कोरबा। बिना किसी वैध अनुमति व लायसेंस के घर पर मरीजों का उपचार करने व अवैधानिक रूप से दवाईयां रखकर मरीजों को देते आ रहे कोरबा जिले के एक कथित चिकित्सक को 3 वर्ष के कारावास और एक लाख रुपये का अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया है। अर्थदंड का भुगतान न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास उसे भुगतना होगा। इस प्रकरण में शासन की ओर से लोक अभियोजक राजेंद्र साहू ने पैरवी की।
लोक अभियोजक राजेंद्र साहू ने बताया कि एक सूचना पर ग्राम नरईबोध वार्ड नंबर 62 खाल्हेपारा गेवराबस्ती, तहसील कटघोरा, जिला कोरबा में औषधि निरीक्षक किरण सिंह के द्वारा टीम के सदस्यों के साथ 12 दिसम्बर 2019 को डॉ. पी.एल. यादव के मकान का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पी.एल.यादव मकान में अनुपस्थित था जबकि पत्नी श्रीमती सावित्री देवी यादव की उपस्थिति में टीम ने प्रथम तल पर स्थित कमरे से 93 प्रकार के एलोपैथिक औषधियों एवं दैनिक मरीज उपस्थिति रजिस्टर पृष्ठ 01 से 73 संग्रहित पाया। सावित्री से पूछे जाने पर एलोपैथिक औषधियों के भंडारण, क्रय/विक्रय हेतु कोई वैध औषधि अनुज्ञप्ति (लायसेंस)नहीं होना बताया तथा दवाई खरीद-बिक्री के संबंध में कोई बिल वाउचर उपलब्ध नहीं होना बताया।
93 प्रकार के एलोपैथिक औषधि एवं एक दैनिक मरीज उपस्थिति पंजी को गवाहों के समक्ष जप्त कर जप्ती पत्रक तैयार किया गया। पी०एल० यादव (पुन्नी लाल यादव) एवं श्रीमती सावित्री देवी यादव पर औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा-18 सी सहपठित धारा 27B (ii) एवं धारा-28 के तहत् अपराध दर्ज किया गया।
विचारण उपरांत पत्नी दोषमुक्त,पति दोषी,दवा भी निकली अमानक👇
प्रस्तुत की गई मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्य के विश्लेषण के पश्चात विशेष न्यायालय द्वारा आरोपिया सावित्री बाई यादव की कथित अपराध में संलिप्तता होना नहीं पाई गई जबकि आरोपी पी.एल. यादव द्वारा अपने स्वामित्व के मकान में एलोपैथिक दवाओं को बिना किसी वैध अनुज्ञप्ति के रखना,बिक्री करना पाया गया है। अतः अभियुक्ता सावित्री देवी यादव को धारा 18सी सहपठित धारा 27 बी (ii) औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अपराध से दोषमुक्त किया गया किंतु अभियुक्त पी.एल. यादव को धारा 18सी सहपठित धारा 27 बी (ii) औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अपराध में दोषसिद्ध किया गया है। विशेष न्यायाधीश (ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक्स एक्ट) कोरबा एस. शर्मा ने दण्डादेश में कहा किउसके घर से 93 प्रकार की दवाओं को जप्त किया गया है तथा उनमें से एक दवा की जांच कराई गई, जो कैप्सूल रैजोल (ओमीप्राजोल कैप्सूल आईपी 20 एमजी) है। इस दवा को मानक स्तर का नहीं होना पाया गया। अभियुक्त एक 46 वर्षीय नवयुवक है, उसकी पूर्वदोष सिद्धि का कोई रिकार्ड नही है किंतु अपराध की प्रकृति और इस संबंध में दंडात्मक उपबंधों पर विचारोपरांत अभियुक्त को धारा 18 सी के अपराध में तीन वर्ष तक के कारावास और 1,00,000/- रूपये (एक लाख रूपये) के अर्थदंड से दंडित किया जाता है। अर्थदंड जमा ने करने पर अभियुक्त छः माह का साधारण कारावास भुगतेगा।
0 नहीं पाया गया कोई पंजीयन👇
दस्तावेजों के माध्यम में उक्त आरोपी ने प्रैक्टिस एवं दवाओं के संग्रहण के स्वयं को वैध रूप से उक्त कार्य करना बताने का प्रयास किया है किंतु प्रस्तुत दस्तावेजों की वैधता और प्रमाणिकता की जांच हेतु उन्हे नर्सिंग होम एक्ट प्रभारी जिला कोरबा के पास प्रेषित किये जाने पर उनके द्वारा अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी पी.एल. यादव का मेडिकल इंस्टीट्यूट भोपाल के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नर्सिंग एक्ट के तहत एलोपैथिक दवाईयों के संबंध में कोई पंजीयन नहीं है और न ही छ.ग. काउंसिल में पंजीयन है।