कोरबा – अभी छह दिन पहले तालाब में डूबने से हुई करभ (हाथी का बच्चा) की मौत की दुखद घटना के बाद एक शुभ सूचना प्राप्त हुई है। इस झुंड की एक हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया है। 46 के झुंड में एक सदस्य की मौत के बाद संख्या 45 हो गई थी, जो इस नए मेहमान के आने से एक बार फिर पूरी हो गई। वन विभाग की टीम नवजात हाथी की निगरानी में जुटी है। आस पास के गांव में मुनादी कर ग्राम वासियों को हाथियों से दूर रहने सजग किया जा रहा है।
पिछले कई माह से 46 हाथियों का यह झुंड कटघोरा वनमंडल के केंदई परिक्षेत्र में डेरा डाले विचरण कर रहा है। इसी झुंड में बुधवार की रात एक नन्हें मेहमान का जन्म हुआ। सुरक्षा के लिहाज से हाथियों ने हथिनी व उसके बच्चे को घेरा बनाकर रखा है। उत्तर छत्तीसगढ़ में सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, जशपुर से कोरबा के दो वनमंडल तक फैले विशाल वन क्षेत्र में हाथियों के कई बड़े झुंड वर्षों से विचरण कर रहे हैं। आबादी व उसके साथ गांव और शहरों के बढ़ने से जंगल का दायरा भी घटने लगा। यह एक बड़ी वजह है जो यहां मानव-हाथी द्वंद भी बढ़ता जा रहा है। अब हाथियों के जंगल से निकलकर गांव में घुसने और घरों को तबाह करने की घटनाएं आम हो चली हैं। इन समस्याओं के बीच दल में एक नन्हे हाथी के आने की सूचना सुखद अनुभूति दे रहा।
रातभर आई चिंघाड़ने की आवाज
इस बच्चे का जन्म परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम घूंचापुर में रहने वाले ग्रामीण बरनराम के घर के पास ही हुआ है। गांव के इतने नजदीक होने से रात भर हाथियों की चिंघाड़ सुनाई देती रही, जिससे ग्रामीण सहमे हुए भी रहे। गांव के नजदीक हाथियों की आहट के साथ ग्रामीण चौकन्ना्े हो जाते हैं और उन्हें अपने जान-माल की चिंता सताने लगती है। लोग रात भर जागकर अपने घर-परिवार की सुरक्षा करने पहरेदारी करते हैं। यहां बताना आवश्यक होगा कि छह दिन पहले ही करीब एक माह के हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी। उसका शव पहाड़ी के नीचे खेतों के बीच एक तालाब में मिला। वन विभाग का कहना है कि दलदल में फंसने से उसकी मौत हुई थी।
एक माह पूर्व कोरबी में दो बच्चों का जन्म
इससे पहले कोरबी के जंगल में दो नन्हें हाथियों का आगमन हुआ था। अलग-अलग झुंड में हथिनियों ने बच्चों को जन्म दिया। 16 सितंबर को खरपड़ी जंगल में घूम रहे हाथियों के दल में शामिल एक हथिनी के एक बच्चे को जन्म देने की सूचना वन विभाग को मिली। सुवानाखा के जंगल में भी एक और हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया था। एक ही दिन में दो नन्हें हाथियों के आगमन से वन विभाग व ग्रामीणों में हर्ष का वातावरण था, पर इन्हीं में एक बच्चे की मौत पिछले दिनों हो गई। अब तक इस मामले में पोस्ट मार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। अधिकारियों ने शव को देखकर ही डूबने से मौत की बात कही थी। दल की निगरानी लगातार की जा रही।
बुधवार की रात ग्राम घूंचापुर में रहने वाले ग्रामीण बरनराम के घर के पास एक हथिनी ने बच्चे को जन्म दिया है। इस क्षेत्र में पिछले दो माह की अवधि में यह तीसरा नन्हा मेहमान है, जो हाथियों के इस दल में आया है। टीम लगातार इस दल की निगरानी कर रही और आस-पास मुनादी कर ग्रामीणों को हाथियों से दूरी बनाए रखने सतर्क किया जा रहा।