अयोध्या राम लला मंदिर में पुजारी भर्ती के लिए तैयार हुई मेरिट लिस्ट,इंटरव्यू शुरू ,जानें साक्षात्कार में कौन से सवाल पूछे गए …….

उत्तरप्रदेश अयोध्या। संध्या वंदन क्या है और इसकी क्रियाएं क्या हैं? इसके लिए कौन से मंत्र हैं? भगवान श्रीराम की अर्चना के कौन से मंत्र हैं? कर्म कांड क्या है? ये सारे सवाल उन अभ्यर्थियों से किए गए, जिनका राम मंदिर में पुजारी बनाने के लिए शनिवार को इंटरव्यू लिया गया

इसके लिए कुल तीन हजार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इसमें से सवा दो सौ लोगों को मेरिट लिस्ट के आधार पर साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। साक्षात्कार में चुने गए लोगों को छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें आवश्यकतानुसार नियुक्त किया जाएगा।
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से संचालित प्रशिक्षण योजना में सम्मिलित होने के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर थी। शनिवार से दो दिवसीय साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू की गई है।तीर्थ क्षेत्र के रामकोट स्थित आवासीय कार्यालय में आयोजित इस साक्षात्कार के लिए प्रथम चरण में चयनित सवा 2 सौ अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए उनके मोबाइल पर एक दिन पहले ही संदेश भेजा गया था। नियत समय पर पांच दर्जन से अधिक अभ्यर्थी साक्षात्कार स्थल पर पहुंचे। इस साक्षात्कार का समय शनिवार को दोपहर एक बजे नियत किया गया था। यहां पहुंचे अभ्यर्थियों को सबसे पहले एक फॉर्म भरने के लिए दिया गया। इसमें फोटो भी लगाने का निर्देश था। अभ्यर्थियों द्वारा फॉर्म भरकर जमा करने के उपरांत उनकी सूची तैयार की गई और फिर साक्षात्कार शुरू हुआ। यह साक्षात्कार रविवार को भी चलेगा।

योजना में 3 हजार ने किया आवेदन: गोविंद देव

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि इस साक्षात्कार के लिए एक दिन पूर्व यहां पहुंचे। आवेदकों की मेरिट सूची तैयार कराकर साक्षात्कार के लिए संबंथित अभ्यर्थियों के मोबाइल पर संदेश भिजवाया। उन्होंने बताया कि इस योजना में 3 हजार आवेदकों ने आवेदन किया था। पहले चरण में सवा 2 सौ अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया है।
6 महीने के आवासीय प्रशिक्षण में प्रत्येक को 2 हजार रुपये का मासिक मानदेय भी प्रदान किया जाएगा। वहीं उनकी नियुक्ति आवश्यकतानुसार होगी लेकिन सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेने वालों में वृंदावन के प्रसिद्ध कथा वाचक डा. जयकांत मिश्र, हनुमत निवास के महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण व रामकुंज कथा मंडप के उत्तराधिकारी महंत सत्यनारायण दास शामिल थे।