न दफ्तर जाएंगे न केस पर टिप्पणी करेंगे, जानें किन किन शर्तों के साथ आबकारी नीति घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत …..

नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया।

दो जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला दिया। इससे पहले जस्टिस सूर्य कांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने पांच सितंबर को मामले पर बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पढ़िए SC किन शर्तों पर मिली दिल्ली सीएम को जमानत 👇

152 दिन बाद केजरीवाल जेल से आएंगे बाहर।

दोनों जज ने 10-10 लाख मुचलके पर।

दोनों जजों की सर्वसम्मति से फैसला।

80 दिन से सीबीआई की हिरासत में थे केजरीवाल।

मुकदमें में सहयोग करें केजरीवाल।

ED के बाद CBI मामले में भी मिली जमानत।

CM दफ्तर नहीं जाएंगे।

केस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

जांच में सहयोग करेंगे।

ईडी मामले में केजरीवाल को मिल चुकी है जमानत

केजरीवाल को अगर सीबीआई के केस में जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे क्योंकि ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें पहले ही सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। सीबीआइ ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था। उस वक्त वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में थे।केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने उनकी सीबीआई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी और जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था। केजरीवाल ने दोनों ही आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने सीबीआई (CBI) की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए रिहाई और जमानत देने की मांग की है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर उठाए गंभीर सवाल

केजरीवाल (Kejriwal News) की ओर से वरिष्ठ अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए दलील दी थी कि सीआरपीसी की धारा-41ए में पूछताछ का नोटिस भेजे बिना सीधे गिरफ्तार करना गैरकानूनी है। सिंघवी ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपने कई फैसलों में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है। केजरीवाल संवैधानिक पद पर हैं, जमानत मिलने पर उनके भागने की संभावना नहीं है।