पश्चिम बंगाल में खूबसूरत महिलाओं लड़कियों को सेक्स करने के लिए उठाकर ले जाते हैं टीएमसी नेता,हाईकोर्ट ने तलब की रिपोर्ट,राज्यपाल ने केंद्र को भेजा प्रतिवेदन

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं के ऊपर जो आरोप लगा है वो न सिर्फ एक पार्टी के लिए बेहद शर्मिंदगी भरी बात है बल्कि एक इंसानियत के लिए भी और एक सभ्य समाज के लिए बेहद शर्मिंदगी वाली बात है यहाँ पर टीएमसी कार्यकर्ताओं के ऊपर ये आरोप लगा है कि वे सर्वेक्षण के बहाने घर घर जाकर देखते हैं और जो भी खूबसूरत महिला और लड़की मिलती है उसे उठाकर ले जाते हैं और वे उसे रात तक रखते हैं जब तक संतुष्ट नहीं हो जाते हैं और उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं।

कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं के उपर तथा वहाँ के स्थानीय नेताओं के ऊपर यह आरोप लगा है कि महिलाओं का वो चरम सीमा तक यौन उत्पीड़न करते हैं और इसी के विरोध में यह प्रदर्शन किया जा रहा है इसकी शुरुआत 5 जनवरी की सुबह को हुई थी जब करोड़ों रुपये के राशन वितरण के घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी के द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर ताकतवर और दबंग नेता शाहजहाँ शेख के संदेशखली स्थित घर पर छापेमारी की कार्रवाई की थी जहाँ पर समर्थकों के द्वारा न सिर्फ ईडी के अधिकारियों को मारा पीटा गया था बल्कि ईडी के अधिकारियों को जान से मार दिया जाए इसके बाद में ईडी के अधिकारी किसी तरह से वहाँ पर से जान बचाकर निकले थे फिर उसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम के सदस्यों के शहर से लगभग 74 किलोमीटर दूर गांव तक पहुंचते-पहुंचते मारपीट की गई जिले के बशीर घाट मंडल के अंतर्गत आने वाले संदेशखाली से जिला परिषद सदस्य शाहजहाँ तब से गायब है लेकिन उसके करीबियों ने दावा किया है इलाके पर अब भी उसका दबदबा बना हुआ है।

आदिवासीयों के जमीनों पर भी किया अतिक्रमण

घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर आ उतरी औरउन्होंने आरोप लगाया है कि शाहजहाँ और उसके दबंग दलाल झींगे की खेती के लिए जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर लेते हैं और कई सालों तक उनको प्रताड़ित कर रहे हैं उनका यौन उत्पीड़न भी किया जा रहा है पीड़ित महिलायें इस बात को पहले ही बताने का प्रयास करती थी लेकिन चूँकि टीएमसी पार्टी की वहाँ पर सरकार है और पूरी तरह से शाहजहाँ का चारों तरफ दबदबा छाया हुआ है इसलिए उसके खिलाफ़ में कोई कार्रवाई हो नहीं सकी लेकिन जब ईडी की कार्रवाई हुई तब महिलाओं को हिम्मत मिली और वो सड़कों पर उतर आईं उन्होंने ये आरोप शाहजहाँ की ऊपर लगाये|