अब जल जीवन मिशन के टेंडर होंगे जिला स्तर पर, केंद्र ने दी अनुमति

रायपुर. छत्तीसगढ़ में विवादित केंद्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन के कामकाज के लिए अब जिला स्तर पर टेंडर बुलाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। इससे पहले इस मिशन के लिए राज्य स्तर पर पीएचई ने टेंडर जारी किए थे। शिकायत और विवाद सामने आने के बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इन जारी टेंडरों को निरस्त कर दिया था। तब से छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन एक विवादित परियोजना के रूप में सामने आ गया था, लेकिन अब इस मिशन की राह आसान हो गई। जल जीवन मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 41.32 लाख परिवारों को 2023 तक घरेलू नल कनेक्शन से जोड़ा जाना था। इसके लिए 7 हजार करोड़ आवंटित हैं। कार्य के बंटवारे में भारी अनियमितता सामने आई। पीएचई विभाग ने नियमों को शिथिल कर टेंडर का बंटवारा किया। अनियमितता उजागर होने के बाद टेंडर प्रक्रिया निरस्त की गई थी। राज्य सरकार ने मामले में ठेके में स्थानीय ठेकेदारों को जिले के आधार पर काम आवंटित कराए जाने की मांग को देखते हुए जिलाें के कलेक्टरों के माध्यम ठेके की पहल की थी। मुख्यमंत्री ने इसे देखते हुए नवंबर माह में केंद्र सरकार से जिला स्तर पर कार्य आवंटित करने की अनुमति देने पत्र लिखा था। राज्य सरकार को इसके लिए केंद्र सरकार ने जनवरी माह में अनुमति दे दी है। अनुमति मिलने के बाद जिलों से कार्य कराने राज्य स्वच्छता मिशन की अनुमति ली जाएगी। शासन स्तर पर से अनुमति नहीं मिलने के कारण अब तक टेंडर की कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकी है। बताया गया है कि राज्य स्वच्छता मिशन के अध्यक्ष मुख्य सचिव हैं, उनके द्वारा केंद्र से मिली अनुमति के आधार पर जिला स्तर पर टेंडर कराने जिला कलेक्टरों को वित्तीय पॉवर दिए जाने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी। अगस्त माह में योजना को शुरू किए जाने के बाद चार माह तक टेंडर में गड़बड़ी के कारण शुरू नहीं हो पाई। अब अनुमति मिलने के बाद अगले माह से टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करने बनाई जा रही इस योजना को समय पर पूरा करने में देर से योजना पर व्यापक रूप से असर पड़ेगा।

ये थी योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 9485.60 करोड़ रुपए की लागत से उच्चस्तरीय जलागार निर्माण, पाइपलाइन विस्तार कार्य, सिविल वर्क, घरेलू कनेक्शन, क्लोरिनेटर स्थापना एवं पाॅवर पंप स्थापना के कार्य किए जाने थे। इसके लिए राज्य में पहली बार मंत्रिमंडल के अनुमोदन के बाद निविदाकारों से रुचि की अभिव्यक्ति के माध्यम से दरें प्राप्त कर औचित्य दर प्रतिपादित कर ठेकेदारों का इंपैनलमेंट कराया गया था। जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए 1561 आवेदन इंपैनलमेंट के लिए आए थे। शासन स्तर पर अनुमति के लिए भेजा पीएचई विभाग के ईएनसी एमएल अग्रवाल ने बताया कि योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया में परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। केंद्र सरकार ने टेंडर प्रक्रिया में परिवर्तन की अनुमति देते हुए जिलास्तर पर टेंडर कराने की अनुमति दे दी है। शासन स्तर पर अनुमति के लिए भेजा गया है।