कोरबा। हिंदू धर्म में शादी सात जन्मों का साथ होता है। पति और पत्नी एक दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं और साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। सबकी इच्छा भी होती है, लेकिन ऐसा नसीब किसी-किसी का ही होता है। कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हुआ है। यहां पति की मौत के कुछ घंटे बाद ही पत्नी ने भी अपने प्राण त्याग दिए और पति के आखिरी सफर में पत्नी ने साथ निभाया।
दरअसल, जिले के प्रगतिनगर दीपका निवासी संतोष कुमार सिन्हा के पिता 95 वर्षीय वशिष्ठ नारायण सिन्हा की मौत के बाद 24 घंटे के अंदर उनकी मां यानी नारायण सिन्हा की पत्नी 84 वर्षीय रमावती देवी ने भी अपने प्राण त्याग दिए। शादी के बाद 72 साल तक साथ-साथ रहे पति-पत्नी का एक ही चिता में अर्थी सजी। दोनों की एक साथ घर से अर्थी निकली। इसे देख कॉलोनी वासियों की आंखे नम हो गई।
बताया जा रहा है कि, वशिष्ठ नारायण सिन्हा की शुक्रवार को मौत हो गई थी। रमावती देवी विलाप करते-करते कई बार बेहोश हो जा रही थी। दूसरे दिन यानी आज जब सभी परिजन दूर गांव से दीपका पहुंच गए और अंतिम संस्कार के लिए अर्थी सजने लगे, उसी दरमियान अर्थी के पास ही रमावती देवी ने पति के वियोग में दम तोड़ दिया।