मनु भाकर ने बढ़ाया भारत का मान ,पेरिस ओलंपिक विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीत खोला भारत का मेडल का खाता

पेरिस। भारत का पेरिस ओलिंपिक्स 2024 में दूसरे दिन मेडल का खाता खुल गया है। भारतीय शूटर मनु भाकर ने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाल दी है ।ओलंपिक के इतिहास में शूटिंग में मेडल दिलाने वाली मनु पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने फाइनल में 221.7 पॉइंट्स के साथ कांस्य जीता।

22 साल की मनु ने वूमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कमाल का प्रदर्शन किया और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
मनु भाकर ने भारत को पेरिस ओलंपिक 2024 का पहला मेडल दिलवा दिया है. साउथ कोरिया की ओ ये जिन पहले स्थान पर रही। उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। वहीं, साउथ कोरिया की ही किम येजी दूसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। मनु 221.7 प्वाइंट्स के साथ तीसरे नंबर पर रही। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मिला।
मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ था। उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर के पद पर हैं। 14 साल की उम्र तक भाकर ने मणिपुरी मार्शल आर्ट जैसे अन्य खेलों के साथ-साथ मुक्केबाजी, टेनिस और स्केटिंग में भी कमाल का प्रदर्शन किया और इन इवेंट्स में नेशनल गेम्स में मेडल जीते।

कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में भी दिखा चुकी हैं कमाल

मनु ने साल 2018 कॉमनवेलथ गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. वह भी महज 16 साल की उम्र में। वही, उन्होंने 2022 एशियन गेम्स में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में ईशा सिंह और रिदम सांगवान के साथ भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था।

टोक्यो ओलंपिक में हाथ लगी थी निराशा

2021 के टोक्यो ओलिंपिक में मनु की पिस्टल खराब हो गई थी। 20 मिनट तक वे निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं थीं। मनु निराश थीं लेकिन उन्होंने वापसी की और पेरिस ओलिंपिक्स में भारत को मेडल दिलाया। उन्होंने 243.2 पॉइंट स्कोर करके ओलिंपिक रिकॉर्ड बनाया। कोरिया की ही किम येजी ने सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने 241.3 पॉइंट बनाए।

शूटिंग में 12 साल बाद मेडल दिलाया

मनु भाकर ने भारत को ओलिंपिक में 12 साल बाद शूटिंग का मेडल दिलाया है। भारत को इस खेल में आखिरी ओलिंपिक मेडल 2012 में मिला था। यह शूटिंग में भारत का अब तक का 5वां मेडल है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 में सिल्वर, अभिनव बिंद्रा ने 2008 में गोल्ड और 2012 में विजय कुमार ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज जीता था।