हसदेव एक्सप्रेस न्यूज बस्तर(भुवनेश्वर महतो) । बस्तर में बस्तर विकास प्राधिकरण (Bastar Development Authority) से स्वीकृत कार्यों ( approved works)में नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्टाचार (Corruption)का खेल खेला गया है। सूचना के अधिकार अधिनियम(Rti act ) के तहत प्राप्त दस्तावेजों से इसका भांडा फूट गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में जनपद पंचायत बस्तर (Janpad panchayat bastar ) के नगर पंचायत बस्तर समेत 22 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2021 -22 से 2023 -24 तक स्वीकृत 1 करोड़ 56 लाख 50 हजार के 51 कार्यों माता गुड़ी मरम्मत ,देवगुड़ी मरम्मत , यात्री प्रतीक्षालय , आरसीसी पुलिया निर्माण में फर्जी तकनीकी( Technical Report) प्रतिवेदन ,पूर्णता प्रमाण पत्र (Competition Certificate ) जारी कर दिया गया है। सब इंजीनियर एवं एसडीओ के हस्ताक्षर ,सत्यापन विहीन ये कार्य दस्तावेजों में अमानक/फर्जी हैं लिहाजा इनकी उच्च स्तरीय जांच से कई जिम्मेदार नपेंगे ।
यहां बताना होगा कि बस्तर संभाग के अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं सर्वांगीण विकास एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र बस्तर संभाग के राजस्व जिले क्रमशः बस्तर ,कोंडागांव ,दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा ,उत्तर -बस्तर -कांकेर ,नारायणपुर ,बीजापुर एवं सुकमा जिले हैं। प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में एक काम के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए की स्वीकृति की सीमा है,लेकिन जरूरत पड़ने पर शासन की अनुमति से बड़े कार्यों की भी स्वीकृति दी जा सकती है। बस्तर विकास प्राधिकरण योजनांतर्गत बस्तर जिले के जनपद पंचायत बस्तर के नगर पंचायत बस्तर समेत 22 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2021 -22 से 2023 -24 तक स्वीकृत 1 करोड़ 56 लाख 50 हजार के 51 कार्यों माता गुड़ी मरम्मत ,देवगुड़ी मरम्मत , यात्री प्रतीक्षालय , आरसीसी पुलिया निर्माण में फर्जी तकनीकी प्रतिवेदन ,पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर शासकीय राशि का बंदरबाट करने का मामला प्रकाश में आया है। विश्वस्त सूत्रों से अनियमितता की मिल रही शिकायत पर सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 कर तहत प्राप्त दस्तावेजों से उपरोक्त अनियमितता का खुलासा हुआ है।
एसडीओ के सत्यापन के बिना 17 लाख 50 हजार के 4 कार्यों की जारी हो गई सीसी 👇
बस्तर विकास प्राधिकरण योजना के अंर्तगत जनपद पंचायत बस्तर क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों में भ्रष्टाचार की किस तरह इंतिहा हुई है इसकी बानगी ग्राम करन्दोला , सोनारपाल ,भानपुरी ,एवं नगर पंचायत बस्तर में देखा जा सकता है। जहां ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) के अनुविभागीय अधिकारी (SDO ) के सत्यापन (Competition Certificate )) )के बिना ही 15 लाख के 4 कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र (CC)जारी कर दिया गया है। ग्राम पंचायत करन्दोला में एनएच (NH )30 में 6 लाख की लागत से यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण किया गया है। कार्य का अंतिम मूल्यांकन कर 5 लाख 95 हजार 21 रुपए वास्तविक भुगतान किया गया है। ग्राम पंचायत सोनारपाल में कौशिल्या श्रीवास घर के पास भवानीपारा में 5 लाख की लागत से 2 मीटर तक आर.सी.सी.सड़क पुलिया निर्माण किया गया है। कार्य का अंतिम मूल्यांकन कर 4 लाख 84 हजार 207 रुपए वास्तविक भुगतान किया गया है।
ग्राम पंचायत भानपुरी के पुजारीपारा मार्ग में 4 लाख 50 हजार की लागत से 1.50 मीटर स्पान पुलिया निर्माण किया गया है।
कार्य का अंतिम मूल्यांकन कर 3 लाख 33 हजार 883 रुपए वास्तविक भुगतान किया गया है।इसी तरह नगर पंचायत बस्तर में 2 लाख रुपए की लागत से तेंलगीन मातागुड़ी मरम्मत का कार्य कराया गया है। कार्य का अंतिम मूल्यांकन कर 2 लाख रुपए वास्तविक भुगतान किया गया है। हैरानी की बात तो यह है वित्तीय वर्ष 2021-22 के इन सभी कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र ( Competition Certificate ) में एसडीओ आरईएस के हस्ताक्षर ही नहीं हैं। इस तरह एसडीओ के सत्यापन के बिना ही पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। जो कि संबंधित कार्यों में गम्भीर अनियमित को इंगित कर दिया है।
1 करोड़ 24 लाख के कार्यों के तकनीकी प्रतिवेदन में सब इंजीनियर ,सीईओ के हस्ताक्षर ही नहीं 👇
बस्तर विकास प्राधिकरण योजना अंर्तगत बस्तर जिले के जनपद पंचायत बस्तर क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में स्वीकृत कार्यों में अनियमितता की लंबी लिस्ट है एक तरफ जहां 17 लाख 50 हजार के 4 कार्यों में फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है । वहीं दूसरी ओर 1करोड़ 24 लाख के स्वीकृत कार्यों माता गुड़ी मरम्मत ,देवगुड़ी मरम्मत कार्य में फर्जी तकनीकी प्रतिवेदन लगाया गया है। तकनीकी प्रतिवेदन (Technical Report ) में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) जनपद पंचायत बस्तर ,एवं उप अभियंता (Sub Engineer )ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के हस्ताक्षर (signature ) ही नहीं हैं। इस तरह निहित स्वार्थ के लिए फर्जी तकनीकी प्रतिवेदन के सहारे करोड़ों का शासकीय कार्य कराकर नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई गई है।
इन ग्राम पंचायतों के कार्यों में लगे फर्जी तकनीकी प्रतिवेदन 👇
बस्तर विकास प्राधिकरण के तहत स्वीकृत
1 करोड़ 39 लाख के स्वीकृत कार्यों माता गुड़ी मरम्मत ,देवगुड़ी मरम्मत में फर्जी तकनीकी प्रतिवेदन लगाया है। 12 ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 24 लाख की लागत से 42 नग माता गुड़ी मरम्मत का कार्य कराया गया है । इन ग्राम पंचायतों में रेटावंड , टिकरालोहगा, नन्दपुरा, घाटकवाली, लामकेर ,छुरावड़, पाथरी, उसरी, कुम्हली , कोलचुर , पिपलावद एवं कुड़कानार शामिल हैं। 18 लाख की लागत से ग्राम पंचायत कोलचुर में 5 नग देवगुड़ी मरम्मत का कार्य कराया गया है।
इन सभी कार्यों के तकनीकी प्रतिवेदन में सक्षम अधिकारियों जनपद सीईओ ,सब इंजीनियर के हस्ताक्षर ही नहीं हैं। इस तरह शासकीय योजनाओं में नियम कायदों को ताक में रखकर जिम्मदारों ने निहित स्वार्थ की पूर्ति की है।
उच्च स्तरीय जांच की दरकार क्या सुध लेगी सरकार 👇
बस्तर विकास प्राधिकरण से नगर पंचायत बस्तर समेत 22 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2021 -22 से 2023 -24 तक स्वीकृत 1 करोड़ 56 लाख 50 हजार के 51 कार्यों माता गुड़ी मरम्मत ,देवगुड़ी मरम्मत , यात्री प्रतीक्षालय ,आरसीसी पुलिया निर्माण में फर्जी तकनीकी( Technical Report) प्रतिवेदन ,पूर्णता प्रमाण पत्र (Competition Certificate ) की उच्च स्तरीय जांच (high level investigation ) की जानी चाहिए। न केवल जनपद पंचायत बस्तर कोंडागांव जिले के जनपद पंचायत बड़े राजपुर एवं केशकाल में भी बस्तर विकास प्राधिकरण के कार्यों में अनियमितता बरती गई है। उप अभियंताओं के स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में निरीक्षण तिथि का उल्लेख ही नहीं हैं।दफ्तरों में बैठे बैठे स्थल निरीक्षण किया गया है। बड़े राजपुर के ग्राम पंचायत छिंदली में 42 लाख 65 हजार ,बाड़ागांव में 21 लाख 84 हजार , कोंगरा में 2 लाख 35 हजार की लागत से निर्माण कार्यों के लिए फर्मों से मिलीभगत कर क्रय किए गए सामाग्रियों का भुगतान 50 हजार रुपए से अधिक के प्रत्येक बिल होने के बावजूद फर्मों को बिना जीएसटी काटे भुगतान कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। सत्ता परिवर्तन के बाद विधानसभा के पहले ही सत्र में बस्तर विकास प्राधिकरण योजना के अंर्तगत स्वीकृत कार्यों में अनियमितता का मामला सदन में गूंजा था। दोषियों पर संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। विपक्ष के मंत्री विधायकों तक ने इसका समर्थन किया था। अब ऐसे में देखने वाली यह बात होगी कि बस्तर एवं कोंडागांव जिले में ऐसे प्रमाणित खबरों में शासन उचित संज्ञान लेकर प्रकरण की जांच कर जिम्मदारों का चिन्हांकन कर आवश्यक कार्रवाई करेगी या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
वर्जन
बिना टीएस कार्य संभव नहीं , मामले की जानकारी लेंगे
बिना टीएस के तो कार्य संभव नहीं, ऐसा मामला है तो मामले की जानकारी लेंगे।
भानु प्रताप चुरेन्द्र ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बस्तर ,जिला -बस्तर (छग)।