महिला आयोग का बड़ा फैसला :अवैध रिश्ते से संतान पैदा करने वाली शिक्षिका की सेवा समाप्ति की अनुशंसा…..

कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने बुधवार को जिला कलेक्टर कोरबा सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। वही छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में बुधवार को 327 वीं एवं कोरबा जिला की 10 वीं सुनवाई हुई।

कोरबा जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 16 प्रकरण सुनवाई की गई। वही आवेदिका उपस्थित एवं अनावेदक क्रमांक 1 की उपस्थित था। अवेदिका ने अतिथि व्यख्यता के लिए एप्लाई किया था एम.फील की थी लेकिन इसके बाद भी अनावेदक ने अपने परिचित को लाभपहुंचाने के लिए उसके एम.फील के अंको को नहीं जोड़ा गया। अनोवदक वर्तमान में सेवानिवृत्त हो गये है उन्होंने बताया गया जांच समिति ने एम.फील के अंक नहीं दिये है इसलिए उनकी नियुक्ति नहीं हुई है। और वे सेवानिवृत्त हो चुके है। अतिथि व्याख्यता के लिए सत्र जून माह में समाप्त हो जाती है। आगामी सत्र जुलाई/अगस्त के लिए पुनः आवेदन का अवसर मिलेगा। आवेदिका को समझाईश दिया गया आगामी सत्र के लिए पुनः आवेदन करें यदि वह चाहें तो जांच समिति को पक्षदार बनाकर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए आवेदन कर सकते है। इस अनुशंसा के लाभ आवेदिका को आगामी सत्र में दिया जाये इस हेतु वर्तमान में अनावेदक सहमत है। उन्होने यह मान्य किया गया कि जांच समिति ने त्रुटि किया गया। आवेदक आज के सुनवाई की निःशुल्क प्रदाय किसा जाता है। वही अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध आरोप लगाया है कि उन्होने आवेदिका को प्रताड़ित किया ताकि वह ठेकेदार को लाभ पहुंचाने और आज तक ठेकेदार को लाभ पहुंचा रहे है और आवेदक को परेशान किया जा रहा है। अनावेदक इस मामले में पख रखने के पहले दस्तावेज मांग रहे है जिसे सूचना के अधिकार के तहत् जानकारी ले सकते है। अनावेदक अपने आवेदन को संशोधित भरना चाहती है। और इस प्रकारण में अन्य कर्मक ठेकेदार जिन्हें अनावेदक ने लाभ पहुंचाया है उन सभी के ऊपर संशोधित आवेदन प्रस्तुत करें उन्हें आगामी सुनवाई हेतु रायपुर में किया गया। वही अन्य प्रकरण दोनो पक्ष उपस्थित आवेदिका ने अपने बहु अनावेदन के खिलाफ शिकायत किया है कि उनके अन्य पुरूष से संबंध है जिससे उसका एक पुत्र है जिसका उम्र 02 वर्ष है। अनावेदिका के कथन है कि वह पिछले पांच साल से अपने पति से अलग रही है व शिक्षाकर्मी वर्ग 03 के पद पर कार्यरत रहते हुए तीनों बच्चों का पालन पोषण कर ही है अनावेदिका ने बताया कि उनके पति का नाम का तीसरी संतान का पिता है। आवेदिका के पुत्र के द्वारा दस्तावेज दिए गए जिसमें तीसरे पुत्र के जन्म के समय बंझोर चिकित्सालय यहां प्रसव हुआ था जिसका दस्तावेज सूचना के अधिकार में प्राप्त होता है इस दस्तावेज में आवेदिका ने अपने पति का एवं बच्चे के नाम दर्ज कराया गया। अनावेदिका ने आवेदक के खिलाफ धारा 376 दर्ज कराया गया था जिसमें दोष मुक्त हो गया है। वही तीसरे बच्चे का पिता है अनावेदिका डी.एन.ए. टेस्ट के लिए मना कर दिया गया है बच्चे के पिता आवेदक है अनावेदिका शासकीय सेवक है और बीना तलाक लिए जारता (Adultry) में रह कर एक बच्चे को जन्म दिया है इस आधार पर शासकीय सेवा समाप्त किया जा सकता है अनावेदिका के पति के द्वारा दिए गए दस्तावेज अभिलेख में रखे जाते है आवेदिका का प्रकरण पूर्ण तरीके से सही पाया गया उनकी बहू शासकीय सेवा में रहते हुए जारता (Adultry) में रह रही है इस आधार पर आवेदिका एवं पुत्र द्वारा अनावेदिका से विधिवत तलाक ले सकता है और अनावेदिका समाप्त प्रकिया प्रारंभ कर सकता है। इस अनुशंसा के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।वही अन्य प्रकरण उभयपक्ष उपस्थित अनावेदक कमांक 01 से 04 उपस्थित शेष अनावेदक प्रकरण क. 5. 6 अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि उसने अनावेदक गणों के खिलाफ मारपीट का और दहेज प्रताड़ना का थाना कुसमुण्डा में दर्ज कराया है अभी एक और मामला दर्ज है दोनो पक्षों को विस्तृत समझाईस दिए जाने पर आपसी राजी नामा करने के लिए सहमत इस प्रकरण में सखी प्रशासिका और प्रोटेक्शन ऑफिसर और राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य तीनों की टीम दोनों पक्षों की सुलह की शर्ते तैयार करायेंगे तथा आवेदिका और अनावेदक क्रमांक 01 अनावेदक कमांक 04 तीन सदस्य सुलाहनामा का दस्तावेज लेकर रायपुर में उपस्थित होंगे तब इस प्रकरण को सुलहनामा के बाद नस्तीबद्ध किया जायेगा और प्रकरण निगरानी के लिए रखा जायेगा। वही अन्य प्रकरण दोनो पक्ष उपस्थित दोनो के विस्तार से सुना गया आवेदिका अनावेदिकागण के पिता से चूड़ी से विवाहित माँ है। और उसकी एक बेटी है आवेदिका के पति की मुत्यु 10 वर्ष पूर्ण हो गयी है और वह अपने मकान को आवास योजना के तहत् बना रही थी जिसे अनावेदकगण द्वारा तोड़ा गया है और उसका लगभग 50000/- (पचास हजार रूपये) का नुकासान किया है अनावेदकगण द्वारा तोड़े गये मकान का विडियों आवेदिका के पास है जिसके आधार पर आवेदिका संबंधित थाना पाली में एफ.आई.आर. दर्ज करा सकती है। तथा पचास हजार नुकसानी के लिए वसूली का प्रकरण लगा सकती है। वही अन्य प्रकरण आवेदिका ने अनावेदिका क. 01 व 02 पर आरोप लगाया है कि उसका पति के साथ अनावेदिका क्रमांक 01 का अवैध संबंध था जिसे आवेदिका के पति ने समाप्त कर लिया है लेकिन अनावेदिका क्रमांक 01 उसे रैप के केस में फंसाने की धमकी देती है और आवेदिका का घर बर्बाद करा रही है। आयोग के द्वारा समझाईस दिये जाने पर दोनो अनावेदकगणों ने माफी मांगी है और भविष्य में किसी प्रकार संबंध रखने से मना किया है।