कोरबा में डीएमएफ के राशि की लूट की मिली खुली छूट ,बाड़ी विकास कार्यक्रम के नाम पर खानापूर्ति गुणवत्ताहीन कार्य,पंचायतों पर दबाव बना एनजीओ को करोड़ों का भुगतान ,छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने जिम्मदारों पर कार्रवाई के लिए खोला मोर्चा ,सौंपा ज्ञापन,नपेंगे दोषी ,मचा हड़कम्प ,रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने बिना अनुमोदन करोड़ों के कार्य स्वीकृत करने लगाए थे गम्भीर आरोप ,जानें पूरा मामला ……

कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में जिला खनिज संस्थान न्यास मद (डीएमएफटी ) की लूट मची है। डीएमएफ के बंदरबांट का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवाओं के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए डीएमएफ से बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत स्वीकृत करोड़ों रुपए के कार्यों में पंचायतों को दबाव बनाकर गुणवत्ताहीन,खानापूर्ति कार्य के एवज में अबुझमाड़ आदिवासी जन विकास संस्थान नारायणपुर के खाते में राशि जमा करा दिया गया है। पांचों जनपद पंचायतों से करीब 15 करोड़ रुपए की राशि का बंदरबाट किए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने दोषियों पर कार्रवाई करने मोर्चा खोल दिया है। जिला संयोजक जैनेन्द्र कुर्रे ने ज्ञापन सौंप प्रकरण की जांच ,दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है । शिकायत के बाद खलबली मची हुई है ।

शिकायत है कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा परिवारों के नाम से बाड़ी विकास कार्यक्रम अंतर्गत उनके सामाजिक, आर्थिक विकास हेतु बाड़ी विकास कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधि को सम्मिलित किया है। बाड़ी हेतु भूमि तैयार कर बाड़ी को पोल फेन्सिंग से घेरा, बाड़ी में फलदार व छायादार पौधे रोपना, पानी सिंचाई हेतु पम्प व पाईप की व्यवस्था, कीटनाशक छिड़काव, रखरखाव की व्यवस्था, गोबर खाद की व्यवस्था, बाड़ी विकास को विकसित करने के लिए कृषि वैज्ञानिक से नियमित प्रशिक्षण दिलाना आदि कार्यों को बाड़ी विकास कार्यक्रम अंतर्गत शामिल किया गया है, किंतु कुछ दलाल व भ्रष्टाचारी किस्म के एनजीओ द्वारा इसे भ्रष्टाचार का साधन बना लिया गया है। वही उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर हितग्राहियों के खाते में राशि ट्रांसफर न कर ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाया गया है और बाड़ी विकास के नाम पर केवल 30 से 40 पोल पर ही फेन्सिंग कर बाड़ी विकास को पूर्ण बताकर केवल कागजों में ही बाड़ी विकास के नाम पर शासकीय राशि को गबन कर लिया गया है। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के द्वारा सरपंच, सचिव को दबाव बनाकर संबंधित एनजीओ अबुझमाड़ आदिवासी ग्रामीण जन विकाश संस्थान नारायणपुर के खाते में करोड़ो रूपए की 5/9/23 राशि का भुगतान करवाया गया है। प्रति हितग्राही को 3,37,100/-रु. की स्वीकृति प्रदान किया गया है। इस प्रकार कोरबा जनपद क्षेत्र में कुल 90 हिताग्रहियों के नाम पर राशि भुगतान किया गया है, जो लगभग 3,03,39,000 रुपए है। कार्य होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस तरह कोरबा जिले के अन्य 4 ब्लॉक में भी ऐसे ही कार्य कर शासकीय राशि का बंदरबांट किया गया। इस तरह पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में भी बाड़ी विकास कार्यक्रम के नाम पर करोड़ो रूपए की राशि का भ्रष्टचार किया गया होगा। जिसका कोई भी मूल्यांकन, सत्यापन नहीं कराया गया है, जबकि वास्तविकता में मौके पर लगभग 30 से 40 हजार रूपए का ही कार्य कर खानापूर्ति किया गया है। उक्त कार्य को करने के लिए ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर कोरबा जिला के पंचायतों पर दबाव बनाकर उक्त कार्य की राशि को आरटीजीएस के माध्यम से एनजीओ अबुझमाड़ आदिवासी ग्रामीण जन विकास संस्थान नारायणपुर के खाते में जमा कराया गया है।

कोरबा जनपद पंचायत के इन पंचायतों में हुआ बंदरबाट

इस संबंध में जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम पंचायत अजगरबहार, माखुरपानी, सतरेंगा, गढ़उपरोड़ा, बड़गांव, डोकरमना में बाड़ी विकास अंतर्गत व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है। जिसकी जांच कर भ्रष्ट अधिकारियों व एनजीओ के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। जबकि जनपद पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की भूमिका संदेहास्पद है , उच्च स्तरीय जांच होने पर गाज गिर सकती है।

रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने लगाए थे गम्भीर आरोप ,अनुमोदित कार्यों की सूची में कूटरचना ,धरातल पर काम ही नहीं हुए

रामपुर विधायक एवं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास मद के नियम के विरुद्ध वर्ष 2022-23 में प्रशिक्षण, सामग्री सप्लाई और निर्माण संबंधी कार्य स्वीकृति में अरबों रुपये के गबन व भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के विरुद्ध केन्द्रीय जाँच एजेंसी से जाँच कराकर कार्यवाही की मांग की थी। पीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि आपकी सराहनीय सोच न मैं खाऊंगा और न में खाने दूंगा मंशा के विपरीत छत्तीसगढ़ प्रदेश के कोरबा जिले में जिला खनिज न्यास मंद की राशि में अरबों रुपये का घोटाला प्रत्येक वर्ष हो रहा है। जिससे शासन के मंत्री भी फल फूल रहे हैं। वर्ष 2022-23 में शासी परिषद की बैठक में जो कार्य अनुमोदित हुए थे उनकी स्वीकृति न देकर व्यक्तिगत स्वार्थ से मन चाहे कार्य को स्वीकृत किया गया है और उस कार्य का अनुमोदन भी नहीं लिया गया है। इस तरह से जिला खनिज संस्थान न्यास की राशि विकास कार्य में खर्च करने के लिए केंद्र सरकार ने जो नियम बनाया है उसका पूर्ण रूप से अवहेलना करते हुए कलेक्टर कोरबा द्वारा अपने नियम बनाकर केवल कागजों में कार्य स्वीकृत किये गए हैं। धरातल में कोई प्रशिक्षण किसी को मिला ही नहीं, सामग्री सप्लाई हुआ ही नहीं, कई निर्माण कार्य हुआ ही नहीं फिर भी अरबो रुपये गबन कर भ्रष्टाचार पूर्व कलेक्टर, सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास संजीव झा, पूर्व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सह सचिव जिला खनिज संस्थान न्यास नूतन कुमार कंवर और पूर्व परियोजना समन्वयक भरोसा राम ठाकुर के द्वारा मिलीभगत कर किया गया है। वर्ष 2022-23 में अनुमोदन किये गए सूची उनके बार बार मांग करने के बाद नहीं दिया गया। विधानसभा में प्रश्न करने पर दिया गया है।
श्री कंवर का का कहना है कि वर्ष 2022-23 में अनुमोदन किये गए सूची उनके बार बार मांग करने के बाद नहीं दिया गया। विधानसभा में प्रश्न करने पर दिया गया है। जिसमें कूटरचित कर केवल पुरुषोतम कंवर विधायक कटघोरा और मोहित केरकेट्टा विधायक पाली तानाखार सहित अध्यक्ष (कलेक्टर)/ सह सचिव ( मुख्य कार्यपालन अधिकारी) का हस्ताक्षर युक्त अनुमोदित सूची प्राप्त हुआ है। जिस सूची में उनका और अन्य सदस्य का हस्ताक्षर भी नहीं है, जबकि वे शासी परिषद की बैठक में सम्मिलित हुए थे और हस्ताक्षर भी किया था। उस सूची को गायब कर दिया गया है।कंवर ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में इस बड़े भ्रष्टाचार को लेकर संजीव झा पूर्व कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास, नूतन कंवर पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह सचिव द्वारा अनुमोदित और स्वीकृत कार्यों की सूची भी प्रेषित की है।

भंडार क्रय नियम का नहीं हुआ पालन

विधायक कंवर ने पत्र में कहा है कि वर्ष 2022-23 में जो कार्य स्वीकृत किया गया है, उसमें प्रशिक्षण, सामग्री सप्लाई और निर्माण स्ट्रीट लाईट संबंधी कार्य के नाम से बिना प्रशिक्षण दिए बिना सामान सप्लाई और बिना निर्माण के अरबों रुपये का घोटाला किया गया है। भंडार क्रय नियम के नियमों का पालन नहीं हुआ है। भारत सरकार के जीएसटी टैक्स में भी कई करोड़ रुपये की चोरी की गई है। ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर कार्य स्वीकृत कर नियम विरुद्ध ढंग से ठेकेदार से कार्य करवाया जा रहा है। इस तरह से किसी भी सामग्री का जीएसटी बिल नहीं होने के बाद भी राशि भुगतान किया गया। इस तरह से समस्त राशि का गबन और जीएसटी चोरी को पूर्व कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास संजीव झा, नूतन कंवर पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह सचिव जिला खनिज संस्थान न्यास और भरोसा राम ठाकुर पूर्व परियोजना समन्वयक जिला खनिज संस्थान न्यास द्वारा अंजाम दिया गया।