कोलकाता। सीबीआई की टीम ने शनिवार को 13 लोगों से पूछताछ की। जांच ऐजेंसी दो दिन में 19 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इसमें आधे से अधिक लोगों ने अस्पताल से मानव अंगों की तस्करी के रैकेट को लेकर जानकारी दी है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में जैसे-जैसे CBI की जांच आगे बढ़ रही है कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। सीबीआई की अब तक की जांच और डॉक्टर के बैचमेट्स के बयानों से पता चला है कि मानव अंगों के अवैध कारोबार से पर्दा उठाने की कोशिशें रोकने के लिए ट्रेनी डॉक्टर को रास्ते से हटाया गया।
सीबीआई की टीम ने शनिवार को 13 लोगों से पूछताछ की। जांच ऐजेंसी दो दिन में 19 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इसमें आधे से अधिक लोगों ने अस्पताल से मानव अंगों की तस्करी के रैकेट को लेकर जानकारी दी है। टीम का दावा है कि इसके पीछे जल्द ही कई सफेदपोश चेहरे सामने आएंगे।
रेप इसलिए किया गया ताकि यह आम घटना लगे
सीबीआई सूत्रों के अनुसार इस मामले की जड़ें काफी गहरी हैं। रेप इसलिए किया गया ताकि यह आम घटना लगे। मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से सेक्स और ड्रग रैकेट चलाने का भी आरोप है। वहीं 23 साल पहले 2001 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एक छात्र की मौत की कड़ियां भी इससे जुड़ने लगी हैं।
डॉक्टर सहित 4 लोगों पर सेक्स-ड्रग रैकेट चलाने का आरोप
एक राजनीतिक पार्टी के सीनियर नेता ने दावा किया है कि उनके पास डॉक्टरों के एक वॉट्सएप ग्रुप के स्क्रीनशॉट हैं, जिससे अस्पताल में सेक्स और ड्रग रैकेट का पता चलता है। इसमें एक अन्य पार्टी के सीनियर नेता और उनके भतीजे का भी जिक्र है। CBI सूत्रों के मुताबिक, इस सुराग के बाद पूछताछ में मेडिकल कॉलेज के चार लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें तीन डॉक्टर और एक हाउस स्टाफ है। दावा है कि ये चारों एक सियासी दल से जुड़े हैं और अस्पताल में सेक्स व ड्रग रैकेट चलाते थे। सीबीआई अफसर की मानें तो वे इसके पुख्ता सबूत जुटाने में लगे हैं।
पीड़िता को थी इसकी भनक, खुलासा करने वाली थी
सूत्रों के मुताबिक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मेडिकल कचरे के निपटान, कुछ दवा और सामान की सप्लाई का काम प्रबंधन के करीबी को मिला था, पर शर्त अनुसार सप्लाई नहीं की जा रही थी। पीड़ित को इसकी भनक थी। अंदेशा है कि ये भी हत्या की एक वजह रही हो। अस्पताल के एक डॉक्टर का दावा है कि पीड़ित ने इसकी पहले स्वास्थ्य भवन में शिकायत की थी। हालांकि, आरोपियों के रसूखदार होने से कार्रवाई नहीं हुई। ट्रेनी डॉक्टर सबूतों के साथ सोशल मीडिया पर पूरे मामले के खुलासे की योजना बना रही थी।
9 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी मिली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, उनके प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव था। डाक्टर का गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोट के निशान थे। चेहरे पर इतनी ताकत से मारा गया था कि चश्मे का कांच टूटकर आंखों में घुस गया। इस केस में संजय रॉय नाम का एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है। वह कोलकाता पुलिस में सिविक वॉलंटियर था।
पिता बोले- कहीं और हत्या के बाद बॉडी सेमिनार रूम में रखी
ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने शनिवार (17 अगस्त) की रात बांग्ला मीडिया से कहा कि इस घटना में पूरा डिपार्टमेंट शामिल है। अब तो यह भी संदेह है कि कहीं और हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए शव सेमिनार रूम में लाकर रख दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सबूतों को मिटाने के लिए सेमिनार हॉल के पास रिनोवेशन के नाम पर तोड़फोड़ की गई। शुक्रवार (16 अगस्त) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी क्राइम सीन के पास रिनोवेशन की जल्दबाजी के बारे में बंगाल सरकार से सवाल किया। सरकार ने कहा कि डॉक्टरों का रेस्ट रूम बनाने के लिए तोड़फोड़ की गई थी।
छात्रों का दावा- डेड बॉडी से भी अंग निकाले जाते थे
कॉलेज के छात्रों ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर आरोप लगाए हैं कि यहां जो हो रहा था, उसकी जानकारी घोष को थी। आरोप है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए आने वाले लावारिस शवों को प्रैक्टिकल के लिए रखा जाता था। उनके शरीर से अंग भी निकाल लिए जाते थे। फिलहाल सीबीआई ने इसकी पुष्टि नहीं की है।संदीप घोष ने घटना के चौथे दिन यानी 12 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने 16 अगस्त को उन्हें हिरासत में लिया। शुक्रवार देर रात तक उनसे पूछताछ हुई। फिर शनिवार (17 अगस्त) को साढ़े 13 घंटे पूछताछ हुई। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल से कई सवाल पूछे। जैसे वह 8-9 अगस्त की रात कहां थे, जब डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ। उन्हें घटना की जानकारी किसने दी और खबर मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी। संदीप घोष से पूछा गया कि उन्होंने पीड़ित के परिवार को घटना की जानकारी देने का निर्देश किसे दिया और पुलिस से कैसे और किसने संपर्क किया। सीबीआई ने बताया कि घोष कुछ सवालों के जवाब देते हुए उलझ गए थे।
कोलकाता पुलिस का दावा- एक नेता के बेटे का नाम आया
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी बताते हैं कि ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस की शुरुआती जांच में एक सियासी दल के वरिष्ठ नेता और एक नेता के पुत्र का नाम आया है। हालांकि, कोई सबूत नहीं मिलने से उन्हें संदेह के दायरे से हटा दिया गया। कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने पत्रकारों से कहा था कि महज किसी बयान के आधार पर बिना ठोस सबूत के किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
23 साल पहले छात्र की हुई मौत से जुड़ी कड़ियां
ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या की घटना ने 2001 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में 31 साल के सौमित्र बिश्वास की मौत की यादें ताजा कर दीं। पुलिस ने उसे आत्महत्या करार दिया था, लेकिन घरवालों ने हत्या बताया था। वहीं साथी डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ होने के डर से हत्या की गई थी।
कॉलेज के एक पूर्व छात्र ने दावा किया है कि सौमित्र के समय सेमिनार रूम और हॉस्टल में सेक्स वर्कर्स को लाना आम बात थी। इनके जरिए छात्राओं को ब्लैकमेल किया जाता था। उसकी एक मित्र के साथ ऐसी ही हरकत की गई थी और सौमित्र ने विरोध किया था।
रसूख इतना कि दो बार ट्रांसफर रुकवाया
जानकारों की माने मो डॉ. घोष न केवल करप्शन के गंभीर आरोपों से घिरे थे, बल्कि उनका इतना रसूख था कि दो बार ट्रांसफर होने के बाद भी कोई उन्हें हटा नहीं पाया। वहीं प्रिंसिपल बनने वालों की लिस्ट में उनका नंबर 16वां था, लेकिन वे रातोंरात पहले नंबर पर आ गए।