मानकों की अनदेखी पड़ी भारी , क्रेडा सीईओ ने प्रगट अक्षय ऊर्जा ,मेसर्स नाविया टेक्नालॉजिस को किया ब्लैक लिस्टेड …

रायपुर । सोलर कार्य के क्षेत्र में गंभीर अनियमितता के मामले में क्रेडा के सीईओ ने बड़ा एक्शन लेते हुए 2 फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया है। बताया जा रहा है कि इंदौर की प्रगट अक्षय ऊर्जा और मेसर्स नाविया टेक्नालॉजिस द्वारा निविदा के मापदंडो के वितपरीत सोलर पाॅवर प्लांट की स्थापना की गयी। जांच में इस बात का खुलासा होने के बाद क्रेडा के सीईओ ने एक्शन लेते हुए दोनों फर्मो को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की है।

यहाँ बताना होगा कि सोलर के क्षेत्र में क्रेडा एक बहुत ही प्रतिष्ठित शासकीय संस्था है, जो कि अपने नवाचार व गुणवत्तायुक्त कार्यों हेतु ना केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है। क्रेडा में कार्य करने हेतु आवश्यक होता है कि पंजीकरण हेतु इच्छुक संस्था नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय भारत सरकार के किसी अधिकृत प्रशिक्षिण संस्था से प्रशिक्षिण प्राप्त किया हो। साथ ही क्रेडा की निविदाओं में ऐसी इकाईयों को बिल्कुल भी पात्रता नही दी जाती है, जो किसी अन्य विभाग / शासकीय संस्था चाहे वह छत्तीसगढ की हो या अन्य राज्यों या केन्द्रीय संस्थाओं से ब्लैकलिस्ट हो।
इसी तर्ज पर मेसर्स प्रगट अक्षय ऊर्जा लिमिटेड, इंदौर जो कि एम.एन.आर.ई., भारत सरकार द्वारा महाराष्ट्र राज्य में आबंटित सोलर पार्क के कार्यों में लापरवाही एवं मेसर्स नाविया टेक्नालॉजिस, रायपुर को भी जिला दुर्ग में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना निविदा के मापदण्डों के अनुसार 72 सेल के सोलर मॉडूल स्थापित न किया जाकर 66 सेल के सोलर मॉडूल स्थापित कर दिये गए थे। जिसे बदलने हेतु इकाई को प्रधान कार्यालय द्वारा बारम्बार पत्रों के माध्यम से निर्देशित किये जाने के उपरांत भी उनके द्वारा सोलर मॉडूल को निविदा के मापदंण्डनुसार नही लगाये जाने के कारण क्रेडा सी.ई.ओ.राजेश सिंह राणा द्वारा तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही जोनल कार्यालय दुर्ग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता श्री भानुप्रताप के विरूद्ध निविदा के मापदण्डनुसार संयंत्रों के स्थापना नहीं होने के उपरांत भी उन सभी संयंत्रों का भुगतान की अनुशंसा के आधार पर इकाई को भुगतान कराये जाने के कारण नोटिस जारी किया गया है।

क्या है पूरा मामला….

निविदा के मापदंडों के अनुसार सोलर पावर प्लांटों में 72 सेल के मॉड्यूल्स स्थापित किये जाने थे, किन्तु जिला दुर्ग अंतंर्गत वर्ष 2023 में कुल 10 नग ऑफग्रिड सोलर पावर प्लांट की स्थापना की गई। जिसमें इकाई मेसर्स नाविया द्वारा 72 सेल की जगह 66 सेल के मॉड्यूल्स स्थापित कर दिये गये। मामला यहीं नही रूका, इकाई मेसर्स नाविया टेक्नालॉजिस, रायपुर द्वारा इसके लिए भुगतान प्रपत्रों और क्रेडा की जॉईन्ट कमिशनिंग रिपोर्ट का प्रमण पत्र के साथ अन्य दस्तावेज संलग्न कर क्रडा में भुगतान के लिए जमा कर दिया गया। जोनल प्रभारी कार्यपालन अभियंता, दुर्ग द्वारा निविदा के मापदण्ड अनुसार कार्य नहीं होने के बावजूद भी इन स्थापित संयंत्रों का निरीक्षण प्रतिवेदन देयक अग्रेसन एवं अन्य सलंगन प्रपत्रों को दस्तावेजों का बिना. परीक्षण किये ही भुगतान के लिए अनुसंशा करते हुए प्रेषित कर दिया गया, एवं इकाई को भुगतान भी करा दिया गया। इससे पूर्व में भी इस इकाई मेसर्स नाविया द्वारा इस तरह की तकनीकी खामियां / कमियों के संबंधी गलतियां पूर्व में भी किया जा चुकी है। क्रेडा, सी.ई.ओ., इस प्रकरण के संज्ञान में आते ही उन्होने अपनी गुणवत्ता के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल करते हुए इस प्रकरण में कड़ी कार्यवाही करते हुए संबंधित इकाई मेसर्स नाविया को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया साथ ही जोनल प्रभारी श्री भानुप्रताप को भी इस मामले में कड़ा नोटिस जारी किया गया है।

मेसर्स प्रगट अक्षय ऊर्जा लिमिटेड, इंदौर

क्या है मामलाः-👇

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत मंत्रालय (एमएनआरई), भारत सरकार द्वारा मेसर्स प्रगट अक्षय ऊर्जा लिमिटेड, इंदौर, मध्यप्रदेश को महाराष्ट्र में 500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क विकसित किये जाने हेतु कार्य आबंटित किया गया था। मेसर्स प्रगट अक्षय ऊर्जा लिमिटेड द्वारा स्पेशल पर्पस व्हीकल (एस.पी.वी.) के तहत् मेसर्स सांई गुरू मेगा सोलर पार्क प्राईवेट लिमिटेड के नाम से कार्य किये जाने हेतु एमएनआरई द्वारा अनुमति प्रदान की गई थी।
आबंटित इकाई द्वारा उक्त सोलर पार्क परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण का दावा किया गया था, किन्तु इकाई द्वारा एमएनआरई, भारत सरकार के समक्ष भूमि अधिग्रहण के संबंध में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत मंत्रालय (एमएनआरई), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) एवं महाराष्ट्र एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (मेडा) के अधिकारियों द्वारा स्थल सकरी, जिला-धूले, महाराष्ट्र का भौतिक निरीक्षण किया गया। उक्त स्थल पर भौतिक प्रगति नगन्य थी तथा इकाई मेसर्स सांई गुरू मेगा सोलर पार्क प्राईवेट लिमिटेड का साईट ऑफिस भी नहीं पाया गया।

मेसर्स सांई गुरू मेगा सोलर पार्क प्राईवेट लिमिटेड को जारी केन्द्रीय वित्तीय सहायता ब्याज सहित एमएनआरई के माध्यम से वापस लौटाने हेतु निर्देश जारी किया गया था किन्तु इकाई सांई गुरू मेगा सोलर पार्क प्राईवेट लिमिटेड द्वारा आंशिक लगभग 50 प्रतिशत् राशि लौटाते हुए शेष राशि हेतु समयावधि की मांग की गई

माननीय उच्च न्यायालय, दिल्ली के आदेश के तहत् शेष केन्द्रीय वित्तीय सहायता की राशि वापस किये जाने हेतु जारी डिमांड नोटिस के 04 वर्ष उपरांत भी मेसर्स सांई गुरू मेगा सोलर पार्क प्राईवेट लिमिटेड द्वारा ब्याज सहित राशि वापस नहीं किये जाने के कारण मेसर्स प्रगट अक्षय ऊर्जा लिमिटेड, जो कि मेसर्स सांई गुरू मेगा सोलर पार्क प्राईवेट लिमिटेड की मूल कंपनी है को शेष राशि ब्याज सहित वापस किये जाने की अवधि तक केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार में कार्य किये जाने से प्रतिबंधित करते हुए काली सूची में डाला गया।

क्रेडा सी.ई.ओ. राणा द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त कार्यों के साथ प्रदेश को उच्च शिखर तक ले जाने की दिशा में सतत् प्रयास किया जा रहा है, जिनके सकारात्मक परिणाम नित्य ही प्राप्त हो रहे हैं एवं प्रदेश में ऊर्जा के गैर परम्परागत स्त्रोत आधारित संयंत्रों की गुणवत्ता में सतत् निखार आ रहा है।