इस साल एक दिन भी कक्षाएं नहीं लगीं फिर भी
कोरोना के कारण भले ही शिक्षा सत्र में एक भी दिन न तो स्कूल खुले और न ही कक्षाएं लगाई गईं। इसके बावजूद इस साल 9वीं-11वीं में जनरल प्रमाेशन नहीं होगा। छात्रों को परीक्षा की प्रक्रिया से गुजरना होगा। हालांकि परीक्षा का फार्मूला क्या होगा? अभी ये तय नहीं है। यानी परीक्षा असाइनमेंट के आधार पर ली जाएगी या छात्रों को स्कूल में ऑफ लाइन इम्तेहान देने होंगे? इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है अलबत्ता जिला शिक्षा अधिकारियों को परीक्षा के लिए तैयार रहने को कहा गया है। शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि पूरे सत्र के दौरान 9वीं और 11वीं की कक्षाएं भले ही नहीं लगायी गईं लेकिन परीक्षा के आयोजन को लेकर फैसला लिया जा चुका है। ज्यादातर अफसरों का कहना है कि पिछले साल हालात अलग थे। अभी स्थिति बदली है। इसी वजह से यह तय किया गया है कि परीक्षा के बिना छात्रों को अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा। दसवीं-बारहवीं बोर्ड एग्जाम के बाद नवमीं-ग्यारहवीं की परीक्षा होगी। परीक्षा का आयोजन स्कूल अपने स्तर पर करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल नवमीं-ग्यारहवीं के लिए भी माध्यमिक शिक्षा मंडल से पेपर तैयार किए गए थे। इसके अनुसार परीक्षा की तैयारी भी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च में स्कूल बंद हुई। कुछ दिनों के बाद इस कक्षा के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया गया।
ऑनलाइन क्लास लेकिन मूल्यांकन का सिस्टम नहीं
10वीं-12वीं के साथ 9वीं-11वीं के छात्रों के लिए ऑनलाइन मूल्यांकन का कोई सिस्टम ही नहीं बना है। 10वीं-12वीं के छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के आधार पर असाइनमेंट दिए जा रहे हैं। इसके माध्यम से उनका मूल्यांकन किया जा रहा है। लेकिन 9वीं-11वीं के छात्रों के लिए मूल्यांकन का सिस्टम नहीं है। इस वजह से ऑनलाइन क्लास से जुड़ने वाले छात्रों की संख्या भी कम है।