रामपुर विधायक ने कहा प्रशासन कमीशनखोरी के लिए कर रहा यह काम ,एक डिप्टी कलेक्टर को करतला एवं पाली का वित्तीय प्रभार ,बाबू लगा रहे 70 किलोमीटर तक की दौड़ ,समय पर नहीं हो रहा भुगतान
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (भुवनेश्वर महतो ) । जिले के दो ब्लाक के 171 पंचायतों के 262 गांव विकास कार्यों के लिए एक एक पाई के भुगतान के लिए 50 से 70 किलोमीटर तक की दौड़ लगा रहे हैं । पंचायतों का विकास कार्य ठप्प पड़ गया है । महीनों से पंचायतें सफर कर रही हैं । करतला एवं पाली ब्लाक में प्रभारी जनपद सीईओ की नियुक्ति एवं उनका वित्तीय अधिकार जिला मुख्यालय में बैठे एक डिप्टी कलेक्टर को देने की वजह से यह हालत निर्मित हुए हैं । हालात यह है कि अब दोनों ब्लाक के सरपंच एकजुट होकर मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगाने का मन बना चुके हैं । ताकि जनपद पंचायत का वित्तीय बागडौर जिला मुख्यालय में बैठे अफसरों के हाथों में न हो ।
जिला गठन के बाद यह पहला अवसर है जब दो जनपद पंचायतों का संचालन जिला मुख्यालय से हो रहा हो । जी हां जिले में पिछले एक माह से कुछ यही स्थिति बनी हुई है । करतला एवं पाली में कहने को तो प्रभारी जनपद सीईओ के रूप में क्षेत्र संयोजक राधेश्याम मिर्झा व्याख्याता विजय कुमार चौहान को सीईओ बनाया गया है । विजय कुमार चौहान को पाली सीईओ एम आर कैवर्त्य के कोरोना से हाल ही में निधन के बाद प्रभार दिया गया है । लेकिन इन दोनों को सिर्फ प्रशासनिक अधिकार दिया गया है । जिला प्रशासन ने इन दोनों जनपद पंचायतों का वित्तीय अधिकार डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन को दिया है । जो कुछ महीने पहले ही रायगढ़ से स्थानान्तरित होकर कोरबा आए हैं । जिला मुख्यालय से करतला की दूरी करीब 50 किलोमीटर तो पाली की दूरी 70 किलोमीटर है । इन जनपदों के मुख्यालय से सरहदी ग्राम पंचायतों का फासला करीब 50 से 60 किलोमीटर तक का है । इस तरह वित्तीय मामलों के लिए देखें तो बाबुओं को चेक पंजी, बिल रजिस्टर सहित समस्त वित्तीय लेखा लेकर लम्बा फासला तय करना पड़ रहा है ।
एक डिप्टी कलेक्टर पर इतनी मेहरबानी क्यूँ
जिला मुख्यालय में 3 डिप्टी कलेक्टर हैं । आशीष देवांगन ,भरोसा राम ठाकुर और संजय मरकाम ,संजय मरकाम को हाल ही में अतिरिक्त तहसीलदार भैसमा बनाया गया है । इन अधिकारियों के होते हुए एक डिप्टी कलेक्टर को दो दो जनपद सीईओ का वित्तीय प्रभार देना चर्चा का विषय बना हुआ है । वैसे भी डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन की कार्यशैली रायगढ़ जिले में चर्चित रही है । ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं । कायदे से देखा जाए तो अतिरिक्त तहसीलदार भैसमा को करतला जनपद सीईओ का प्रभार दिया जा सकता था। जिससे करतला के बाबुओं को वित्तीय मामलों के लिए जिला मुख्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती । भैसमा से ही समस्त कार्य हो जाता । साथ ही भैसमा से करतला की दूरी भी कम है लिहाजा डिप्टी कलेक्टर जनपद को पर्याप्त समय भी दे सकते थे ।बताया जा रहा है करतला जनपद सीईओ को वित्तीय अधिकार दिया जा सकता था फिर भी इसकी अनदेखी की गई है ।
सरपंच परेशान ,करेंगे सीएम से शिकायत
दो दो जनपद पंचायतों का वित्तीय प्रभार जिला मुख्यालय में बैठे एक डिप्टी कलेक्टर को देने से पंचायतों का कामकाज प्रभावित हो रहा है । समय पर चेक नहीं कटने की वजह से अधिकांश पंचायतों को समय पर भुगतान नहीं हो रहा है । नाम न छापने की शर्त पर सरपंचों ने बताया कि काउंटर साइन के लिए बिल प्रशासनिक प्रभार वाले जनपद सीईओ के पास जा रहा उसके बाद ही आगे बढ़ता है । लिहाजा उन्हें दोनों जगह भेंट पूजा देनी पड़ रही है । शासन प्रशासन को जल्द ही पूर्ण प्रभार वाले जनपद सीईओ की पदस्थापना करनी चाहिए,ताकि पंचायतें सफर ना करें । सरपंचों ने बताया कि इन सब मामलों को लेकर वे नव वर्ष पर जिला प्रवास पर आ रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष अपनी समस्या रखेंगे। जिला मुख्यालय से जनपद नहीं चलाने देंगे।
परियोजना प्रशासक न दफ्तर में मिलते हैं न फोन रिसीव करते हैं
इस संबंध में हमने परियोजना प्रशासक एस .के .वाहने से संपर्क किया लेकिन पिछले दो दिन से वो कॉल रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझ रहे । न ही वो दफ्तर में बैठ रहे । एक जिम्मेदार अधिकारी का यह रवैय्या ये दर्शाता है कि वे प्रशासन और मीडिया के बीच परस्पर संवाद बनाए रखने ,प्रशासन का पक्ष रखने के प्रति कितने गैर जिम्मेदार हैं । हालांकि अभी उनके पास सीएम के आगमन की तैयारी में व्यस्त होने का अच्छा खासा बहाना है । पर इस तरह के हालात पूर्व में भी निर्मित हो चुके हैं ।
वर्जन
सब कमीशन के लिए किया गया है
कमीशनखोरी के लिए इस तरह का कृत्य किया गया है । पंचायतों का विकास कार्य बाधित हो रहा है । कलेक्टर को चाहिए कि वो ये सब बन्द कराएं ,पूर्ण प्रभार वाले जनपद सीईओ की पदस्थापना करें । अन्यथा मैं स्वयं मुख्यमंत्री से प्रशासन के इस रवैय्ये की शिकायत करूँगा ।
ननकीराम कंवर ,विधायक रामपुर विधानसभा