एजेंसी। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। वहीं कोलकाता पुलिस ने नेता लॉकेट चटर्जी समेत 3 लोगों को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं रेप को लेकर किन देशों में सख्त कानून बना हुआ है। आज हम आपको बताएंगे कि भारत समेत किन देशों में रेप को लेकर क्या-क्या कानून है।
कोलकाता रेप केस
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के विरोध में देशभर में डॉक्टरों के प्रोटेस्ट का आज 9वां दिन (18 अगस्त) है। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बताया कि आरोपी संजय का साइकोलॉजिकल टेस्ट किया जा रहा है। सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी से मनोवैज्ञानिक और व्यवहार विश्लेषकों की 5 मेंबर्स की टीम यह टेस्ट कर रही है। इस टेस्ट से पता चल सकता है कि जघन्य अपराध को लेकर आरोपी संजय की क्या मानसिकता थी।
सरकार ने क्या कहा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अगस्त को बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। केंद्र के फैसले के बाद आईएमए ने भी बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि आईएमए सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी सभी स्टेट ब्रांच से सलाह लेने के बाद जवाब देगा। मंत्रालय ने कहा कि हम हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी स्टेटमेंट की स्टडी कर रहे हैं।
जानें किस देश में क्या सजा?👇
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में बलात्कार करने वालों के लिए कोई माफी नहीं दी जाती है. यहां आरोपी को सुरक्षा बलों द्वारा गोली मार दी जाती है।
सऊदी अरब
सऊदी अरब में इस अपराध की सजा बहुत सख्त है। यहां आरोपी को जनता के सामने सिर कलम करने की सजा दी जाती है।
चीन
चीन में बलात्कार करने वालों को सीधे मौत की सजा दी जाती है। कई मामलों में आरोपी के गुप्तांग काटने की सजा भी दी जाती है।
नीदरलैंड
इस देश में बिना इजाजत किसी को किस करना भी इस देश में दुष्कर्म माना जाता है। जिसके लिए 4 से 15 साल की जेल की सजा हो सकती है।
इराक
इराक में बलात्कारियों को पत्थर मारके सजा दी जाती है। यहां पर बलात्कारी को तब तक पत्थर मारा जाता है, जब तक वह मर नहीं जाता है।
भारत
भारत में दंड सहिता की धारा 376 और 375 के तहत सजा का प्रावधान है, जिसमें मृत्युदंड, आजीवन कारावास और न्यूनतम पांच साल और अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है।