सरकार बदल गई ,रिश्वत लेने की नीयत नहीं बदली ,सरकारी अस्पताल में नसबंदी के नाम पर मांगे पैसे ,बीएमओ ने नोटिस जारी कर 24 घण्टे में मांगा जवाब

कोरबा। एक ओर जहां सरकार के द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए नसबंदी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तो दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में महिलाओं की नसबंदी करने के एवज में उन्हें प्रोत्साहन राशि देने की बजाय उनसे ही रुपए लिए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा संबंधित चिकित्सक को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।

जिले के अंतिम छोर पाली विकासखण्ड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में विभिन्न ग्रामों की महिलाएं मितानिन के माध्यम से नसबंदी करवाने पहुँची जिनका नसबंदी के एवज में रुपये लिए गए।
पाली अस्पताल में ज़िला खनिज न्यास मद से पदस्थ डाक्टर हेमंत पैकरा ने इनका नसबंदी किया। हितग्राहियों से पूछताछ की गयी तो उन्होने एवं उनके परिजनों ने बताया की वे मितानिन के माध्यम से नसबंदी करवाने पहुँची है और पैकरा डाक्टर ने उनका नसबंदी किया है जिसके लिए मितानिन को 2500 रूपए से 5 हजार प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा दिए हैं।

पैसे लेनदेन की बात बताई हितग्राहियों एवं परिजन ने

स्वास्थ्य विभाग द्वारा मितानिनों को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक के रूप में साधारण उल्टी, दस्त,बुखार की दवाई एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श खासकर महिलाओं से संबंधित समस्याओं के निदान(नसबंदी,प्रसव ) के लिए गाँवों में मानसेवी नियुक्ति दी है किंतु अनेक स्वास्थ्य सेवक ही कई डाक्टरों के एजेंट के तौर पर काम करते नज़र आ रही हैं।