कोरोना वायरस (covid 19) के प्रकोप को रोकने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को UK ने आपातकालीन मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। हालही में ब्रिटेन में नए स्ट्रेन के फैलने से कूरना का संक्रमण और तेज हो गया है। ऐसे में इस फैसले के बाद ब्रिटेन में व्यापक पैमाने पर कोरोना वायरस वैक्सीन को लगाने का रास्ता साफ हो गया है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकाक ने कहा कि 4 जनवरी से ऑक्सफर्ड की कोरोना वैक्सीन को लगाने का काम शुरू हो जाएगा। ब्रिटेन में मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही इसे भारत में भी मंजूरी मिल सकती है।
ब्रिटेन में इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली यह दूसरी वैक्सीन है। इससे पहले फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है।
इससे यूके में टीकाकरण अभियान में बड़े पैमाने पर विस्तार देखा जाएगा। इसके साथ ही यूके ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के 10 करोड़ डोज के ऑर्डर दिए हैं, जो कि 5 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने के लिए पर्याप्त हैं। ब्रिटेन में पहले से ही लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है। लेकिन ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को मंजूरी देने के साथ ही ब्रिटेन में टीकाकरण में तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि यह वैक्सीन सस्ती है और इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है।
08:16 (IST) 31 Dec 2020
यह वैक्सीन नए कोविड स्ट्रेन के खिलाफ लड़ता है
ऑक्सफोर्ड का यह वैक्सीन नए कोविड स्ट्रेन के खिलाफ लड़ता है। नए कोविड स्ट्रेन ठंड में बहुत तेजी से फैलता है और अत्यधिक संक्रामक है। ब्रिटेन में इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली यह दूसरी वैक्सीन है। इससे पहले फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है।