दिल्ली। इंतजार की घड़ियां खत्म हो चुकी हैं. पूरे चार साल दो महीने और करीब तीन हफ्ते बाद वर्ल्ड कप की वापसी हो चुकी है। भारत में 12 साल बाद वर्ल्ड कप आयोजित होने जा रहा है और एक बार फिर फैंस को उम्मीद होगी कि फिर से अपनी ही जमीन पर टीम इंडिया का खिताबी सूखा खत्म होगा।
उसके लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा क्योंकि टीम इंडिया का अभियान 8 अक्टूबर से शुरू होगा। 13वें वनडे वर्ल्ड कप का आगाज उन्हीं दो टीमों के साथ हो रहा है, जिनकी टक्कर के साथ 2019 वर्ल्ड कप खत्म हुआ था। अहमदाबाद में आज मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड और उप-विजेता न्यूजीलैंड की टक्कर होगी।
लॉर्ड्स में 14 जुलाई 2019 को इंग्लैंड ने रोमांचक फाइनल में न्यूजीलैंड को सिर्फ ज्यादा बाउंड्री जड़ने की बदौलत ही हराया था और खिताब जीता था। उस रोमांचक लेकिन विवादित फाइनल के बाद ये नियम हटाना पड़ा था और बदले हुए नियम के साथ फिर से दोनों टीमें ही वर्ल्ड कप का आगाज कर रही हैं। सिर्फ नियम ही नहीं, बल्कि दोनों टीमों में भी इन चार सालों में काफी बदलाव हुआ है। खास तौर पर इंग्लैंड में, जिसका न सिर्फ कप्तान बदल गया है, बल्कि चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले दो और खिलाड़ी इस वर्ल्ड कप का हिस्सा नहीं हैं।
इंग्लैंड की बैटिंग दमदार, बॉलिंग में कम धार
ऑयन मॉर्गन के संन्यास के बाद जॉस बटलर ने टीम की कमान संभाली और टी20 वर्ल्ड कप जिताया। वहीं 2019 के हीरो रहे ओपनर जेसन रॉय और तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर भी इस बार नहीं खेल रहे। रॉय की गैरहाजिरी के बावजूद टीम की बल्लेबाजी पर तो कोई खास असर नहीं पड़ा है। ये पहले जितनी ही, बल्कि उससे भी ज्यादा मजबूत है लेकिन आर्चर के न होने से गेंदबाजी की धार थोड़ी कम दिखती है।मार्क वुड और क्रिस वोक्स पर ही पेस बॉलिंग का ज्यादा दारोमदार रहेगा। हालांकि, इंग्लैंड को आदिल रशीद और मोईन अली की स्पिन से बड़ी उम्मीदें होंगी, जो भारत में अहम साबित होंगी।
न्यूजीलैंड में भी बदलाव, दिग्गजों की जगह हुई खाली
न्यूजीलैंड की जहां तक बात है तो केन विलियमसन की कप्तानी वाली इस टीम में सबसे बड़ा बदलाव तो अनुभवी ओपनर मार्टिन गप्टिल और रॉस टेलर की गैर-हाजिरी है, जो इस बार टीम का हिस्सा नहीं हैं। उनकी जगह भरने के लिए डेवन कॉनवे और डैरिल मिचेल पर भरोसा जताया गया है। ओपनिंग में कॉनवे कमाल हैं जबकि मिडिल ऑर्डर में मिचेल दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं। गेंदबाजी में एक बार फिर ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी की पेस जोड़ी अहम साबित होगी। हालांकि, इंग्लैंड की ही तरह टीम के स्पिनर्स, ईश सोढ़ी और मिचेल सैंटनर कैसा प्रदर्शन करते हैं, इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।
मैच की स्टार-पावर कम
दोनों टीमों में मुकाबला कड़ा होगा, इसमें कोई दोराय नहीं लेकिन इस मैच की स्टारपावर थोड़ी कम होगी क्योंकि कुछ दिग्गज इसका हिस्सा नहीं होंगे।पिछले फाइनल के स्टार ऑलराउंडर बेन स्टोक्स इंग्लिश टीम में फिर से लौटे जरूर हैं लेकिन फिटनेस से जुड़े संदेह के बादल लगातार छाए रहेंगे और पहले मैच से ही इसके लक्षण दिखे हैं। उनका इस मैच में खेलना मुश्किल है। दूसरी ओर न्यूजीलैंड की तो आधी ताकत ही कम होती दिख रही है क्योंकि कप्तान केन विलियमसन अभी पूरी तरह फिट नहीं हैं और इसलिए इस मैच में नहीं खेलेंगे।वहीं साउदी भी इस मैच से बाहर हैं।
इंग्लैंड-न्यूजीलैंड के स्क्वाड
इंग्लैंडः जॉस बटलर (कप्तान), मोईन अली, डेविड मलान, जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स, जो रूट, लियम लिविंगस्टन, हैरी ब्रूक, सैम करन, क्रिस वोक्स, डेविड विली, रीस टॉपली, गस एटकिंसन, मार्क वुड और आदिल रशीद।
न्यूजीलैंडः केन विलियमसन (कप्तान), डेवन कॉनवे, टॉम लैथम, डैरिल मिचेल, ग्लेन फिलिप्स, विल यंग, मार्क चैपमैन, जेम्स नीशम, मिचेल सैंटनर, रचिन रविंद्र, टिम साउदी, लॉकी फर्ग्यूसन, ट्रेंट बोल्ट, मैट हेनरी और ईश सोढ़ी।