कोरबा। शहर के एक व्यापारी की बहू की व्हाट्सप डीपी के जरिये फाल्स व्हाटस एप्प मैसेजिंग के माध्यम से ब्लैकमेलिंग करते हुए व्यवसायी परिवार से 3 दिन के भीतर 1 लाख 73 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। ठगी का आभास होने पर व्यवसायी सजग हुआ तो और रुपये ठगाने से बच गए।

जानकारी के मुताबिक कोसाबाड़ी क्षेत्र का निवासी सुनील ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में संलग्न है। उसका अनेक लोगों से सम्पर्क रहता है, इसी बात का अनुचित लाभ लेकर किसी व्यक्ति द्वारा आवेदक से व्हाट्स एप्प फोन नं. 8607687910 के माध्यम चैटिंग की जाती रही। उक्त व्हाटस एप्प फोन नं. 8607687910 की व्हाट्स आई डी में आवेदक सुनील के भांजे की पत्नी की फोटो डीपी में लगी हुई थी। उक्त संदिग्ध व्यक्ति द्वारा बहू बनकर आवेदक को यह बताया गया कि वह किसी गम्भीर परिस्थिति में संलग्न हो गई है जिससे बचने के लिये उसे तत्काल एक लाख तिहत्तर हजार रुपये की आवश्यकता है। उसके द्वारा इण्डसइण्ड बैंक में किसी अरूण के नाम पर धारित एकाउण्ट नंबर 159729318528 दिया। व्यवसायी ने अत्यधिक उद्वेलित होकर अपने कर्मचारी रायपुर के खाते से 50-50 हजार रुपये तथा एक अन्य कर्मचारी के खाते से 73,000/- इण्डसइण्ड बैंक में ट्रांसफर कराया। 22/08/2023 को राशि जमा कराने जे बाद 23/08/2023 को उक्त मोबाइल नंबर से ही पुनः 70,000/- की मांग की गई। उक्त माँग से अत्यधिक परेशान होकर आवेदक द्वारा उक्त मोबाइल नं 8607687910 को ब्लॉक कर दिया गया। पुन: 24/08/2023 को उक्त मोबाइल नम्बर से आवेदक के पुत्र के मोबाइल पर व्हाट्स एप मैसेज आया। 24/08/2023 को ही भतीजे एवं सुनील के बड़े भाई जैन के मोबाइल पर व्हाट्स एप्प मैसेज आया और इन सभी से भी 70,000 की माँग की गई।
ठगाने के बाद बहू से फोन पर ली जानकारी
आवेदक ने उक्त व्हाटस एप्प मैसेज परिवार के सभी सदस्यों के पास आने के बाद अपनी भांजी बहू को फोन लगाया और उक्त व्हाट्स एप्प चेट्स की जानकारी मांगी और यह भी बताया कि परिवार प्रतिष्ठा पर कुठाराघात होने से बचाने के दृष्टिकोण से एक लाख तिहत्तर हजार का भुगतान पहले ही कर चुके हैं और वर्तमान में सत्तर हजार की माँग की जा रही है। बहू द्वारा ऐसी कोई गतिविधि में संलग्न होना नकारते हुए ऐसे किसी भी प्रकरण से अनिभिज्ञता बताई गई।यह भी बताया गया कि कथित मोबाइल नंबर 8607687910 भी उसका नहीं है। यह जानते ही सुनील को साइबर ठगी का पता चला। उसने सिविल लाइन थाना रामपुर में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराया। पुलिस ने धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है।