SECL ने केंद्रीय राज्यमंत्री को दिखावे के खातिर सैकड़ों पर्दों में छिपाया कौन सा काला सच ! एक कर्मचारी का टूटा पैर ,आई ऑपरेशन की नौबत

कोरबा। जिले में रविवार,30 जून 2025 को केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे प्रवास पर रहे। उनके आगमन पर एसईसीएल प्रबंधन ने जो तैयारी की,उससे बड़ाई कम फजीहत ज्यादा हो रही है। सवाल तैर रहा है कि आखिर किराए के इन पर्दों के पीछे कौन सा काला सच छुपाने की कोशिश SECL के अधिकारियों ने की है?कोयलांचल में आए कोयला राज्यमंत्री को सब कुछ अच्छा दिखाने के चक्कर में अधिकारियों ने वह कर डाला जो आज तक शायद ही हुआ हो। केंद्रीय राज्य मंत्री के जाने-आने वाले मार्ग में लगभग 2 किलोमीटर की दूरी तक सड़क के दोनों और कनात लगवाए गए।

टेंट हाउसों से मंगवाए गए इन पर्दों को सड़क के दोनों किनारों पर इस तरह लगवाया गया ताकि मंत्री जी को किसी भी तरह का वह काला सच नजर ना आए, जिससे इस क्षेत्र के लोग रोज रूबरू होते हैं। आखिर अधिकारियों ने इस सच से इतना परहेज क्यों किया, जबकि यह तो कोयला खदान क्षेत्र में रोजमर्रा की बात होती है। यह बात तो मंत्री जी भी जानते-समझते होंगे कि कोयला खदान क्षेत्र में ऐसी समस्याएं और कालिख भरे रास्ते
आम है लेकिन उन्हें भी वही दिखाने का प्रयास किया गया जो SECL के जिम्मेदार अधिकारी दिखाना चाहते थे। यानी कि अधिकारी अपनी कमियों और कमजोरी को छिपाते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री को भी गुमराह कर गए।
अब, भला जो केंद्रीय राज्य मंत्री जैसे कद्दावर जनप्रतिनिधि को गुमराह कर सकते हैं तो भला उनके सामने स्थानीय लोगों की क्या बिसात..? फिर समस्याओं से जूझते भूविस्थापितों के मसले पर तो वे जिला प्रशासन के अधिकारियों को यूं ही चुटकियों में गुमराह कर सकते हैं। क्षेत्रीय नेताओं की तो बात ही छोड़ दें क्योंकि वे भी वही देखते हैं जो SECL के अधिकारी उन्हें दिखाना चाहते हैं फिर चाहे इसके लिए माध्यम और साधन कोई भी हो।

0 भूविस्थापितों के मामले में भी पर्दा डाला👇

केंद्रीय राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि विस्थापन एक बड़ी समस्या है लेकिन राज्य सरकार इस पर काफी मदद कर रही है और एसईसीएल के अधिकारी- कर्मचारी भी इस पर अच्छा काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ हाल ही में एसईसीएल की विस्तार परियोजनाओं के लिए बिना पुनर्वास सुविधा के ही ग्राम जटराज के लोगों को उजाड़ा गया, ग्राम मलगांव में भी बिना बसाहट दिए और बिना पुनर्वास सुविधा के ही लोगों के घरों को तोड़कर बेघर कर दिया गया। फिर आखिर SECL के अधिकारी इस सच को छुपाने की कोशिश में क्यों लगे रहे।

0 पर्दा से कर्मचारियों की जान पर बन आई👇

दिखावे और सजावट के चक्कर में की गई अव्यवस्थित व्यवस्थाओं के चलते हुए हादसा में पूर्व SECL अधिकारी डीपी यादव घायल हो गए। मार्ग में लगाये गए बड़े-बड़े पर्दे हवा के तेज झोंकों से उडक़र बीच रास्ते में गिरने लगे, जिससे कर्मचारियों के लिए आवागमन खतरनाक हो गया। इसी बीच पूर्व अधिकारी डीपी यादव जो विभागीय दफ्तर से लौट रहे थे, उनकी बाइक पर एक पर्दा आकर गिर गया, जिससे वे अनियंत्रित होकर सडक़ पर गिर पड़े। मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने उन्हें उठाया और तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उनका घुटना टूट गया है और तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता है। एक अन्य कर्मी भी इस तरह घायल हो गया जिसे मामूली चोटे आई हैं।