कटघोरा वनमंडल अमला ने आदमखोर भालू को आधी रात छोड़ा भनवारटंक के जंगल मे, प्राणघातक हमले से फिर एक गंभीर रूप से घायल, आसपास दहशत का माहौल

कटघोरा:- अंधेर नगरी- चौपट राजा की तर्ज पर इन दिनों चलने वाले कटघोरा वनमंडल अंतर्गत दो बुजुर्ग महिलाओं समेत कई लोगों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर भालू को विभाग ने एक ओर रेस्क्यू आपरेशन कर पिंजरे में कैद तो कर लिया लेकिन अचानकमार अभ्यारण ले जाने के बजाय सुनियोजित तरीके से रात के अंधेरे में बिलासपुर जिले के भनवारटंक जंगल मे जिसे बेपरवाह होकर छोड़ दिया गया और आज उक्त आदमखोर भालू ने बाइक पर सवार होकर जा रहे एक व्यक्ति पर हमला कर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया।लोगों को अपना शिकार बनाने वाले उग्र भालू के विचरण से भनवारटंक के आसपास रहवासी क्षेत्रों में भय का वातावरण निर्मित हो गया है।इसे कटघोरा वनमंडल की घोर लापरवाही ही माना जाएगा जो एक ओर जनहानि रोकने दूसरी ओर लोगों की जान सांसत में डाल दिया।

गौरतलब है कि कटघोरा वनमंडल में आदमखोर हो चुके एक भालू ने रविवार को नवापारा गांव में रहने वाली दो वृद्ध महिला लक्ष्मनिया (70) व पुनिया (65) जो झाड़ू बनाने के लिए अपने ग्राम के समीप फुलबहरी काट रही थी उन पर हमला कर दिया इस दौरान पुनिया बाई तो बुरी तरह से घायल हो गई जबकि लक्ष्मनिया बाई को अपने मुंह मे दबोचकर घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया था।ग्रामीणों द्वारा जब लापता महिला को ढूंढने एक समूह बनाकर जंगल की ओर निकले तभी उग्र हो चुके भालू ने भीड़ पर भी हमला कर दिया था।घटना पश्चात बिलासपुर के कानन पेंडारी से वनविभाग की रेस्क्यू टीम ने उक्त भालू को ट्रेकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया साथ ही लापता महिला को मृत अवस्था मे जंगल से ढूंढ निकाला गया।रेस्क्यू टीम भालू को बिलासपुर लेकर जाने को निकली लेकिन भालू के बेहद हिंसक हो चुके होने की जानकारी उपरांत कानन पेंडारी के अधिकारियों ने अपना हाथ खड़ा कर लिया।जिसके बाद वनविभाग ने भालू को चैतुरगढ के जंगल मे छोड़ने का फैसला लिया तथा इस ओर रवाना भी हो गए।जब ग्रामीणों को इस बात की खबर मिली तब दर्जनों की संख्या में ग्राम जेमरा, बगदरा, लाफा के ग्रामीण एकजुट होकर सड़क पर उतरकर पुरजोर विरोध किया।विरोध को भांपकर टीम द्वारा भालू को अचानकमार अभ्यारण छोड़ने के नाम पर मौके से वापस तो जरूर लौट गई लेकिन कोडार के जंगल मे छोड़े जाने की सुनियोजित नीति बनाई गई लेकिन स्थानीय कुछ जागरूक लोगों की सक्रियता से वे अपने मंसूबे पर कामयाब नही हो पाए जिसके उपरांत आधी रात भालू को बिलासपुर जिले के भनवारटंक जंगल मे ले जाकर छोड़ दिया गया।जैसा कि लोगो का पूर्वानुमान था कि हिंसक भालू खुले तौर पर हमला कर दहशत फैलाएगा और आखिरकार ऐसा हुआ भी जहां भालू को भनवारटंक के जंगल मे छोड़ने के महज 6 घँटे बाद ही आज सुबह खोंगसरा वनपरिक्षेत्र में मुसयारी घाट के पास आक्रामक भालू ने सड़क मार्ग से बाइक पर सवार होकर जा रहे एक व्यक्ति पर हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया।उक्त भालू के हमले से घायल व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर भर्ती कराया गया है जहां उसका उपचार जारी है।दूसरी ओर इस घटना के बाद से लेकर आदमखोर भालू स्वछंद विचरण कर रहा है जो आगे और भी जानलेवा साबित हो सकता है।आदमखोर भालू के खुलेआम विचरण से आसपास रहवासी क्षेत्रों में फिलहाल भय का माहौल निर्मित हो चुका है।

हिंसक भालू को रहवासी क्षेत्र में छोड़ना निंदनीय-संजय भावनानी
जानलेवा साबित हो रहे हिंसक भालू को पकड़ने उपरांत रहवासी क्षेत्र के समीप छोड़े जाने संबंधी कटघोरा वनमंडल के निर्णय को कोरबा भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी ने निंदनीय करार दिया है।उन्होंने इस संबंध पर कहा है कि एक ओर खूंखार भालू से ग्रामीणों की जान बचाने को लेकर वन अमला रेस्क्यू करता है लेकिन दूसरी ओर रहवासी क्षेत्र के करीब जंगल मे ले जाकर छोड़ा जाना विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है।कटघोरा वनमंडल अपने जिम्मेदारी का ढंग से निर्वह ना कर गैरजिम्मेदाराना पूर्वक कार्य कर रही है जो अनुचित है।विभाग का यह कार्य पूर्ण रूप से निंदनीय है।