एक माह से जिला प्रबंधक अवकाश पर ,अव्यवस्था से चरमराई व्यवस्था ,समितियों को लगेगी शार्टेज की भरपाई के नाम पर करोड़ों की चपत
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो )। नागरिक आपूर्ति निगम के लापरवाहियों की वजह से जिले में चावल जमा कराने की रफ्तार बेहद धीमी पड़ गई है । जिसका असर जिले के धान उपार्जन केंद्रों में पड़े करोड़ों रुपए के धान खरीदी के उठाव पर पड़ रहा है । जिसकी वजह से शासन को करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचने की संभावना बढ़ गई है । पिछले एक से माह नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक की लंबी छुट्टी ,क्वालिटी इंस्पेक्टरों के लापरवाही की वजह से अब तक राईस मिलर्स 3 लाख 21 हजार 844 क्विंटल उठाए गए धान में से 37 हजार क्विंटल चावल ही जमा कर सके हैं । जिसकी वजह से उपार्जन केंद्रों में 2 लाख 21 हजार 569 क्विंटल कुल 55 करोड़ 39 लाख 22 हजार 500 रुपए से अधिक का धान जाम पड़ा है ।
यहाँ बताना होगा कि खाद्य विभाग से अनुमति के बाद मार्कफेड बीजी (बैंक गारंटी ) के आधार पर अनुबंध कर कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करता है। जारी किए गए धान के डीओ के आधार पर 67 प्रतिशत तक चावल नागरिक आपूर्ति निगम ,और भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा करना रहता है । चावल पत्रक जमा करने के बाद जमा बीजी के आधार पर मार्कफेड पुनः कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करता है । लेकिन जिले में चावल जमा करने की रफ्तार बेहद धीमी है । जिसकी वजह से उपार्जन केंद्रों में धान जाम होने की स्थिति बन आई है । अब तक जिले में कुल 5 लाख 43 हजार 413 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है । जिसमें से 3 लाख 21 हजार 844 क्विंटल धान का उठाव हुआ है । जबकि 2 लाख 21 हजार 569 क्विंटल (करीब 40 फीसदी ) धान जाम है । दरअसल यह हालात विलंब से अनुबंध ,डीओ जारी करने और जिले में क्वालिटी इंस्पेक्टरों की कमी की वजह से निर्मित हुई है । एक क्वालिटी इंस्पेक्टर को प्रतिदिन 15 लॉट ( 4350 क्विंटल )चावल जमा करने का अधिकार रहता है । जिले में एकमात्र नियमित क्वॉलिटी इंस्पेक्टर कार्यरत हैं ।कोरबा वेयर हाउस में जे.एल.पटेल ही नियमित क्वालिटी इंस्पेक्टर हैं । जिनके द्वारा महज 4350 क्विंटल चावल का ही परीक्षण कर जमाया कराया जा सकता है ।
उधार के कर्मी कामकाज में नरमी
शासन ने हर साल की तरह प्लेसमेंट पर जिले में दो क्वालिटी इंस्पेक्टर नियुक्त किया है । अमित चंद्राकर को कटघोरा तो राजेंद्र राठौर को पाली वेयर हाउस भेजा गया है । श्री राठौर गत वर्ष भी जिले में भेजे गए थे । प्लेसमेंट कम्पनियों के क़्वालिटी इंस्पेक्टरों की भूमिका शुरू से ही संदेह के दायरे में रहता है । यही वजह है कि अब तक जिले में एक भी राईस मिलरों द्वारा जमा कराए गए चावल का लाट अस्वीकृत (रिजेक्ट )नहीं हुआ है । जबकि पूरे प्रदेश में 71 लाट अस्वीकृत हो चुका है । मामला साफ है राईस मिलरों से मिलीभगत कर चावल के लाट पास किए जा रहे हैं । यहाँ बताना होगा कि एक लाट रिजेक्ट होने पर राईस मिलरों को उसके एवज में दूसरा लाट जमा करने में समय के नुकसान के साथ साथ 15 से 20 हजार रुपए तक नुकसान उठाना पड़ता है ।
इन उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान जाम
जिले के 49 में से 28 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट (3700 क्विंटल ) से अधिक धान जाम हैं । इन उपार्जन केंद्रों में अखरापाली ,उतरदा, करतला,केरवाद्वारी,कुल्हरिया,कोथारी,कोरकोमा ,कोरबी (पाली),कोरबी (पोंडी उपरोड़ा),चिकनीपाली,चैतमा, लबेद,तुमान ,तिलकेजा, नवापारा,पठियापाली, पसान,फरसवानी,बरपाली (बरपाली),कुदुरमाल, भैसमा,रामपुर,लाफा,श्यांग,उमरेली,सुखरीकला,सिरमिना, कराईनारा एवं सोहागपुर शामिल है ।
जांजगीर में करोड़ों क्विंटल धान की खरीदी ,फिर भी डीएम नान को कोरबा का दे दिया अतिरिक्त प्रभार
कोरबा जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक के दीर्घ अघोषित अवकाश की वजह से जिले में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कर्मचारी निरंकुश हो गए हैं ।जिला प्रबंधक की गैर मौजूदगी का असर पिक आवर में चावल जमा कराने के दौरान वेयर हायस की व्यवस्था में भी साफ तौर पर देखा जा सकता है । कागजों में सिस्टम जरूर बने हैं पर जिले में पदस्थ अफसर इसका पालन कराने में फेल रहे हैं । क्वालिटी इंस्पेक्टर भी बेलगाम हो गए हैं । जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड ने जिला प्रबंधक जांजगीर को कोरबा का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है । लेकिन यहाँ हैरान करने वाली बात यह है कि जांजगीर खेतिहर जिला है कोरबा से दस गुना अधिक धान का उत्पादन और खरीदी वहाँ होती है । इस साल भी जांजगीर को करीब एक करोड़ क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है,ऐसे में जिला प्रबंधक को अतिरिक्त प्रभार देना हास्यप्रद है । निश्चित तौर पर कोरबा के स्टाफ को समस्त आवश्यक कार्य के लिए रजिस्टर और बिल लेकर जांजगीर की दौड़ लगानी होगी । कायदे से ऐसे जिले के डीएम नान को प्रभार देना था जिनके यहाँ कोरबा के समकक्ष धान खरीदी होती है ।
कोरबा वेयर हाउस में धर्म कांटा में खेल ,मिलरों ने कहा भेदभाव हो रहा
खरमोरा स्थित वेयर हाउस के गोदाम में सीएमआर के तहत चावल जमा कराने में कुछ रसूखदार राईस मिलरों को उपकृत कर शासन को लाखों का आर्थिक नुकसान पहुंचाए जाने की शिकायत मिल रही है। सूत्रों की मानें तो कोरबा एसडब्ल्यूसी में पदस्थ शाखा प्रभारी लिली खाखा की भूमिका सन्दिग्ध है । सीएमआर की ट्रकों को धर्म कांटा में तौल के दौरान राईस मिलरों द्वारा कम चावल दिए जाने के बावजूद भी उन्हें अधिक चावल प्राप्ति का पत्रक देकर अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है । और शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है ।किसी लाट में 285 क्विंटल चावल मिलने पर 295 क्विंटल तक चावल प्राप्ति का पत्रक दिया जा रहा है । वेयर हायस की व्यस्था भी भगवान भरोसे है । कोरबा राईस मिलर्स संघ ने भी अव्यवस्था के खिलाफ 6 सूत्रीय मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा है । जिसमें उन्होंने केंद्र प्रभारी एवं वेयरहाउस के प्रबंधक पर मिलरों के बीच भेदभाव कर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है । 6 सूत्रीय मांग में रोस्टर पद्धति का अक्षरशः पालन कराने,श्रमिकों की अलग से व्यवस्था कराने ,सीएमआर की ट्रकों को रोस्टर के क्रमानुसार शासकीय धर्मकांटा में तौलाकर खाली कराने हेतु श्रमिक दिए जाने ,धर्मकांटा के क्रमानुसार अनलोडिंग की पात्रता सुनिश्चित करने ,शाम 5 बजे के बाद सीएमआर की ट्रकों को धर्म कांटा में तौल नहीं कराने की मांग से लेकर गोदाम की व्यवस्था सुदृढ करने का जिक्र है ।
वर्जन
नियमानुसार कर रहे काम
नियमानुसार धर्मकांटा में तौल कराया जा रहा है किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत नहीं है । गोदाम की व्यवस्था सुदृढ है ।
लिली खाखा ,शाखा प्रभारी एसडब्ल्यूसी कोरबा
सही लाट मिल रहे
अभी सीएमआर के चावल में कोई शिकायत नहीं है ,सही लाट प्राप्त हो रहे हैं । नियमानुसार लाट की जांच कर रहे हैं ।
जे .एल.पटेल क्वालिटी इंसेक्टर एसडब्ल्यूसी कोरबा