रायपुर/कोरबा। त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव से पूर्व पंचायतों के आरक्षण को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के लिए होने वाले आरक्षण की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के द्वारा यह आदेश संचालक,पंचायत संचालनालय और सभी कलेक्टरों के लिए जारी कर दिया गया है। स्थगन की यह कार्यवाही अपरिहार्य कारणों से की गई है।
निश्चित तौर पर शासनादेश में जरूर आरक्षण स्थगन की वजह अपरिहार्य बताई जा रही है वहीं विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो ग्राम पंचायतों के वार्डों के आरक्षण में ओबीसी वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण शून्य करने की वजह से ओबीसी महासभा के बैनर तले ओबीसी समुदाय की नाराजगी एवं मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ पंचायती राज एवं नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश में संशोधन कर ओबीसी को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने सबंधी ज्ञापन को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। ओबीसी के पूर्व प्रदेश महासचिव मिलन दास दीवान ने हाल ही में कहा था कि अनुसूचित जनजातियों के कुल आरक्षण 50 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए स्थान आरक्षित नहीं किए जाने का उल्लेख है ,जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों के साथ अन्याय है। क्योंकि अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत ओबीसी समुदाय भी सामाजिक एवं शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ा है। संविधान में उचित आरक्षण का प्रावधान है एवं 50 प्रतिशत की सीमा निर्धारित नहीं है । 50 प्रतिशत सीमा निर्धारण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में यह सिद्धांत भी प्रतिपादित किया गया है कि किसी भी क्षेत्र में निवासरत दूरस्थ क्षेत्र के व्यक्तियों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 50 प्रतिशत की सीमा को शिथिल कर सीमा बढ़ाई सकती है। दीवान ने पत्र के माध्यम से कहा था कि 3 दिसंबर को पारित अध्यादेश को संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के अनुरूप अन्य पिछड़ा वर्ग को पर्याप्त आरक्षण दिया जाए। अन्यथा ओबीसी महासभा चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो सरकार को हड़बड़ी में की गई गड़बड़ी का अहसास हो गया है यही वजह है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के लिए होने वाले आरक्षण की कार्यवाही को आरक्षण की पूर्व संध्या स्थगित कर दिया गया है। सभी जिलों जनपदों में इसकी तैयारी कर ली गई थी। निकाय चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के नजदीक लिए गए इस फैसले की चर्चा आम से लेकर छत्तीसगढ़ के खास लोगों के बीच बनी हुई है।