जल जीवन मिशन के कार्यों का बंटाधार ! न गुणवत्ता न अपेक्षित गति , हटाए गए छत्तीसगढ़ के इस जिले के प्रभारी ईई,मचा हड़कम्प,देखें आदेश ……

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।केन्द्रीयकृत योजना जल जीवन मिशन के स्वीकृत कार्यों का बंटाधार कर अपेक्षित गति नहीं ला पाना छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई ) के प्रभारी कार्यपालन अभियंता (ईई) आदित्य प्रताप पर भारी पड़ गया। प्रमुख अभियंता लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने प्रभारी ईई को हटाते हुए कार्यालय मुख्य अभियंता ,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बिलासपुर परिक्षेत्र में आगामी आदेश पर्यंत तक अस्थाई रूप से कार्य करने आदेशित किया है ।कार्यालय अधीक्षण अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मण्डल -अम्बिकापुर में सहायक अभियंता के पद पर पदस्थ सुशील कुमार सिन्हा को कार्यालय कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड -बलरामपुर का प्रभार सौंपा गया है । उक्त कार्रवाई से हड़कम्प मचा है ।

गौरतलब हो कि गत 20 जून को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में बलरामपुर जिले के भी जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की गई । जिसमें प्रभारी कार्यपालन अभियंता आदित्य प्रताप कर्तव्य निर्वहन के प्रति घोर उदासीनता पाए गए । जिसकी वजह से विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जल जीवन मिशन के लक्षित कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने हेतु जिला बलरामपुर के मिशन के उद्देश्य के अनुरूप वांक्षित प्रगति प्राप्त करने में कठिनाई आ रही है। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए डॉ .एम.एल .अग्रवाल प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने प्रभारी ईई आदित्य प्रताप सिंह को हटाते हुए कार्यालय मुख्य अभियंता ,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बिलासपुर परिक्षेत्र में आगामी आदेश पर्यंत तक अस्थाई रूप से कार्य करने आदेशित किया है ।कार्यालय अधीक्षण अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मण्डल -अम्बिकापुर में सहायक अभियंता के पद पर पदस्थ सुशील कुमार सिन्हा को कार्यालय कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड -बलरामपुर का प्रभार सौंपा गया है । उक्त कार्रवाई से हड़कम्प मचा है ।

शिकायतों को किया नजरअंदाज

बलरामपुर जिले में जल जीवन मिशन का कार्य अत्यंत असन्तोषजनक है । गुणवत्ता एवं तकनीकी मापदण्डों को हाशिए पर रखकर फर्मों द्वारा कार्य कराया जा रहा। जिसकी शिकायत मिलने पर तत्कालीन मिशन संचालक आलोक कटियार ने सम्बंधित फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था। लेकिन आज पर्यंत प्रकरण में कोई बड़ी कार्रवाई नजर नहीं आई। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो उच्च अधिकारियों द्वारा निहित स्वार्थ के लिए पूरा मामला रफादफा कर फर्मों को क्लीनचिट दे दी गई है। अम्बिकापुर(सरगुजा) जिला ,कोरबा,महासमुंद ,रायगढ़ ,बिलासपुरजिले में भी जल जीवन मिशन का कार्य गुणवत्ताहीन होने के आरोप लग रहे हैं साथ ही अपेक्षित गति से तैयार नहीं हो रहे। बावजूद सत्तापक्ष विभिन्न अवसरों पर आंकड़ों के जरिए जनता के समक्ष योजनाओं की सफलता का बखान कर वाहवाही लूटती आ रही है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि एक भी योजनाओं से जनता की प्यास ही नहीं बुझी। कायदे से इन जिलों के कार्यों की जांच होनी चाहिए, ताकि पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार के दाग से मुक्त रहे ।