श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति के साथ300 श्रद्धालुओं के जत्थे ने यादगार लम्हों के बीच पूरे किए चारधाम ,सफल हुआ जीवन ,इच्छाएं हुईं पूरी तमाम

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । ग्रीष्म ऋतु में 7 से 20 मई तक हिमालय की गोद में अवस्थित सुख शांति यश एवं मोक्ष की स्थली पावन चारधाम की यात्रा कराकर श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति का 300 श्रद्धालुओं का जत्था यादगार यात्रा, सुखद अनुभवों के साथ लौट आया। आस्था एवं उत्साह के साथ इस पवित्र यात्रा में सपरिवार शामिल हुए 7 राज्यों के श्रद्धालु जहां नए अनुभवों के साथ वापस लौटे वहीं इस पावन यात्रा के साथ देश की नामचीन तीर्थाटन सेवा समिति श्री त्रिपुर यात्रा सेवा समिति के सफल यात्राओं के कारवां में एक और कड़ी जुड़ गई ।

लगातार 18 वर्षों से चार धाम की सुव्यवस्थित शानदार सफल यात्रा कराते आ रही देश की प्रसिद्ध तीर्थाटन सेवा समिति श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति की मंशा
आस्थावान भक्तों की स्थली छत्तीसगढ़ के वयोवृद्ध श्रद्धालुओं को कम राशि पर सर्वसुविधा युक्त तीर्थ यात्रा कराने की रही है। ताकि श्रद्धालुओं के जीवन में सुख समृद्धि यश कृति बनी रहे । वे अपना जीवन धन्य बना सकें। हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार
इंसान की इन पांचों ख्वाहिशों की स्थली भारत की पतित पावनी देवभूमि उत्तराखंड में अवस्थित है ।चारधाम के नाम से विख्यात उत्तराखण्ड की पावन धरा पर अवस्थित बद्रीनारायण ,केदारनाथ ,गंगोत्री व यमुनोत्री ये वो तीर्थस्थल हैं जहां इंसान की ये पांचों कामनाएं पूरी हो जाती हैं। ग्रीष्म ऋतुकाल में ऐसे ही चारधाम तीर्थयात्रा करने के इच्छुक भक्तों के जत्थों के सपनों को श्री त्रिपुर तोर्थ यात्रा सेवा समिति ने 7 मई से 20 मई तक चारधाम की यात्रा
पर ले जाकर साकार किया ।


सेवा,समर्पण एवं सर्वसुविधाओं के लिए विख्यात त्रिपुर यात्रा सेवा समिति ने ऐसे श्रद्धालुओं के भी दर्शन लालसा को पूरा कराया जिन्हें लंबी यात्रा के दौरान थकान के कारण पैदल चलकर पहुंचने में दिक्कतें हो रही थी। समिति ने घोड़े ,खच्चर पालकी ,पिट्ठू एवं हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाकर दर्शन लालसा की कामना पूरी कराई। पूरी यात्रा के दौरान सभी स्थलों पर समिति के स्वयं के सर्वसुविधायुक्त होटल में सेवाएं मिलीं। वहीं समिति के कुशल मैनेजर ,गाइड एवं कुक की टीम ने श्रद्धालुओं के खान -पान ,ठहराव एवं मनोरंजन का भी विशेष ख्याल रखा।
भारत के 7 राज्यों छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड ,बिहार, उड़ीसा सहित दिल्ली के 300 श्रद्धालुओं के जत्थे को स्पेशल ट्रेन के जरिए चार धाम की यात्रा पर लेकर गई श्री त्रिपुर यात्रा सेवा समिति का कारवां 10 मई को पतित पावनी यमुनोत्री के दर्शन के साथ शुरु हुई। 12 मई को गंगोत्री का दर्शन कराकर 14 मई को समिति ने विशेष वाहन से श्रद्धालुओं को सोन प्रयाग एवं गौरीकुंड का दीदार कराया। ततपश्चात यात्रा का कारवां केदारनाथ की ओर आगे बढ़ा । श्रद्धालुओं के जत्थे को घोड़े खच्चर पालकी पिठ्ठू से केदारनाथ बाबा के दर्शन निमित्त रवाना किया गया। यही नहीं जिन श्रद्धालुओं ने हेलीकॉप्टर से बुकिंग कराई थी वे समिति के स्पेशल वाहन से फाटा सिरकी हैलीपैड से बाबा केदारनाथ के दर्शन निमित्त रवाना हुए।द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक हिमालय की गोद मे बसे बाबा केदारनाथ का दर्शन एवं सुरम्य वादियों का दीदार कर 16 मई को श्रद्धालुओं का जत्था स्पेशल बस से बद्रीनाथ धाम के लिए कूच किया। अलकनंदा नदी के किनारे बसा भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर को आदिकाल से स्थापित और सतयुग का पावन धाम माना जाता है। जीवन में बार बद्रीनाथ की यात्रा जरूर करना चाहिए।बद्रीनाथ की इस महत्ता से वाकिफ
श्रद्धालुओं का जत्था विधिवत पूजा अर्चना कर 17 मई को ऋषिकेश पहुंचा। यहां ऐतिहासिक लक्ष्मण व रामझूला का दीदार कर श्रद्धालु बेहद रोमांचित हुए। 18 मई को हरकी पोंडी में सुबह गंगा स्नान कर हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी ,चंडीदेवी ,गायत्री शांतिकुंज ,जैन मंदिर ,भारतमाता का दर्शन कर संध्या आरती में शामिल हुए। 19 मई को श्रद्धालुओं का जत्था समिति के वाहन से अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हुआ।

श्रद्धालुओं ने कहा यादगार रही यात्रा सपने हुए साकार , परिवार की तरह सेवाओं ने जीता दिल

चारधाम की आनंददायी तीर्थ यात्राकर लौटे श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा किए। बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी विनय कुमार ने सपत्नीक यात्रा में शामिल होकर अपना जीवन धन्य बनाया । श्री विनय ने कहा कि चार धाम के महत्व के बारे में सुना था लेकिन श्री त्रिपुर तीर्थयात्रा की बदौलत इतना सुखद यात्रा कर मन प्रफुल्लित हो उठा। जबलपुर (मध्यप्रदेश) के एसबीआई के ब्रांच मैनेजर अनुराग मिश्रा सपरिवार चार धाम की यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यात्रा में जिस तरह श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति ने सेवाएं प्रदान की ऐसा लगा मानो हमें किसी अपनों का सहयोग मिल रहा हो । यात्रियों की पूरी यात्रा के दौरान ख्याल रखा गया। जिसकी बदौलत मोक्ष एवं यश की स्थली चार धाम का हम आनंदपूर्वक यात्रा कर सके।