अब एमपी के इस जिले में CBI की बड़ी कार्रवाई, अपने ही DSP को किया गिरफ्तार ,CMD के घर से मिले करीब 4 करोड़ कैश ,मचा हड़कम्प …..

मध्यप्रदेश। सीबीआई ने 18 अगस्त को अचानक सिंगरौली में छापा मारा।जांच एजेंसी ने यहां नॉर्दर्न कोल्डफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों पर शिकंजा कसा। आरोप है कि इन अधिकारियों और एक सप्लायर ने मिलकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। बिना उपकरण खरीदे ही करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया।

इस मामले में सीबीआई ने एक दिन पहले अपने भी डीएसपी को गिरफ्तार किया है। यह डीएसपी जबलपुर यूनिट में पदस्थ है।
सीबीआई एनसीएल में हुई खरीदारी को लेकर जांच कर रही थी। उसके डीएसपी ज्वॉय जोसफ दामले इस जांच में सम्मिलित थे। इस जांच में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब सीबीआई ने दामले को ही रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान दामले ने जांच टीम को बताया कि सप्लायर रवि सिंह और एनसीएल सीएमडी के सेक्रेटरी सूबेदार ओझा ने रिश्वत दी है।
इसके बाद सीबीआई ने इन दोनों लोगों पर शिकंजा कसा। दोनों से पूछताछ के बाद सीबीआई ने फिर पर्सनल विभाग में अटैच पूर्व सुरक्षा प्रमुख कर्नल बसंत कुमार सिंह के ठिकानों पर भी छापेमारी की. सीबीआई ने सप्लायर रवि सिंह को वैढ़न थाने में बैठाया। जांच एजेंसी ने सिंह से घंटों तक पूछताछ की। खबर है कि रवि के साथ मौजूद एक अन्य शख्स को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। जांट टीम सभी आरोपियों को लेकर जबलपुर आ गई है। टीम अभी आरोपियों से और भी पूछताछ कर रही है।

कैश किसके किसके पास मिला

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई को इस छापे में 5 करोड़ 50 लाख कैश बरामद हुआ है. सीएमडी बी. साईराम के पीए सूबेदार ओझा के घर से करीब 4 करोड़ रुपये कैश मिले। एनसीएल के सप्लायर रवि सिंह के घर से डेढ़ करोड़ रुपये कैश मिला। सीबीआई तमाम दस्तावेज और बैंक खातों को सीज कर रही है। हालांकि, इस मामले में जबलपुर से आई सीबीआई टीम के अधिकारियों ने कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ यह स्पष्ट किया है कि बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है।

सप्लायर का दबदबा

सूत्र बतातें हैं कि एनसीएल में सप्लायर रविशंकर सिंह की तूती बोलती है। सिंगरौली से लेकर जबलपुर और बिहार तक, कई सहयोगी जुड़े हुए हैं। जहां उन्हीं के माध्यम से कारोबार खूब फलफूल रहा था। करीब एक दशक से एनसीएल हेडक्वार्टर सिंगरौली में दबदबा था। बताया जा रहा है कि सप्लायर एनसीएल सिंगरौली के तीन पूर्व सीएमडी मुरली, पीके सिन्हा और भोला सिंह के काफी नजदीकी रहें हैं और उनसे बेहतर तालमेल था।