पहली किश्त से डीएमएफ के लाखों दबाए बैठे,ढाई साल बाद भी नहीं बनी नाली ,7.55 लाख देकर काम कराना भूले मैदानी अधिकारी

अनेक सरपंच-सचिव प्रथम किश्त की राशि दबाए बैठे,ठेकेदारों पर भरोसा पड़ा महंगा,कार्य एजेंसियों की उदासीनता से विकास कार्यों का बंटाधार, सरकारी धन की लूट रोकने अधिकारी बपरवाह !

कोरबा। डीएमएफ वाले आकांक्षी जिला कोरबा में विकास व निर्माण कार्यों की पहली किश्त पर बड़ा खेल हो रहा है। सरकार किसी की भी रहे, सांसद-विधायक कोई भी हो इससे इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। शासन से विभिन्न निर्माण और विकास कार्यों के लिए डीएमएफ से लेकर 14वें-15वें वित्त मद से राशि तो जारी हो जाती है लेकिन पहली किश्त की 40 प्रतिशत राशि निकाल कर वारा-न्यारा हो रहा है। प्रथम किश्त मिलने के बाद भी दूर-दूर तक अनेक कार्यों के निशान तक नजर नहीं आ रहे,ऐसा हुये वर्षों बीत चुके हैं। लापरवाह और गैर जिम्मेदार सरपंच-सचिवों से न तो इसकी वसूली हो रही और न ही कार्य एजेंसियों पर जिम्मेदारी तय हो रही है।

रामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत करतला जनपद पंचायत के ग्राम पंचायतों का मामला हमने पहले भी सामने लाया लेकिन अधिकारियों ने संज्ञान अब तक नहीं लिया है। इसी कड़ी में एक और मामला ग्राम पंचायत करतला का है जहां बस स्टैण्ड से शमशान घाट तक आरसीसी नाला निर्माण के लिए वर्ष- 2021-22 में जिला खनिज न्यास मद से 18.88 लाख रुपए की स्वीकृति हुई। स्वीकृति के आधार पर उपयंत्री द्वारा 27 नवंबर 2021 को ले-आऊट दिया गया। इसके बाद 27 नवंबर को ही प्रथम व द्वितीय किश्त की राशि जनपद कार्यालय के द्वारा 7 लाख 55 हजार 200 रुपए का भुगतान चेक के जरिए ग्राम पंचायत को कर दिया गया। संबंधित सरपंच-सचिव की उदासीनता के कारण यह कार्य निरीक्षण दिनांक 6 अप्रैल 2023 की स्थिति में बंद पाया गया और आज पर्यंत यही स्थिति है। जनपद द्वारा एक सप्ताह के भीतर कार्य प्रारंभ करने के संबंध में अंतिम नोटिस जारी किया गया और ऐसा न होने पर 7 लाख 55 हजार 200 रुपए की वसूली हेतु प्रकरण अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व को भेजने की हिदायत दी गई थी। इस पत्र को भी एक साल हो चुके हैं लेकिन न तो काम चालू हो सका है और न ही रुपए की वसूली।

ग्राम पंचायत और जनपद का भी ध्यान नहीं

बता दें कि उक्त नाली का निर्माण अगर किया जाता तो यह ग्राम पंचायत करतला भवन के सामने से और जनपद कार्यालय के पीछे से होकर गुजरती लेकिन इस बीच बरसात के दो मौसम पार हो गए किन्तु नाली का पता नहीं। निर्माण को लेकर ग्राम पंचायत व जनपद के अधिकारियों की अनदेखी को नकारा नहीं जा सकता। अहम बात यह भी है कि पहली किश्त जारी होने के बाद निर्धारित समय अवधि में कार्य प्रारंभ होने की निगरानी भी नहीं की गई जबकि मैदानी अमले का यह काम है।

और भी हैं ऐसे कई मामले

ग्राम पंचायत करतला में ही पातालपाली मार्ग में पुलिया हेतु डीएमएफ से 28 नवंबर 2020 को 10 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था। सुखसिंह के खेत के पास पुलिया निर्माण हेतु 4 लाख रुपए जारी किया गया। आरईएस उप संभाग करतला के एसडीओ द्वारा कार्य प्रारंभ न होने पर सचिव/सरपंच के विरुद्ध सितंबर 2022 में धारा 92 की कार्यवाही हेतु जनपद सीईओ को पत्र लिखा गया लेकिन हुआ कुछ नहीं। इसी प्रकार मयाराम के खेत से बांसाखर्रा मार्ग पर 10 लाख के पुलिया निर्माण की स्वीकृति वर्ष-2021 में हुई और 4 लाख रुपए प्रथम किश्त देने के बावजूद 6 अप्रैल 2023 की स्थिति में कार्य अप्रारंभ होना पाया गया। बरपाली के पूर्व सरपंच गोविन्द नारायण कंवर के कार्यकाल में भी नाली निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था लेकिन इसके 4 लाख रुपए प्रथम किश्त आज भी दबे हैं और कार्य अप्रारंभ है, वसूली लटकी है।