शरीर में छिपाकर लाई थीं 25 किलो सोना,मुंबई एयरपोर्ट पर डीआरआई ने अफगान राजनयिक से किया जब्त …..

मुंबई। एक रोज पूर्व अपने इस्तीफे का एलान करने वाली वरिष्ठ अफगान राजनयिक जाकिया वारदक अपने शरीर में छिपाकर 18.60 करोड़ की कीमत का 25 किलोग्राम सोना दुबई से भारत लाई थीं। एक-एक किलो वजन वाली छड़ों के रूप में यह सोना जैकेट, लेगिंग, नी कैप, बेल्ट आदि में छिपाया गया था।मुंबई एयरपोर्ट पर जब महिला अधिकारी शारीरिक जांच के लिए वारदक को कैबिन में ले गईं तो यह सारा मामला सामने आया।

इसके बाद सोने को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने जब्त कर लिया था। डीआरआइ के एक सूत्र ने बताया कि अप्रैल के आखिरी दिनों में हुई इस घटना में सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत सोने की तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। वारदक के राजनयिक होने के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।कानून के तहत यदि तस्करी किए गए सोने की कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक होती है तो आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उस पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाता है। डीआरआइ के एक अधिकारी ने कहा कि हमें सूत्रों से वारदक के बारे में विशेष जानकारी मिली थी। इसके बाद हवाईअड्डे पर जांच के लिए लगभग एक दर्जन कर्मियों को तैनात किया गया था।58 वर्षीय वारदक अपने बेटे के साथ अमीरात की फ्लाइट से दुबई से मुंबई पहुंची। दोनों ने हवाई अड्डे से बाहर निकलने के लिए ग्रीन चैनल का इस्तेमाल किया, जोकि यह दर्शाता है उनके पास कोई ऐसा सामान नहीं है जिसे सीमा शुल्क में घोषित करने की आवश्यकता थी। जब वे हवाई अड्डे से बाहर की निकलने की ओर जा रहे थे तो हमने उन्हें रोका।अधिकारी ने कहा कि दोनों यात्रियों के पास पांच ट्राली बैग, एक हैंड बैग, एक स्लिंग बैग था। उनके सामान पर कोई टैग या निशान नहीं था जोकि उनकी राजनयिक पहचान को दर्शाए। सूत्रों ने कहा कि डीआरआइ अधिकारियों ने यात्रियों से पूछा कि क्या वे अपने साथ कोई कस्टम ड्यूटी ड्यूटी वाला सामान या सोना ले जा रहे हैं तो उन्होंने नहीं में जवाब दिया।जब उनके बैगों की जांच की गई और उसमें कुछ नहीं मिला। इसके बाद एक महिला अधिकारी शारीरिक जांच के लिए वारदक को एक अलग कमरे में गई और उनकी तलाशी ली। इस दौरान उनकी जैकेट, लेगिंग, बेल्ट में छिपाकर लाई गई सोने की 25 छड़े बरामद की गईं। प्रत्येक का वजन एक किलो था और यह 24 कैरेट की थी। शारीरिक जांच के दौरान वारदक के बेटे से कुछ नहीं मिला। अधिकारी ने यह भी कहा कि जब हमने वारदक से इस सोने के संबंध में दस्तावेज मांगे तों वह कुछ भी पेश नहीं कर सकीं।इसके बाद पंचनामे की कार्रवाई कर सोने की छड़ें, जैकेट, बेल्ट को जब्त कर लिया गया और उसके बाद ही वारदक को जाने दिया गया। बता दें कि मुंबई में अफगानिस्तान की महावाणिज्य दूत होने के साथ-साथ वारदक दिल्ली स्थित अफगान दूतावास का भी कामकाज संभाल रहीं थीं। उधर, इस संबंध में रिपोर्टर ने मामले में वारदक का पक्ष जानने के लिए उन्हें मेल भी भेजा लेकिन समाचार लिखे जाने तक उसका कोई जवाब नहीं मिला था।