रेबीज का इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने एसडीएम को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद सीईओ के माध्यम से ग्राम पंचायतों में जो भी शासकीय जर्जर भवन है उसका डिस्मेंटल कराना सुनिश्चित कराए।

कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित टीएल बैठक में कलेक्टर श्री वसंत ने विभागवार लम्बित प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग अंतर्गत युक्ति युक्तकरण प्रक्रिया में उच्च न्यायालय के निर्देश के पश्चात निराकृत हुए प्रकरणों के आधार पर संबंधित शिक्षको को तीन दिवस के भीतर कार्यभार ग्रहण कराने और कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्राइमरी, मीडिल और हाई-हायर सेकण्डरी विद्यालयों में दर्ज संख्या के आधार पर भर्ती की प्रक्रिया हेतु आवश्यक जानकारी बनाकर विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस सत्र के लिए डीएमएफ से शिक्षको के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु प्रशासकीय स्वीकृति लेने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि कार्य निरस्त किए जाने के पश्चात विभाग को जारी डीएमएफ की राशि 20 दिवस के भीतर वापस करें। कलेक्टर ने सभी विभागों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि डीएमएफ अन्तर्गत जो भी कार्य स्वीकृत हो रहे हैं, संबंधित विभाग टेंडर की प्रक्रिया दो माह में पूर्ण कर लें।
समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने खाद्य अधिकारी को निर्देशित किया कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों को राशन के लिए दूर तक की यात्रा नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि गाँव से उचित मूल्य की दुकान पाँच किलोमीटर दूर होने पर संबंधित संचालक द्वारा नजदीकी क्षेत्रों में राशन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम को राशन वितरण समय पर कराने के संबंध में निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर श्री वसंत विभागीय जाँच पर हुई कार्यवाही, भू-अर्जन, आयुष्मान और व्यवन्दन कार्ड में आधार अपडेट की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने आंगनबाड़ी के बच्चों को जाति प्रमाणपत्र,मेडिकल कॉलेज भवन हेतु सड़क निर्माण, रिकार्ड रूम के प्रगति के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देशित किया कि रेडक्रॉस अंतर्गत मरीजो को दवाओं के वितरण के दौरान उनका समुचित रिकार्ड रजिस्टर में मेंटेन करें। डॉक्टर द्वारा जो दवाई लिखी जा रही है उसका भी समय-समय पर परीक्षण किया जाए। उन्होंने अंत्यावसायी विभाग अंतर्गत ऋण प्राप्त कर राशि जमा नहीं करने वाले हितग्राहियों से राशि वसूली के निर्देश तहसीलदारों को दिए। इस दौरान डीएफओ कटघोरा निशांत कुमार,निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय, सहायक कलेक्टर क्षितिज गुरभेले, जिला पंचायत सीईओ दिनेश नाग, अपर कलेक्टर अनुपम तिवारी, मनोज कुमार बंजारे,सयुंक्त कलेक्टर, एसडीएम सहित सभी अधिकारी उपस्थित थे।

तहसीलवार लम्बित कार्यों की हुई समीक्षा, आमलोगों की समस्याओं को सुनने और निराकरण के कलेक्टर ने दिए निर्देश👇

समय सीमा की बैठक के उपरांत कलेक्टर अजीत वसंत ने तहसीलवार लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पर कार्रवाई, नामांकन, सीमांकन के प्रकरणों पर कार्यवाही के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम,तहसीलदारों को निर्देशित किया कि उनके कार्यालय में सभी प्रकरणों की फाइलों का उचित रख रखाव हो। कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देशित किया कि छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण अपने स्तर पर करना सुनिश्चित करे। आमनागरिको की समस्याओं को सुने। उन्हें बताए कि आपकी समस्या का निराकरण किस स्तर पर हो जाएगा। अनावश्यक पैसे खर्च कर जिला मुख्यालय तक जाने की आवश्यकता नहीं है।

3 से 5 वर्षों से अधिक समय से लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण के दिए निर्देश👇

कलेक्टर श्री वसंत ने राजस्व विभाग अंतर्गत नामान्तरण, विवादित नामान्तरण,सीमांकन, डायवर्सन, ई-कोर्ट, राजस्व न्यायालय, त्रुटि सुधार, नक्शा बटांकन, डिजिटल सिग्नेचर, मसाहती ग्राम, स्वामित्व, कोटवारी भूमि का सिंगल ट्रांजेक्शन, पीएम किसान पंजीयन रिपोर्ट आदि की समीक्षा कर कार्यों में कसावट लाते हुए राजस्व के कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने एसडीएम और तहसीलदारों को राजस्व न्यायालय अंतर्गत तीन से पाँच वर्ष से अधिक के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने नक्शा बटांकन की संख्या में वृद्धि करने और जिले में शेष कोटवारी भूमि को शासन के मद में दर्ज करने के निर्देश दिए।