उत्तरप्रदेश । सुंदर साध्वी’ और ‘वायरल साध्वी’! अगर महाकुंभ के आयोजन और इससे जुड़ी खबरों पर आपकी नजर है तो इन दिनों तमाम साधु-संतों और बाबाओं की तस्वीरों के बीच एक युवती की तस्वीर-वीडियो पर भी आपकी नजर गई होंगी।

इन्हें लोग ‘सुंदर साध्वी’ कहकर पुकार रहे हैं। बात हो रही है हर्षा रिछारिया की। गले में पीत वस्त्र, रूद्राक्ष माला, माथे पर तिलक और भक्ति भाव में डूबी हर्षा को तमाम खबरों में साध्वी बताया गया। सोशल मीडिया पर जब उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए तो लोगों ने उन्हें पहचान लिया कि वे तो इन्फ्लुएंसर हैं। लोगों के बीच हकीकत पता चलते ही अब खुद हर्षा ने कुबूल कर लिया है कि वे साध्वी नहीं हैं। न ही उन्होंने कभी ऐसा दावा किया।
जिसकी तकदीर में जो लिखा होता है, वह वहां पहुंच ही जाता है

कथित ‘खूबसूरत साध्वी’ हर्षा रिछारिया ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा है कि उन्होंने कभी खुद के साध्वी होने का दावा नहीं किया। हर्षा ने कहा, ‘मैंने कहीं नहीं बोला कि मैं बचपन से साध्वी हूं, साध्वी मैं अब भी नहीं हूं। मैं बार-बार सफाई दे रही हूं कि मैंने सिर्फ मंत्र दीक्षा ली है’। हर्षा ने कहा कि वे सनातन संस्कृति और धर्म की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि वे एंकरिंग, एक्टिंग और मॉडलिंग के फील्ड से यहां आई हैं तो इसमें गलत क्या है! हर्षा ने कहा, ‘जिसकी तकदीर में जो लिखा होता है वो लाख भटके पर वहां पहुंच ही जाता है’।
लोगों ने मुझे ‘साध्वी’ टैग दिया, जो ठीक नहीं

हर्षा रिछारिया ने कहा, ‘मैं साध्वी नहीं हूं। मैं इस ओर बढ़ रही हूं। मुझे सोशल मीडिया और लोगों ने साध्वी हर्षा का टैग दे दिया। यह टैग ठीक नहीं हैं। मैं बार-बार यह स्पष्ट कर रही हूं कि साध्वी होना खुद में बहुत बड़ी बात है। किसी को साध्वी बनने के लिए बहुत सारी परंपराएं, बहुत सारे संस्कार करने पड़ते हैं। मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। मैंने बस मंत्र दीक्षा ली है और इसे कोई भी ले सकता है। इसे गृहस्थ जीवन में भी लिया जा सकता है।
किसकी शिष्या हैं हर्षा?

हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं। उन्होंने अपने बायो में खुद को आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी की शिष्या बताया है। वे निरंजनी अखाड़ा से जुड़ी हैं। इसके अलावा उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है-सोशल एक्टिविस्ट और इन्फ्लुएंस। इंस्टाग्राम पर उन्हें एक मिलियन लोग फॉलो करते हैं। इन दिनों ने महाकुंभ के आयोजन में हैं और वहां से लगातार तस्वीरों और वीडियो शेयर कर रही हैं।
क्यों पकड़ी अध्यात्म की राह?

हर्षा रिछारिया ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए महाकुंभ के धार्मिक आयोजन में शिरकत करने का अनुभव साझा करते हुए खुशी जताई है। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानती हूं, जो महादेव और परम पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद से 144 सालों में लगने वाले इस पूर्ण महाकुंभ का हिस्सा बन पाई और पहले शाही स्नान में डुबकी लगाकर खुदको तृप्त कर सकी’। हर्षा की सफाई के बाद लोगों का कंफ्यूजन दूर हो चला है। खासकर उनका जो उन्हें साध्वी मान बैठे थे। हर्षा का कहना है कि उन्होंने जिंदगी में सुकून की तलाश में अध्यात्म का रूख किया है।