सिटी सेंटर मॉल में फिल्म ‘स्पेशल 26″ की तर्ज पर छापेमारी, फर्जी आईटी अफसर बनकर धमकाकर ढाई लाख ले उड़े ,घेराबंदी कर सातों आरोपी गिरफ्तार ….

कोरबा। शहर के सिटी सेंटर मॉल में उस वक़्त हड़कंप मच गया जब यहां संचालित फ्लोरा मार्केटिंग के ऑफिस में दो वाहनों में पहुंचे 7 लोगों ने खुद को इनकम टैक्स (आइटी) अधिकारी बताते हुए फिल्म ‘स्पेशल 26″ की तर्ज पर छापेमारी की। 2 लाख की चपत लगाकर चले गए।
वारदात के चंद घण्टों के भीतर ही सभी सातों ठग पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। जिनसे पूछताछ जारी है।

फिल्म ‘स्पेशल 26″ की तर्ज पर वारदात को दिया गया अंजाम

ठगों ने फिल्म ‘स्पेशल 26″ की तर्ज पर वारदात को अंजाम दिया, जिसमें अक्षय कुमार फर्जी आइटी अधिकारी बन कर टीम के साथ छापेमारी करते थे। शुक्रवार को सुबह करीब 11:4 बजे ठग स्कार्पियो व स्वीप्ट डिजायर कार में पावर हाउस रोड स्थित सिटी सेंटर माल पहुंचे। सभी सातों लोग यहां फ्लोरा मार्केटिंग संस्थान में घुसे और खुद को आइटी की टीम बताते हुए दरवाजे अंदर से बंद कर दिए। आइटी की टीम जो तरीका अपनाती है, वैसी ही संस्था के कर्मचारियों के मोबाइल स्वीच आफ कर अपने पास रख लिए। सभी के लैपटाप भी बंद करा दिए गए।
आवक- जावक रजिस्टर का निरीक्षण कर आयकर चोरी का आरोप लगाया। इस बीच ठगों ने तिजौरी में रखी राशि जब्त करने के बहाने समेट लिया। किसी को उन पर शंका न हो, इसलिए संस्थान के तीन कर्मचारी हरीश, उमेश व शिव को हिरासत में लेने की बात कहते हुए अपनी गाड़ी में बैठा लिया। तीनों को अपने साथ ले गए और हरीश को नया बस स्टैंड के पास और उमेश व शिव को गोढी के आगे सूने स्थान पर उतार कर भाग गए।

चंद घण्टों में सभी सातों ठग चढ़ गए पुलिस के हत्थे

संदेह होने पर संस्था के संचालक राजीव सिंह ने इसकी सूचना सिटी कोतवाली को दी। इसके बाद पुलिस की टीम हरकत में आई और कुछ ही देर में सभी सातों आरोपितों को हिरासत में लिया। बताया गया कि साइबर सेल की मदद से आरोपितों का लोकेशन मिला और पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपितों को पकड़ लिया।वहीं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि अभी मामले की जांच की जा रही है।

संचालक के छोटे भाई थे मौजूद

फ्लोरा मार्केटिंग में जब ठग घुसे, संचालक अखिलेश सिंह घर पर थे, उनका छोटा भाई राजू सिंह मॉल के प्रथम तल पर थे। ठगों ने मोबाइल फोन स्वीच आफ कराया इसके पहले कुछ कर्मचारियों ने इसकी सूचना अखिलेश सिंह को दी। इस पर उन्होंने कहा कि आइटी अधिकारी आए हैं, तो उन्हें तसल्ली से जांच करने दो। इस पर राजू सिंह ने भी गंभीरता से नहीं लिया।

फ्लोरा की चेन मार्केटिंग सिस्टम भी जांच के दायरे में

फ्लोरा मार्केटिंग से कोरबा की श्रमिक बस्तियों में रहने वाली सैकड़ों महिलाएं जुड़ी हैं। इनको 2700 रुपये वेतन हर माह मिलता है। एक महिला को हर माह कम से कम चार ग्राहक लाना होता है। प्रत्येक ग्राहक के पीछे 300 रुपये अतिरिक्त प्रदान किया जाता है। महिलाओं को कुछ प्रोडक्ट कंपनी उपलब्ध कराती है, जिसे बेचने की जिम्मेदारी उनपर रहती है। फ्लोरा मार्केटिंग तेजी से बढ़ा और देखते ही देखते सिटी सेंटर माल में एक दर्जन दुकानों को किराए पर ले लिया। पुलिस की जांच के दायरे में फ्लोरा की चेन सिस्टम भी है।