नगर पालिका कटघोरा में चूक गई भाजपा,अविश्वास प्रस्ताव में बच गए रतन ,2 कांग्रेसी ,1 भाजपा पार्षद नहीं डाल पाए वोट,

कोरबा। नगर पालिका कटघोरा में कांग्रेस के अध्यक्ष रतन मित्तल की कुर्सी बच गई। 15 में से मात्र 3 वोट हासिल कर वे काबिज रह गए वहीं भाजपा का दावा और रणनीति धरी की धरी रह गई जो सत्ता परिवर्तन की बदली बयार में कटघोरा पालिका में भी काबिज होने की सोच रहे थे।

नगर पालिका कटघोरा में विपक्ष भाजपा के द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कलेक्टर सौरभ कुमार के मार्ग निर्देशन में आज 22 दिसंबर को दोपहर 12 बजे मुख्य नगर पालिका परिषद कटघोरा कार्यालय के सभाकक्ष में कार्यवाही विधिवत संपन्न कराई गई। पीठासीन अपर कलेक्टर दिनेश कुमार नाग के द्वारा पूरी प्रक्रिया सम्पन्न कराई गई।
छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत रतन मित्तल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के अनुसरण में अधिनियम की धारा 43 क के अधीन अविश्वास प्रस्ताव के लिए 22 दिसंबर को दोपहर 12 बजे मुख्य नगर पालिका परिषद कार्यालय के सभाकक्ष में कार्रवाई तय करने की सूचना जारी की गई।
नगर पालिका परिषद कटघोरा में कुल 15 पार्षदों में अध्यक्ष रतन मित्तल को मिलाकर कांग्रेस के 7, भाजपा के 7 और 1 निर्दलीय पार्षद हैं। निर्धारित समय तक मतदान में रतन मित्तल को मिलाकर कुल 12 पार्षदों ने मतदान किया। भाजपा की पार्षद शैल बाई आर्मो मतदान करने नहीं पहुंचीं। वहीं कक्ष से बाहर निकलने के बाद मतदान समय तक वापस कक्ष में नहीं पहुंच पाए कांग्रेस के पार्षद जय कंवर व रविन्द्र कुमार बघेल मतदान से वंचित रह गए। इन्हें कक्ष में भीतर भेज कर मतदान करने देने के लिए काफी हंगामा और धक्का-मुक्की होती रही लेकिन सफल नहीं हो पाए।

एक वोट से चूके भाजपाई

अविश्वास प्रस्ताव पास कराने में विपक्ष 1 वोट से चूक गया। कुल 15 पार्षदों में से 12 पार्षद मतदान कर पाए। इनमे भी दो मत निरस्त हो गए। शेष 10 मतो में से 3 रतन के पक्ष में तो 7 विपक्ष को मिले। इस तरह कुल पड़े वैध मत का दो तिहाई मत हासिल कर रतन ने कुर्सी बचा ली विपक्ष जरूरत के 8 वोट में 1 वोट से चूक गया। कुर्सी के बचते ही रतन मित्तल के समर्थकों में खुशी व विपक्ष खेमे में मायूसी छा गई।