जबलपुर। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा आखिरकार मध्य प्रदेश शासन ने सोमवार को स्वीकार कर लिया है। लेकिन इसकी जानकारी मंगलवार को सार्वजनिक की गई। अब वे विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। निशा डिफ्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़ आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने करीब तीन महीने पहले अपना इस्तीफा भी दिया था लेकिन राज्य सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही थी।
ऐसे में निशा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। जिस पर उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट को ये आदेश दिए थे कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने शासन को 23 अक्तूबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया था। निशा ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां देरी होने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
जेल तक जाना पड़ा था
निशा को अपना इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने इसकी लिए आमला से भोपाल तक पैदल न्याय यात्रा भी निकाली थी। इतना ही नहीं निशा ने सीएम हाउस के सामने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी थी जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिए था। निशा को एक दिन जेल में बिताना पड़ा था
आमला से टिकट घोषित
इधर, निशा के इस्तीफा में हो रही देरी के चलते कांग्रेस ने अमला विधानसभा सीट से सोमवार को ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। लेकिन अब निशा का इस्तीफा स्वीकार का लिया गया है तो कांग्रेस आमला सीट से अपना प्रत्याशी बदल सकती है। पार्टी निशा को यहां से चुनावी मैदान में उतार सकती है।