प्रयागराज । उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 7 हजार से अधिक महिलाओं ने विभिन्न अखाड़ों में सांसारिक जीवन त्यागकर सन्यास दीक्षा ली। आधिकारिक बयान के अनुसार, पुराने अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरि और वैष्णव संतों के नेतृत्व में सनातन में शामिल होने वाली महिलाओं की संख्या अधिक रही।
इस बार सभी प्रमुख अखाड़ों में 7,000 से अधिक महिलाओं ने गुरु दीक्षा ली और सनातन की सेवा का संकल्प लिया।
इस बार महाकुंभ में 246 महिलाओं को नागा संन्यासी की दीक्षा दी गई।
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संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्ष डाॅ. दिव्या गिरि ने बताया, ‘इस बार महाकुंभ में 246 महिलाओं को नागा संन्यासी की दीक्षा दी गई।’ इससे पहले 2019 के कुंभ में 210 महिलाओं को नागा संन्यासी बनाया गया था। दिव्या गिरि ने कहा कि दीक्षा लेने वाली अधिकतर महिलाएं उच्च शिक्षित थीं और आत्मचिंतन में लगी हुई थीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन लोगों को शाश्वत को समझने और उससे जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं।
महाकुंभ के अंतिम चरण के लिए प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है।
महाकुंभ में युवाओं की भूमिका पर शोध करने आईं दिल्ली विश्वविद्यालय की शोध छात्रा इप्शिता होलकर ने बताया कि प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से वसंत पंचमी तक महाकुंभ के विभिन्न प्रवेश द्वारों पर किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि महाकुंभ में आने वाले हर 10 आगंतुकों में से चार महिलाएं थीं, जिनमें से 40 फीसदी नई पीढ़ी की थीं। गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान द्वारा इस विषय पर किए जा रहे सर्वेक्षण और शोध भी इस ओर इशारा करते हैं कि नई पीढ़ी में सनातन को समझने की चाहत तेजी से बढ़ी है।
झूंसी, नैनी और फाफामऊ इलाकों में लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं
महाकुंभ के अंतिम चरण के लिए प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन की स्थिति खराब है। पुलिसकर्मियों को कभी-कभी 16 से 18 घंटे लगातार काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
झूंसी, नैनी और फाफामऊ इलाकों में लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं। कई किलोमीटर तक फैले ट्रैफिक जाम में फंसे लोग खाने-पीने के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में कई राज्यों की सरकारों ने भी लोगों से प्रयागराज न जाने की अपील की है। फिर भी श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज की ओर लगातार बढ़ रहे हैं।