रायपुर । राजधानी रायपुर में दिनदहाड़े हुए 65 लाख की डकैती की वारदात को पुलिस ने 48 घंटे के भीतर सुलझाने में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस वारदात में शामिल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 59 लाख 50 हजार रुपए भी बरामद किए हैं। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने खुलासा किया कि इस वारदात का मास्टर माइंड पीड़ित परिवार का ही करीबी है, जिसने अपने दोस्त और उसकी पत्नी के साथ मिलकर इस डकैती की वारदात को अंजाम दिया था।
गौरतलब है कि 11 फरवरी को राजधानी रायपुर में नगरीय निकाय के लिए मतदान चल रहा था। पुलिस बल चुनाव संपन्न कराने में तैनात थी। इसी बीच दोपहर के वक्त महज 20 मिनट में मनोहरण वेलू के मकान में 3 लोगों को बंधक बनाकर 65 लाख की डकैती की वारदात की घटना से हड़कंप मच गया था। खम्हारडीह थाना के अनुपम नगर में हुए इस दिनदहाड़े डकैती की वारदात के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। आनन फानन में पुलिस की टीमों को अलर्ट कर आरोपियों की पतासाजी शुरू की जाती है।
पुलिस की जांच में खुलासा होता है कि आरोपी डकैत कमांडो ड्रेस पहनकर घर के भीतर घुसे। जिसके बाद पिस्टल की नोक पर बुजुर्गों सहित परिवान के अन्य लोग को बंधक बनाने के बाद घर में रखे 65 लाख 25 हजार रूपये कैश और सोने के जेवर छीनकर फरार हो गये। आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए बकायदा पीड़ित परिवार को लाल सलाम कहते हुए हल्ला करने पर घर को बम से उड़ा देने की धमकी भी दी गयी।
पुस्तैनी जमीन बेचने से मिले थे 65 लाख रूपये
पुलिस की जांच में पता चला था कि वेल्लू परिवार ने कुछ दिन पहले ही अपनी एक पुश्तैनी जमीन बेची थी। जिसके बाद 65 लाख रुपयों को उन्होंने घर के भीतर ही पलंग के नीचे रखा था। जिसकी जानकारी परिवार के करीबी आरोपी को थी। वारदात के दिन इन सारी जानकारी के आधार पर ही आरोपियों ने डकैती की वारदात को अंजाम देने के दौरान कैश के साथ ही आलमारी से गहने भी साथ लेकर चले गए। भागने के दौरान उन्होंने तीनों बुजुर्गों को कमरे के भीतर बंद कर दिया था।
डकैती की गुत्थी सुलझाने क्राईम ब्रांच की 10 टीमों का किया गया गठन
डकैती की इस वारदात को सुलझाने के लिए एसएसपी लाल उमेंद सिंह ने क्राईम ब्रांच की 10 विशेष टीमों का गठन किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा घटना स्थल निरीक्षण करने के उपरांत प्रार्थी और उसकी बहन प्रेमा व रंजनी से घटना के संबंध में तकनीकी रूप से विस्तृत पूछताछ करने के साथ तत्काल थानों एवं सरहदी जिलों में नाकेबंदी लगायी गयी। डॉग स्क्वाड, फोरेंसिक टीम एव क्राईम ब्रांच की टेक्निकल टीम को साक्ष्य जुटाने हेतु लगाया गया। साथ ही आसपास के लोगों से भी घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ कर साक्ष्य जुटाये गये।
क्राईम ब्रांच की टेक्निकल टीम द्वारा घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेजों का बारिकी से अवलोकन करने पर पाया गया कि एक महिला जो पीले रंग का सलवार शूट पहनी है व मुंह में स्कार्फ बांधी है और 04 पुरूष जिसमें से 02 लोग काम्बेट ड्रेस पहने है एवं 02 लोग सामान्य पहनावा धारण किये है। जो एक सफेद रंग की बिना नंबर की रिज्ड कार से आकर घटना स्थल पर रूके एवं बारी-बारी से प्रार्थी के घर अंदर प्रवेश किये एवं घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।
प्रॉपर्टी विवाद के बाद करीबियों पर था शक
पीड़ित वेलु परिवार काफी बड़ा है। यह आठ भाई-बहन है। जिस जमीन को परिवार ने बेची थी। उसे लेकर परिवार के लोगों के बीच विवाद था। इनमें से कुछ लोगों में नाराजगी भी थी। इसकी भनक लगते ही पुलिस का शक करीबियों पर गहरा गया था। पुलिस लगातार परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ कर रही थी। वारदात के दौरान वे कहां पर थे, वारदात के पहले और बाद के एक्टिविटी पर लगातार पुलिस नजर बनाए रखी थी।
BSF से रिटायर्ड जवान निकला डकैती का मास्टर माइंड
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पुलिस की जांच मेें खुलासा हुआ कि वारदात में शामिल ए. सोम शेखर बी.एस.एफ. से सूबेदार के पद से वर्ष 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लिया है। इसके बाद मौजूदा वक्त में वह रियल हेल्प नामक एन.जी.ओ. से जुड़ा है। साथ ही जमीन दलाली का भी कार्य करता है। इसका प्रार्थी के परिवार से घरेलू संबंध था व इसे पैसे रखें होने की जानकारी थी। आरोपी ए.सोम शेखर ने ही डकैती की योजना बनाने के बाद अपनी योजना में अपने साथी देवलाल वर्मा जो कि बिजली मिस्त्री है और कमलेश वर्मा जो कि ड्रायवर है और जमीन दलाली का भी कार्य करते है। तीनों को शामिल किया गया। योजना के मुताबिक अपने साथी देवलाल वर्मा और कमलेश वर्मा को जमीन खरीददार बताकर प्रार्थी के घर को दिखाया था और उन्हें घर में रखें नगदी रकम एवं रकम रखने के स्थान की जानकारी दी थी। इसके बाद अपनी इस योजना में और व्यक्तियों की जरूरत होने की बात कहते हुये अन्य व्यक्तियों को भी शामिल करने कहा।
जिस पर देवलाल वर्मा एवं कमलेश वर्मा द्वारा अपने परिचित पुरूषोत्तम देवांगन को योजना के बारे में बताया गया और अन्य आरोपियों अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, नागपुर महाराष्ट्र निवासी शाहिद पठान एवं पिंटू सारवान तथा बिलासपुर निवासी मनुराज मौर्य को योजना के बारे में बताकर अपने साथ शामिल किया गया। योजना के अनुसार घटना करने से पहले पुरूषोत्तम देवांगन ने अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी और नेहा त्रिपाठी को प्रार्थी का मकान पहचान कराया गया। उसके बाद 11 फरवरी को राहुल त्रिपाठी और नेहा त्रिपाठी अपने अल्टो कार से झीठ आये राहुल त्रिपाठी और अल्टो कार को वही पर छोड़ दिये। आरोपियों ने अपने सभी मोबाईल फोन को स्वीच ऑफ करके वही रख दिये। ताकि पुलिस की उन तक पहुंच न सके। बिना नंबर की रिज्ड कार में पांचो आरोपी सवार होकर रायपुर आकर उक्त डकैती की घटना को अंजाम दिये। रायपुर पुलिस ने इस डकैती की वारदात को सुलझाकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के कब्ज से डकैती की नगदी रकम 59 लाख 50 हजार रूपये, सोने के जेवरात और घटना में प्रयुक्त रिज्ड कार और अल्टो कार जब्त किया है।