आकांक्षी जिला कोरबा में अंधविश्वास पड़ी भारी, समय पर नहीं मिली बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ,पीलिया, बुखार से पीड़ित राष्ट्रपति के दत्तक पुत्री पहाड़ी कोरवा बालिका की मौत,मचा हड़कम्प,मौके पर डटे बीएमओ ,जानें मामला ….

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । मेडिकल कॉलेज जैसे तमाम स्वास्थ्यगत सुविधाओं के मौजूदगी के बावजूद बुखार एवं पीलिया जैसे मौसमी बीमारियों में झाड़फूंक जैसे अंशविश्वास पर भरोसा करना, स्थानीय झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज कराते रहना आकांक्षी जिला कोरबा के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा परिवार पर भारी पड़ गया। ग्राम डूमरडीह में पीलिया बुखार से पीड़ित 12 वर्षीय पहाड़ी कोरवा बच्ची ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मचा है ,बीएमओ दीपक राज स्वास्थ्य अमले के साथ मौसमी बीमारियों बुखार -पीलिया की चपेट से घिरे ग्राम में डटे हुए हैं। उनके वापसी के बाद ही घटना से जुड़े वास्तविक तथ्य सामने आएंगे।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आकांक्षी जिला कोरबा के ग्राम डूमरडीह में एक पहाड़ी कोरवा परिवार निवासरत है। परिवार कुछ दिनों से पहाड़ में रह रहा था। इस दौरान एक 14 वर्षीय किशोरी तेज बुखार एवं पीलिया की चपेट में आ गई। 4 दिन पहले ही परिवार पहाड़ से नीचे उतरा था।परिजन स्थानीय स्तर पर झाड़फूंक कराते रहे। ,मितानिन से दवाई लेने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आई। बुधवार को बच्ची की स्थिति अत्यंत खराब हो गई ,मृतप्राय (ब्राड डेड) अवस्था में उसे मेडिकल कालेज लाया गया था। जहाँ बच्ची ने दम तोड़ दिया। मृत बालिका के चाचा देवनाराम पहाड़ी कोरवा के अनुसार पूरे ग्राम में मौसमी बीमारियों बुखार उल्टी दस्त से लोग पीड़ित हैं। आसपास के गांव में भी महामारी फैली हुई है।

बीएमओ अमले के साथ मौके पर डटे

घटना के बाद हड़कम्प मचा हुआ है। स्वास्थ्य अमला एक्शन मोड़ में आ गया है। सीएमएचओ एस एन केसरी के निर्देश पर बीएमओ दीपक राज अमले के साथ मौके पर पहुंच घटना एवं स्थिति का जायजा ले रहे। नेटवर्क नहीं होने की वजह से उनके आने के बाद ही वास्तविक तथ्य सामने आएंगे।

गुरमा में भी किशोरी की हुई थी मौत , तो क्या स्वास्थ्य अमले की अनदेखी से बिगड़ रहे हालात ,उठ रहे सवाल !

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी कोरबा ब्लॉक के ही ग्राम गुरमा में 15 जुलाई को ही एक 15 वर्षीय किशोरी की मौत हुई थी। लोगों ने बताया है कि इस क्षेत्र में महामारी फैल गई है, जिसके चपेट में कई लोग आ गए हैं। इसके बाद यह दूसरी घटना है जिसमें समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र ने अपनी बच्ची खो दी। इन सबके कारण जो भी हों,शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल आकांक्षी जिला कोरबा में स्वास्थ्य विभाग दो दो मौत से कटघरे में है। इस जिले में विभागीय फंड के अलावा ,डीएमएफ एवं सीएसआर से सालाना 800 करोड़ रुपए से अधिक की राशि उपलब्ध रहता है । बावजूद इस तरह की घटनाओं से जनाक्रोश व्याप्त है। निश्चित तौर पर इस घटना के पीछे जागरूकता में कमी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है बावजूद इसके ऐसे क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के साथ साथ स्थिति पर नजर रखने की भी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है ,जिसके लिए पर्याप्त अमला भी मौजूद है। बावजूद इस तरह की घटनाएं चिंताजनक है ।

वर्जन

ब्राड डेड की स्थिति में लाए थे अस्पताल

संबंधित परिवार 4 दिन पहले ही पहाड़ से नीचे उतरा था। बच्ची को तेज बुखार थी। परिजनों ने अपने स्तर पर उपचार कराने के साथ साथ मितानिन से दवाइयां ली थी। ब्राड डेड की स्थिति में बच्ची को अस्पताल लाया गया था।

एस .एन. केशरी,सीएमएचओ कोरबा