एनएचएआई ठेकेदार की लापरवाही ने कोरबा -चाम्पा निर्माणाधीन फोरलेन मार्ग में फिर एक युवक की ले ली जान ,ग्रामीणों में आक्रोश ….

कोरबा। एनएचएआई की अनदेखी ठेकेदार की लापरवाही प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व एवं देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम योगदान देने वाला कोरबा जिले के बाशिंदों को मौत की नींद सुला रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी में शामिल कोरबा -चाम्पा निर्माणाधीन फोरलेन में बरपाली बस स्टैंड चौक के समीप बीती रात खराब सड़क एवं धूल के गुब्बार की वजह से अज्ञात वाहन ने बरपाली निवासी रमेश कैवर्त के पुत्र पुरषोत्तम कैवर्त 26 वर्ष को ठोकर मार दी। मौके पर ही युवक ने दम तोड़ दिया।घटना से एनएचएआई के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

यहाँ बताना होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग चाम्पा से कटघोरा तक फोरलेन सड़क के प्रथम चरण में चाम्पा से उरगा 38 किलोमीटर का निर्माण जारी है। करीब 1000 करोड़ के का यह प्रोजेक्ट ढाई साल का है । इस मार्ग पर 56 पुल-पुलिया समेत अंडरपास का निर्माण करना है जिसके लिए बगल से डामरीकृत डायवर्सन सड़क का निर्माण पहले करना है और उसके पश्चात ही पुलिया का कार्य शुरू किया जाना है। इसके विपरीत फोरलेन के निर्माण में लगी हरियाणा की ठेका कंपनी डायमंड कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार द्वारा अपनी सुविधा देखते हुए गिट्टी वाला डायवर्सन सड़क बनाकर पुलिया का निर्माण प्रारंभ कर दिया । जबकि नेशनल हाइवे-149बी के एसओपी में उल्लेखित है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट व एसओपी के अनुसार डायवर्टेड मार्ग को डामरीकरण कराया जाना था।
इसके कारण डायवर्सन कच्ची सड़क से गुजरने वाले छोटे-बड़े-मध्यम वाहनों को भारी धूल का सामना करना पड़ा।मार्ग में ढंग से पानी का छिंडकांव तक नहीं किया जा रहा है। यह मार्ग जानलेवा बना हुआ है।बरपाली बस स्टैंड चौक के समीप बीती रात खराब सड़क एवं धूल के गुब्बार की वजह से अज्ञात वाहन ने बरपाली निवासी रमेश कैवर्त के पुत्र पुरषोत्तम कैवर्त 26 वर्ष को ठोकर मार दी। मौके पर ही युवक ने दम तोड़ दिया।घटना से एनएचएआई के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जिला प्रशासन भी इस जनसमस्या पर मानो शिकायत एवं जन आंदोलन के इंतजार में बैठा है। जल्द ही मार्ग को आवागमन योग्य नहीं बनाया गया,मार्ग में नियमित पानी का छिंडकांव नहीं किया गया तो लोगों का आक्रोश जनआंदोलन का शक्ल ले लेगा।

समय पर सडक नहीं हो पाएगा तैयार !

भू अर्जन का विवाद जिला प्रशासन द्वारा सुलझा लिए जाने के दावों के बावजूद धीमी गति से निर्माण की वजह से प्रोजेक्ट के समय पर पूरा होने की संभावना जहां खत्म होती नजर आ रही है वहीं बरसात खत्म होने के बाद मड़वारानी, बरपाली ,उरगा में निर्माण में प्रयुक्त किए जाने वाले मिट्टी धूल के गुब्बार में तब्दील हो गई है। बरपाली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। तहसील कार्यालय होने के साथ साथ यहाँ कॉलेज ,हायर सेकेंडरी स्कूल,एसबीआई ,सहकारी बैंक ,एवं 500 मीटर में रेलवे स्टेशन व दर्जनों व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं । जिनकी परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है।